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Friday, October 7, 2022

कितनी मजबूत है कांग्रेस की धुरी?


नाटकीयता भारतीय राजनीति का सबसे बड़ा गुण है। नरेंद्र मोदी की सफलता के पीछे नाटकीयता की बड़ी भूमिका है। मुलायम सिंह के बाद अखिलेश के ताकतवर बनने का मौका नाटकीय घटनाक्रम से भरा रहा। इस राजनीतिक-नाटकीयता के जन्म का श्रेय भी कांग्रेस को ही जाता है। स्वतंत्रता के पहले गांधी और सुभाष, स्वतंत्रता के बाद नेहरू और टंडन, फिर 1969 के राष्ट्रपति चुनाव में नाटकीयता चरम पर थी। 1998 में सीताराम केसरी को नाटकीय परिस्थितियों में हटाकर ही सोनिया गांधी आई थीं।
 

अब कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के मौके पर परिस्थितियों ने नाटकीय मोड़ ले लिया। शुरुआत अशोक गहलोत के प्रत्याशी बनने की संभावनाओं और फिर उनके समर्थकों की बगावत से हुई। पार्टी हाईकमान और अशोक गहलोत दोनों एक तीर से दो निशाने लगा रहे थे। हाईकमान को लगा कि गहलोत को जयपुर से हटाकर दिल्ली बैठाने से सचिन पायलट को काम मिल जाएगा। गहलोत की योजना थी कि दिल्ली जाएंगे, पर जयपुर में अपना कोई बंदा बैठाएंगे। सचिन पायलट की कहानी शुरू नहीं होने देंगे।

गहलोत प्रकरण फिलहाल पृष्ठभूमि में चला गया है, पर यह मानकर नहीं चलना चाहिए कि वह खत्म हो गया है। इसका दूसरा अध्याय पार्टी अध्यक्ष के चुनाव के बाद शुरू होगा। फिलहाल देखें कि नए अध्यक्ष के चुने जाने की औपचारिक घोषणा होने के पहले या बाद में नाटकीय परिस्थितियों की गुंजाइश है या नहीं?  पर उससे ज्यादा महत्वपूर्ण यह समझना है कि नया पार्टी अध्यक्ष 2024 के चुनाव में पार्टी की संभावनाओं को बेहतर करने में मददगार होगा या नहीं

Saturday, October 16, 2021

राहुल गांधी फिर से पार्टी अध्यक्ष बनने पर विचार करने को तैयार


कांग्रेस कार्यसमिति की आज 16 अक्तूबर को हुई बैठक के आधार पर अनुमान लगाया जा सकता है कि राहुल गांधी सम्भवतः फिर से कांग्रेस अध्यक्ष बनने को राजी हो जाएंगे। संगठन चुनाव को लेकर हुई कार्यसमिति की बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने राहुल से पार्टी अध्यक्ष बनने का आग्रह किया जिस पर उन्होंने कहा कि मैं इस पर विचार करूँगा। कार्यसमिति की आज की बैठक में पार्टी ने किसान आंदोलन, अल्पसंख्यकों, दलितों और लोकतांत्रिक गतिविधियों के दमन को लेकर मोदी सरकार के खिलाफ एक प्रस्ताव भी पास किया।

राहुल गांधी का कांग्रेस पार्टी का अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष बनना तय माना जा रहा है, पर इसके लिए अगले साल चुनाव होंगे। कार्यसमिति की बैठक में अशोक गहलोत के इस प्रस्ताव पर तकरीबन सभी नेताओं ने हामी भर दी है। ऐसे में राहुल गांधी को अगले साल राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जाना तय हो गया है। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्यों की इस मांग पर राहुल गांधी ने विचार करने की बात कही है। इस प्रस्ताव में हामी भरने वाले जी-23 के वे नेता भी हैं, जो कल तक पार्टी के तमाम फैसलों पर न सिर्फ सवालिया निशान लगा रहे थे बल्कि राहुल गांधी पर भी सवाल उठाते थे।

कार्यसमिति की बैठक में कांग्रेस संगठन के चुनाव यानी अध्यक्ष के चुनाव की तारीखों पर मुहर लगी। तय कार्यक्रम के मुताबिक सितम्बर 2022 तक कांग्रेस को अगला अध्यक्ष मिल जाएगा। इसके पहले चर्चा थी कि पार्टी ने पदाधिकारियों के चुनाव के लिए इस समय को उपयुक्त नहीं माना है। बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में पार्टी के मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने कहा, सीडब्ल्यूसी के हर सदस्य ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी में उनका गहरा विश्वास है। सोनिया गांधी बीमार होकर भी किसी स्वस्थ व्यक्ति से ज्यादा 24 घंटे काम करती हैं। सीडब्ल्यूसी के सदस्यों ने अनुरोध किया कि अगले चुनाव तक वह नेतृत्व करें। रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि कई नेताओं ने यह बात उठाई कि राहुल गांधी आगे बढ़ कर पार्टी का नेतृत्व संभालें।

Wednesday, November 25, 2020

आंतरिक चुनाव के लिए तैयार होती कांग्रेस


कांग्रेस पार्टी के प्रदर्शन और अंदरूनी बहस के बाहर निकल कर आने के बाद भीतर से अब सुगबुगाहट सुनाई पड़ रही है। मंगलवार 24 नवंबर को पार्टी की केंद्रीय चुनाव प्राधिकार (सीईए) की बैठक में पार्टी अध्यक्ष तथा कार्यसमिति के सदस्यों के चुनावों को लेकर विचार किया गया। सीईए अब तक तीन बैठकें हो चुकी हैं। अनुमान है कि चुनाव कार्यक्रम इस साल के अंत तक तैयार हो जाएगा, पर अखिल भारतीय कांग्रेस महासमिति (एआईसीसी) की बैठक फरवरी के पहले होने की संभावना नहीं है। इधर अहमद पटेल के निधन के बाद पार्टी की आंतरिक संरचना पर भी फर्क पड़ने की संभावनाएं हैं। 

यह बैठक इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि दो दिन पहले ही गुलाम नबी आजाद ने एकबार फिर से पार्टी नेतृत्व को निशाना बनाया। बिहार चुनाव और राज्यों में हुए उपचुनाव में कांग्रेस की हार के बाद गुलाम नबी आजाद के अलावा कपिल सिब्बल, तारिक अनवर और पी चिदंबरम ने भी अंतर्मंथन की माँग की है। तारिक अनवर ने कहा कि पार्टी हार के कारणों पर विचार करेगी।  

सीईए के एक वरिष्ठ सदस्य ने द हिन्दू को बताया कि अगले 20-25 दिन में मतदाता सूची तैयार हो जाएगी। चुनाव गोपनीय मतदान के माध्यम से होंगे। हमें इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए 25 दिन और चाहिए। जैसे ही कार्यसमिति की अनुमति होगी, चुनाव प्रक्रिया शुरू कर देंगे। फिलहाल मतदाता सूची बनने के बाद इसकी जानकारी पार्टी अध्यक्ष को सौंपेंगे, जिसके बाद का फैसला उन्हें करना है। सीईए के प्रमुख मधुसूदन मिस्त्री हैं और उसमें कर्नाटक के कृष्ण बायरे गौडा, तमिलनाडु से लोकसभा सदस्य एस जोतिमणि, दिल्ली के अरविंदर सिंह लवली और उत्तर प्रदेश के राजेश कुमार मिश्रा शामिल हैं।