लम्बे अरसे से
हिमालयी क्षेत्र में महा-- भूकम्प का अंदेशा है। कहना मुश्किल है कि यह वही
भूकम्प था या इससे बड़ा भूकम्प और आएगा। धरती के नीचे टेक्टोनिक प्लेटों के लगातार
जमा होते तनाव के कारण यह भूकम्प अनिवार्य था। पिछले डेढ़ सौ साल में हिमालय
क्षेत्र में चार बड़े भूकम्प आए हैं। पर जिस इलाके में इस बार आया है वहाँ एक अरसे
से कोई बड़ी घटना नहीं हुई थी। भूकम्प को टाला नहीं जा सकता, पर उससे होने वाले
नुकसान को सीमित किया जा सकता है। दूसरे उससे हम कुछ सीख भी सकते हैं। प्राकृतिक
आपदा कई तरीकों से सामने आती है। कोई भी प्राकृतिक परिघटना आपदा तभी बनती है जब हम
उसपर काबू करने की कोशिश करते हैं। दूसरी ओर प्रकृति के अनुरूप हम खुद को ढालें तो वह हमारी मित्र है।