याकूब मेमन की फाँसी के बाद क्या यह मान लें कि मुम्बई सीरियल बम धमाकों से जुड़े अपराधों पर अंतिम रूप से न्याय हो गया है? याकूब मेमन अब जीवित नहीं है, इसलिए इस मामले से जुड़े एक महत्वपूर्ण पात्र से अब भविष्य में पूछताछ सम्भव नहीं। हम अब इस मामले से जुड़े दूसरे महत्वपूर्ण अपराधियों को सज़ा देने की दिशा में क्या करेंगे? क्या हम टाइगर मेमन और दाऊद इब्राहीम को पकड़कर भारत ला सकेंगे? सन 1992-93 में हुए मुम्बई दंगों और उसके बाद के सीरियल धमाकों के बारे में हमारे देश के मीडिया में इतनी जानकारी भरी पड़ी है कि उसे एकसाथ पढ़ना और समझना मुश्किल काम है। फिर तमाम बातें हमारी जानकारी से बाहर हैं। तमाम भेद दाऊद इब्राहीम और टाइगर मेमन के पास हैं। हमें जो जानकारी है, वह सफेद और काले रंगों में है। यानी कुछ लोग साफ अपराधी हैं और कुछ लोग नहीं हैं। पर काफी ‘ग्रे’ बातें छिपी हुई हैं।