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Wednesday, October 21, 2020

पेरू के पहाड़ पर किसने उकेरी इतनी बड़ी बिल्ली की तस्वीर ?

 


दक्षिण अमेरिका के देश पेरू में पुरातत्व विज्ञानियों ने एक ऐसे पहाड़ की खोज की है, जिसपर एक विशाल बिल्ली की आकृति उकेरी गई है। 120 फुट लम्बी यह आकृति बिल्ली की है, इसे आप तभी पहचान सकते हैं, जब उसे आसमान से देखें। अनुमान है कि इस बिल्ली को पत्थरों पर करीब दो हजार साल पहले उकेरा गया होगा। इस आकृति को उकेरने का उद्देश्य क्या रहा होगा और किसने यह काम किया होगा, यह अभी रहस्य है।

पेरू के पहाड़ अपनी नाज़्का लाइंस के कारण पहले से ही प्रसिद्ध हैं। नाज़्का लाइंस पेरू के रेगिस्तान में पत्थरों और मिट्टी को हटाकर जमीन पर खींची गई रेखाएं हैं, जिनसे कुछ विचित्र सी आकृतियाँ बनती हैं। इन आकृतियों को भी आकाश से ही देखा जा सकता है। बिल्ली की जो आकृति खोजी गई है, वह नाज़्का लाइंस से भी पहले बनाई गई लगती है। यह बिल्ली पहाड़ के ढलान पर बनी है और करीब दो हजार साल से मौसम की मार के कारण इसका काफी क्षरण हो चुका है।

कुछ समय पहले तक यह बिल्ली नजर नहीं आती थी, पर जब पहाड़ की सफाई की गई तो वह उभर कर आई है। उसके पहले खोज करने वालों को इस पहाड़ पर कुछ विचित्र सी चीजें नजर आई थीं। जब सफाई की गई, तो यह बिल्ली उभर कर आई। बहरहाल यह शोध का विषय है कि पहाड़ की चट्टानों पर इस बिल्ली के आकार को किस तरह उकेरा गया होगा। इतनी बड़ी आकृति की परिकल्पना किसने की होगी और आसमान पर उड़ने की व्यवस्था तब थी नहीं, तब किसे लगा होगा कि तस्वीर पूरी बन गई है। वस्तुतः नाज़्का लाइंस से जुड़ी परिकल्पनाओं में एक यह भी है कि इन आकृतियों का रिश्ता अंतरिक्ष के निवासियों से है, जो धरती पर आते थे। नाज़्का लाइंस पर कुछ बातें पढ़ें कल।

 

Tuesday, July 27, 2010

ग्लोबल अपडेट

पेरू मे सर्दी


इन दिनों जब हम भारत में उमस भरी गर्मी से परेशान हैं, पेरू में सरकार ने करीब आधे देश में आपत्काल की घोषणा की है। दक्षिणी गोलार्ध में होने के कारण वहाँ इन दिनों ठंड होती भी है, पर इस साल कुछ ज्यादा ही है। जिन शहरों में इन दिनों शून्य के आसपास तापमान होता था, वहाँ -24 डिग्री या  उससे भी नीचे चला गया है। 


सर्दी के कारण हजारों लोगों के मरने की खबर है। इनमें ज्यादातर बच्चे हैं। सर्दी से मरने के पीछे बड़ा कारण कुपोषण और गरीबी है। 


दोनों कास्त्रो खामोश रहे


क्यूबा में बतिस्ता के शासन का खात्मा हालांकि 1 जनवरी 1959 को हुआ था, पर वहाँ क्रांति दिवस 26 जुलाई को मनाया जाता है। दरअसल क्यूबा के 82 क्रांतिकारियों ने मैक्सिको से जो आंदोलन खड़ा किया था, उसकी शुरूआत 26 जुलाई 1953 को हुई थी। इन क्रांतिकारियों में फिदेल कास्त्रो भी थे। 


इस साल आशा थी कि नए राष्ट्रपति राउल कास्त्रो क्रांति दिवस पर कुछ ऐसा बोलेंगे, जो क्रांतिकारी हो। फिदेल के छोटे भाई राउल सार्जनिक रूप से बहुत कम बोलते हैं। उन्होंने क्रांति दिवस पर भी कुछ नहीं बोला। उनकी जगह उप राष्ट्रपति वेंच्यूरा ने देश को संबोधित  किया। पिछले महीने राउल कास्त्रो ने देश में राजनैतिक बंदियों को रिहा करने की घोषणा की थी। उसके बाद से आशा थी कि वे शायद कुछ नए कदम उठाएंगे। 


वेनेज़ुएला-कोलम्बिया तनाव


इन दिनों वेनेज़ुएला और कोलम्बिया के बीच तनाव करीब-करीब उतना ही तीखा हो गया है, जितना सुदूर पूर्व में दोनों कोरियाओं के बीच है। कोलम्बिया इस इलाके में अमेरिका का मित्र देश है। उसका आरोप है कि वेनेज़ुएला उसके विद्रोहियों की मदद कर रहा है। दोनों देशों के बीच युद्ध का अंदेशा है। इस बीच वेनेज़ुएला ने धमकी दी है कि वह अमेरिका को तेल की सप्लाई बंद कर देगा।