Showing posts with label न्यूयॉर्क टाइम्स. Show all posts
Showing posts with label न्यूयॉर्क टाइम्स. Show all posts

Monday, October 26, 2020

रुक्मिणी कैलीमाची और पत्रकारिता की साख

हाल में न्यूयॉर्क टाइम्स के स्तंभकार बेन स्मिथ ने अपने ही अखबार की स्टार रिपोर्टर रुक्मिणी कैलीमाची की रिपोर्टों की कड़ी आलोचना की, तो पत्रकारिता की साख से जुड़े कई सवाल एकसाथ सामने आए। अप्रेल 2018 में जब न्यूयॉर्क टाइम्स में रुक्मिणी कैलीमाची और एंडी मिल्स की कैलीफैट शीर्षक से दस-अंकों की प्रसिद्ध पॉडकास्ट सीरीज शुरू हुई थी, अमेरिका के कई पत्रकारों ने संदेह व्यक्त किया था कि यह कहानी फर्जी भी हो सकती है। संदेह व्यक्त करने वालों में न्यूयॉर्क टाइम्स के पत्रकार भी थे। इन संदेहों को व्यावसायिक प्रतिद्वंद्विता और ईर्ष्या-प्रेरित मान लिया गया। अब वही अखबार इस बात की जाँच कर रहा है कि कहाँ पर चूक हो गई।

इस विवाद के उभरने के बाद न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपने मीडिया रिपोर्टर बेन स्मिथ को पड़ताल का जिम्मा दिया है। बेन स्मिथ मशहूर बाइलाइनों धुलाई करने वाले रिपोर्टर-स्तंभकार माने जाते हैं। विवाद की खबर आने के बाद इसी अखबार के इराक ब्यूरो की पूर्व प्रमुख मार्गरेट कोकर ने ट्वीट किया कि इस सीरीज का नाम अब बदलकर होक्स (झूठ) रख देना चाहिए। यह उनके मन की भड़ास थी। पड़ताल के दिनों में कैलीमाची के साथ मतभेद होने पर उन्होंने इस्तीफा दिया था। न्यूयॉर्क टाइम्स ने अब वरिष्ठ सम्पादकों को इस प्रकरण की जाँच का जिम्मा दिया है।

Saturday, October 17, 2020

विवाद का विषय क्यों बनीं रुक्मिणी कैलीमाची की 'कैलीफैट' रिपोर्ट

न्यूयॉर्क टाइम्स की प्रसिद्ध रिपोर्टर रुक्मिणी कैलीमाची को अलकायदा और इस्लामिक स्टेट की जबर्दस्त रिपोर्टिंग के कारण ख्याति मिली है। ये रिपोर्ट पॉडकास्टिंग पत्रकारिता के मील का पत्थर साबित हुई हैं। अब कनाडा में इन जानकारियों के एक सूत्रधार की गिरफ्तारी के बाद रुक्मिणी विवाद के घेरे में आ गई हैं। विवाद उनकी रिपोर्टिंग या जानबूझकर की गई किसी गलती के कारण नहीं है, बल्कि उस व्यक्ति की धोखाधड़ी से जुड़ा है, जिसकी बातों के आधार पर रिपोर्ट तैयार की गई थीं। इन जानकारियों के आधार पर रुक्मिणी की इन रिपोर्टों को पिछले एक दशक के सबसे उल्लेखनीय पत्रकारीय कर्म में शामिल किया गया है। साथ ही रुक्मिणी की साख बेहद विश्वसनीय रिपोर्टर के रूप में स्थापित हो गई थी। फिलहाल दोनों पर सवालिया निशान हैं और अब इस बात की पड़ताल हो रही है कि ऐसा हो कैसे गया। 

Monday, October 14, 2013

इंटरनेशनल हैरल्ड ट्रिब्यून अब न्यूयॉर्क टाइम्स बना

अंतरराष्ट्रीय खबरों के लिए दुनिया के सबसे मशहूर अखबार इंटरनेशनल हैरल्ड ट्रिब्यून का आज आखिरी अंक प्रकाशित हुआ। कल यानी 15 अक्टूबर से यह नए नाम इंटरनेशनल न्यूयॉर्क टाइम्स नाम से निकलेगा। यह इस अखबार का पहली बार पुनर्नामकरण संस्कार नहीं हुआ ङै। न्यूयॉर्क हैरल्ड नाम के अमेरिकी अखबार ने सन 1887 में जब अपना यूरोप संस्करण शुरू किया तो उसका नाम रखा न्यूयॉर्क हैरल्ड ट्रिब्यून, जो बाद में इंटरनेशनल हैरल्ड ट्रब्यून बना।  इंटरनेशनल न्यूयॉर्क टाइम्स बनने का मतलब है कि यह अब पूरी तरह न्यूयॉर्क टाइम्स की सम्पत्ति हो गया है। कुछ साल पहले तक यह अखबार वॉशिंगटन पोस्ट के सहयोग से चल रहा था। इंटरनेशनल हैरल्ड ट्रिब्यून का एक भारतीय संस्करण हैदराबाद से निकलता था, जिसे डैकन क्रॉनिकल निकालता था। हालांकि भारत से विदेशी प्रकाशन को निकालना सम्भव नहीं है, पर कई प्रकार की जटिल जुगत करके इसे निकाला जा रहा था और इसके सम्पादक एमजे अकबर थे। यह संस्करण कल से नहीं मिलेगा। 

सन 2007 के वीडियो में देखिए किस तरह तैयार होता था इंटरनेशनल हैरल्ड ट्रिब्यून