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Wednesday, January 15, 2025

भारत-अफगान रिश्तों में बड़ा मोड़


एक तरफ भारत-बांग्लादेश के रिश्तों में कड़वाहट आ रही है, वहीं अफगानिस्तान के साथ रिश्तों में अप्रत्याशित सुधार दिखाई पड़ रहा है. पिछली 8 जनवरी को भारत के विदेश-सचिव विक्रम मिस्री और तालिबान सरकार के विदेशमंत्री आमिर खान मुत्तकी के बीच हुई बैठक से एक साथ कई तरह के संदेश गए हैं. 

अब तक संयुक्त सचिव स्तर के एक भारतीय अधिकारी मुत्तकी और रक्षामंत्री मोहम्मद याकूब सहित तालिबान के मंत्रियों से मिलते रहे हैं. लेकिन विदेश सचिव की इस मुलाकात से रिश्तों को एक नया आयाम मिला है. भारत के इस कदम को राष्ट्रीय-सुरक्षा की दृष्टि से उठाया गया कदम माना जा रहा है.

इस मुलाकात के पहले भारत ने पाकिस्तानी वायुसेना द्वारा अफगानिस्तान के पक्तिका प्रांत में किए गए हमलों की निंदा करके प्रतीक रूप में संकेत दे दिया था कि वह किसी बड़ी राजनयिक-पहल के लिए तैयार है. 

हाल में पाकिस्तानी वायुसेना के हमले में महिलाओं और बच्चों सहित 46 अफगान नागरिकों की जान गई थी. इससे बिगड़ते पाक-अफगान रिश्तों पर रोशनी पड़ी, वहीं भारत के बयान से इसका दूसरा पहलू भी उजागर हुआ.

स्थिति में सुधार

भारत की दिलचस्पी इस बात में रही है कि अफगानिस्तान में आतंकवाद का  पनपना बंद हो जाए. सभी अनुमानों के अनुसार, स्थिति में सुधार हुआ है. यह भी सच है कि वहाँ महिलाओं के अधिकारों को कुचला गया है, जो भारत के लिए परेशानी की बात है. 

पर्यवेक्षक मानते हैं कि भारत के इस समय बातचीत करने के पीछे कुछ बड़े कारण इस प्रकार हैं: एक, तालिबान का हितैषी और सहयोगी पाकिस्तान उसका विरोधी बन गया है, ईरान काफ़ी कमज़ोर हो गया है, रूस अपनी लड़ाई में फँसा है और अमेरिका ट्रंप की वापसी देख रहा है. 

Wednesday, March 13, 2024

अफ़ग़ान-प्रशासन के साथ जुड़ते भारत के तार

 


देस-परदेस

अरसे से हमारा ध्यान अफ़ग़ानिस्तान की ओर से हट गया है, पर पिछले गुरुवार 7 मार्च को एक भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने अफगानिस्तान के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की, तो एकबारगी नज़रें उधर गई हैं. चीन, रूस, अमेरिका और पाकिस्तान समेत विश्व समुदाय के साथ तालिबान के संपर्कों को लेकर भी उत्सुकता फिर से जागी है.

तालिबानी सत्ता क़ायम होने के बाद भारत ने अफ़ग़ान नागरिकों को वीज़ा जारी करना बंद कर दिया है, लेकिन पिछले दो वर्षों में उसने आश्चर्यजनक तरीके से काबुल के साथ संपर्क स्थापित किया है.

अगस्त 2021 में काबुल पर तालिबानी शासन की स्थापना के बाद पिछले दो-ढाई साल में भारतीय अधिकारियों के दो शिष्टमंडल अफ़ग़ानिस्तान की यात्रा कर चुके हैं. जून, 2022 में काबुल में भारत का तकनीकी मिशन खोला गया, जो मानवीय कार्यक्रमों का समन्वय करता है.

पिछले गुरुवार को भारतीय विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी जेपी सिंह ने तालिबान के विदेशी मामलों को प्रभारी (वस्तुतः विदेशमंत्री) आमिर खान मुत्तकी तथा अन्य अफ़ग़ान अधिकारियों के साथ बातचीत की. प्रत्यक्षतः यह मुलाकात मानवीय सहायता के साथ-साथ अफ़ग़ान व्यापारियों द्वारा चाबहार बंदरगाह के इस्तेमाल पर भी हुई.

कंधार दफ्तर खुलेगा?

तालिबान-प्रवक्ता ने कहा कि भारतीय प्रतिनिधि ने अफ़ग़ान व्यापारियों को वीज़ा जारी करने के लिए जरूरी व्यवस्था करने का आश्वासन दिया है. इससे क़यास लगाया जा रहा है कि कंधार में भारत अपना वाणिज्य दूतावास खोल सकता है. अफ़ग़ानिस्तान ने कारोबारियों, मरीज़ों और छात्रों को भारत का वीज़ा देने का अनुरोध किया है.