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न्यूयॉर्क टाइम्स में भारत का मज़ाक उड़ाता कार्टून |
यह आलेख 4 जून, 2024 को चुनाव-परिणाम
आने के ठीक पहले प्रकाशित हुआ था।
लोकसभा चुनाव के परिणाम आज आने वाले हैं, पर उसके
पहले एग्ज़िट पोल के परिणाम आ चुके हैं, जिन्हें लेकर देश के अलावा विदेश में भी प्रतिक्रिया
हुई है. रायटर्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय एग्ज़िट-पोलों के परिणाम असमान
(पैची) होते हैं.
भारतीय चुनाव के परिणामों को लेकर पश्चिमी
देशों में खासी दिलचस्पी है. अमेरिका और यूरोप में भारतीय-लोकतंत्र को लेकर पहले
से कड़वाहट है, पर पिछले दस साल में यह कड़वाहट बढ़ी है.
एग्ज़िट पोल से अनुमान लगता है कि देश में
लगातार तीसरी बार नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनने जा रही है. अंतिम परिणाम
क्या होंगे, यह आज (4 जून को)
स्पष्ट होगा, पर भारतीय लोकतंत्र को लेकर पश्चिमी देशों में जो सवाल खड़े किए जा
रहे हैं, उनपर विचार करने का मौका आ रहा है.
पश्चिमी-चिंताएं
2014 और 2019 में भी लोकसभा चुनावों के ठीक
पहले पश्चिम के मुख्यधारा-मीडिया ने चिंता व्यक्त की थी. साफ है कि उन्हें भारतीय
जनता पार्टी और नरेंद्र मोदी नापसंद हैं, फिर भी उन्हें पसंद करना पड़ रहा है.
जैसे-जैसे भारत का वैश्विक-प्रभाव बढ़ेगा, पश्चिमी-प्रतिक्रिया
भी बढ़ेगी. लोकतांत्रिक-रेटिंग करने वाली संस्थाएं भारत के रैंक को घटा रही हैं,
विश्वविद्यालयों में भारतीय-लोकतंत्र को सेमिनार हो रहे हैं और भारतीय-मूल के
अकादमीशियन चिंता-व्यक्त करते शोध-प्रबंध लिख रहे हैं.