नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार तृणमूल कांग्रेस के यशवंत सिन्हा की पहल पर आज दिल्ली में बुलाई गई बीजेपी-विरोधी बैठक में कांग्रेस और वामदलों के शामिल होने की सम्भावनाएं कम हैं। इस बैठक के पहले सुबह एनसीपी के राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक भी होने जा रही है। दूसरी तरफ कश्मीर को लेकर प्रधानमंत्री द्वारा 24 जून को बुलाई गई बैठक के सिलसिले में गुपकार समूह की बैठक भी आज हो रही है।
यशवंत सिन्हा ने इस
बैठक की खबर को मीडिया में
मिले महत्व पर हैरत जाहिर की है। उनके विचार से यह मामूली बैठक है। इसके पहले
राष्ट्र मंच की बैठकों पर कोई ध्यान नहीं देता था। यह बैठक शरद पवार के घर पर नहीं
हुई होती, तो शायद इसबार भी इसपर ध्यान नहीं जाता। और बैठक हो रही है, तो कुछ
बातें भी होंगी। बहरहाल आज की बैठक उस फेडरल फ्रंट की तैयारी लगती है, जिसकी पेशकश
2019 के लोकसभा चुनाव के पहले टीआरएस के चंद्रशेखर राव ने की थी और जिसका समर्थन ममता
बनर्जी और नवीन पटनायक ने किया था।
यह गतिविधि उत्तर प्रदेश के चुनाव के पहले हो रही है। तृणमूल कांग्रेस की कामना उत्तर प्रदेश में प्रवेश करने की है। आम आदमी पार्टी ने भी उत्तर प्रदेश के मंसूबे बाँध रखे हैं। देखना होगा कि इस वक्त इस मोर्चे में शामिल होने को उत्सुक कितने दल हैं। क्या समाजवादी पार्टी भी इसमें शामिल होगी? नवाब मलिक ने जो सूची जारी की है, उसमें अखिलेश यादव का नाम नहीं है।