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Tuesday, November 17, 2020

गुपकार गठबंधन पर जवाबी बयानबाज़ी

 



जम्मू-कश्मीर में गुपकार गठबंधन और भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के बीच बयानबाज़ी काफी कटु स्तर पर आ गई है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसे बताया 'गुपकार गैंग' कहा है। उन्होंने यह भी कहा कि जम्‍मू-कश्‍मीर को ये लोग आतंक के दौर में वापस ले जाना चाहते हैं। अमित शाह ने ट्विटर पर कहा कि ये लोग विदेशी ताकतों का जम्‍मू-कश्‍मीर में दखल चाहते हैं।

हालांकि कांग्रेस इस गठबंधन में शामिल नहीं है, पर उसका समर्थन इस गठबंधन को प्राप्त है। गुपकार गठबंधन ने डीडीसी चुनाव में उतरे जिन प्रत्याशियों की सूची जारी की है, उनमें कांग्रेस के प्रत्याशी भी शामिल हैं।  शाह ने कहा है, गुपकार गैंग भारत के तिरंगे का अपमान करता है। क्या सोनिया जी और राहुल गुपकार गैंग के ऐसे कदमों का समर्थन करते हैं? उन्‍हें देश की जनता के सामने अपना स्टैंड साफ करना चाहिए।

इसके जवाब में महबूबा मुफ्ती ने कहा, चुनाव लड़ना भी अब राष्ट्र-विरोधी हो गया। बीजेपी जितने चाहे गठबंधन करे, हम करें तो राष्ट्र-द्रोह? महबूबा मुफ्ती ने तिरंगे झंडे के बार में अपने बयान में तब्दीली की है। उनका कहना है कि कश्मीर का झंडा भी तिरंगे के साथ हमारे हाथ में होगा। इसका आशय है कि वे भारतीय राष्ट्र राज्य के भीतर रहते हुए कश्मीर की स्वायत्तता की समर्थक हैं। कमोबेश यही स्थिति उनकी पिछले साल अनुच्छेद 370 हटने के पहले की थी। तबसे अबतक फर्क यह पड़ा है कि कश्मीर के ज्यादातर दल आपसी प्रतिद्वंद्विता भुलाकर एकसाथ आ गए हैं। उन्होंने घाटी के बाद जम्मू क्षेत्र में में भी संपर्क साधा है।

Sunday, June 2, 2019

अमित शाह, सफलता के द्वार पर


असाधारण क्षमताओं वाले व्यक्ति अपने लिए खुद रास्ते बनाते हैं और अक्सर ऐतिहासिक परिस्थितियाँ उनका इंतजार करती हैं। देश की नई सरकार के गठन के बाद जो बात सबसे ज्यादा ध्यान खींचती है, वह है अमित शाह का गृहमंत्री बनना। इसमें संदेह कभी नहीं था कि वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र के सबसे विश्वस्त सहयोगी हैं। और उनकी यह जोड़ी वाजपेयी-आडवाणी की जोड़ी के मुकाबले ज्यादा व्यावहारिक, प्रभावशाली और सफल है। यह अलग बात है कि वाजपेयी-आडवाणी इस पार्टी की बुनियाद पर हमेशा बने रहेंगे।  
नरेन्द्र मोदी से अमित शाह की मुलाकात 1986 में हुई थी, जो आज तक चली आ रही है। उस वक्त अमित शाह छात्र नेता थे। पर पिछले चार वर्षों से ज्यादा समय में पार्टी अध्यक्ष के रूप में उन्होंने जो भूमिका निभाई, वह असाधारण है। उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि है पार्टी को काडर-बेस के बजाय मास-बेस बनाना। पार्टी का दावा है कि उसके 11 करोड़ सदस्य हैं और वह दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी है। यह उपलब्धि अध्यक्ष के रूप में अपने कार्यकाल के दूसरे वर्ष में ही उन्होंने प्राप्त कर ली थी।

Tuesday, January 31, 2017

अमित शाह की नजर में यह ‘ड्रामा’ चलेगा नहीं

रविवार को जहाँ दिनभर सपा-कांग्रेस के गठबंधन के औपचारिक समारोह से  लखनऊ शहर रंगा रहा, वहीं रात होते-होते भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि यह पारिवारिक ड्रामा इस गठबंधन की रक्षा कर नहीं पाएगा.
उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में जहाँ सपा-कांग्रेस गठबंधन को नोटबंदी के नकारात्मक प्रभाव से उम्मीदें हैं वहीं बीजेपी के रणनीतिकार अमित शाह को लगता है कि प्रदेश का वोटर पिछले 15 साल की अराजकता और भ्रष्टाचार के खिलाफ अपना फैसला सुनाएगा. उनका दावा है कि पार्टी को दो-तिहाई बहुमत मिल जाएगा.