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Thursday, November 12, 2020

पाकिस्तान में सेना ने विरोधी दलों से संपर्क साधा

बुधवार को बल्तिस्तान में मरयम नवाज शरीफ जिस स्थानीय वेशभूषा में थीं, वह तुर्की ड्रामा सीरियल एर्तुग्रल की एक महत्वपूर्ण पात्र हलीमे सुल्तान की वेशभूषा से मिलती-जुलती थी। उन्होंने नीले रंग का परिधान पहना था, जो इस सीरियल की अभिनेत्री एसरा बिल्जिक के परिधान से मिलता जुलता है। 

ऐसा लगता है कि पाकिस्तान में पीपुल्स डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) को देखते हुए वहाँ की सेना ने इन विरोधी दलों के साथ बातचीत करने की पेशकश की है। जियो न्यूज के अनुसार नवाज शरीफ की बेटी और
पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नून) की उपाध्यक्ष मरियम नवाज शरीफ ने कहा है कि हम मिलिटरी एस्टेब्लिशमेंट के साथ बातचीत करने को तैयार हैं, बशर्ते वे पाकिस्तान तहरीके इंसाफ पार्टी के इमरान खान से पल्ला झाड़ने को तैयार हो जाएं।

मरियम ने बीबीसी की उर्दू सेवा से कहा, 'फ़ौज मेरा इदारा (संस्था) है हम ज़रूर बात करेंगे, लेकिन आईन (संविधान) के दायरा कार में रहते हुए। अगर कोई क्रीज़ से निकल कर खेलने की कोशिश करेगा, जो (दायरा कार आईन ने वज़ा कर दिया है इस में रह कर बात होगी, और वो बात अब अवाम के सामने होगी, छिप-छुपा कर नहीं होगी। उन्होंने कहा कि 'मैं इदारे के मुख़ालिफ़ नहीं हूँ मगर समझती हूँ कि अगर हमने आगे बढ़ना है तो इस हुकूमत को घर जाना होगा।

Monday, November 9, 2020

पाकिस्तान में विरोधी आंदोलन का अगला दौर

इस्लामाबाद में मौलाना फजलुर्रहमान

पाकिस्तान के विरोधी दलों के आंदोलन पीडीएम का अगला दौर अब 13 नवंबर से शुरू होगा, जब 11 दलों का यह गठबंधन इस्लामाबाद में बैठक करने के बाद एक माँग-पत्र जारी करेगा। रविवार 8 नवंबर को पीडीएम के अध्यक्ष मौलाना फजलुर्रहमान ने इस्लामाबाद में कहा कि सभी दल अपने-अपने प्रस्ताव उस बैठक में रखेंगे, जिसके बाद उसके अगले दिन सभी दलों के प्रमुखों की बैठक में उस माँग-पत्र को अंतिम रूप दिया जाएगा।

मौलाना फजलुर्रहमान ने इस्लामाबाद में इन दलों की बैठक के बाद इस आंदोलन की भावी दिशा के संकेत दिए। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य देश में वास्तविक सांविधानिक और लोकतांत्रिक व्यवस्था को लागू करना है। इस बैठक में पाकिस्तान मुस्लिम लीग नून के अध्यक्ष नवाज शरीफ और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के सह-अध्यक्ष आसिफ अली ज़रदारी क्रमशः लंदन और कराची से वीडियो लिंक के माध्यम से शामिल हुए थे। पीपीपी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो ज़रदारी गिलगित-बल्तिस्तान में 15 नवंबर को होने वाले चुनाव के सिलसिले में वहाँ व्यस्त हैं।

Monday, October 19, 2020

कराची में पाकिस्तानी विपक्ष का भारी जलसा

 पाकिस्तान में इमरान खान सरकार के खिलाफ खड़ा हुआ आंदोलन ज़ोर पकड़ता जा रहा है। भारतीय मीडिया इस आंदोलन की खास कवरेज नहीं कर रहा है, क्योंकि उसकी दिलचस्पी स्थानीय मसलों में ज्यादा है। इस वक्त पाकिस्तान पर नजर रखने की जरूरत इसलिए है, क्योंकि अभी जो कुछ हो रहा है उसका असर भविष्य में भारत-पाकिस्तान रिश्तों पर पड़ेगा। पाकिस्तान की कवरेज के लिए मैं बीबीसी का सहारा लेता हूँ या फिर डॉन और एक्सप्रेस ट्रिब्यून का। नीचे मैंने पहले बीबीसी की हिंदी वैबसाइट से छोटा सा अंश लिया है। आप विस्तार से पढ़ना चाहें, तो वैबसाइट पर जाएं, जिसका लिंक साथ में है। मेरी दिलचस्पी उस शब्दावली में है, जो पाकिस्तान में इस्तेमाल हो रही है। वह बीबीसी की उर्दू सेवा में सुनने को मिलती है। मैंने बीबीसी उर्दू की रिपोर्ट का देवनागरी में लिप्यंतरण करके अपेक्षाकृत विस्तार से लगाया है। लिप्यंतरण करते समय मैंने सब कुछ वैसे ही रहने दिया है, जैसी ध्वनि मूल आलेख से आ रही है। मसलन मरियम नवाज शरीफ को मर्यम लिखा गया है, तो मैंने वैसा ही रहने दिया है। पहले पढ़ें बीबीसी हिंदी की खबर का अंश:

इमरान ख़ान के ख़िलाफ़ कराची में विपक्ष का जलसा, कुछ बदलेगा?

पाकिस्तान में इमरान ख़ान की सरकार के ख़िलाफ़ 11 पार्टियाँ संयुक्त मोर्चे पीडीएम (ऑल पार्टीज़ डेमोक्रेटिक मूवमेंट) के तहत गुजरांवाला में हुए पहले बड़े प्रदर्शन के बाद रविवार को कराची के जिन्ना-बाग़ में जलसा कर रही हैं. इस रैली में शामिल होने मरियम नवाज़, बिलावल भुट्टो समेत अन्य कई नेता पहुंचे हैं. मरियम नवाज़ पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ की बेटी हैं और बिलावल भुट्टो पूर्व प्रधानमंत्री बेनज़ीर भुट्टो के बेटे हैं. मरियम नवाज़ हवाई मार्ग से कराची पहुँचीं और पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की मज़ार पर भी गईं.

विस्तार से पढ़ना चाहें, तो बीबीसी हिंदी की वैबसाइट पर जाएं

 अब पढ़ें बीबीसी उर्दू की खबर के लिप्यंतरण का संपादित अंश

 जो अवाम के वोटों को बूटों के नीचे रौंदता है हम उसे सलाम नहीं करते- मर्यम नवाज़

ग्यारह जमाती हुकूमत मुख़ालिफ़ इत्तिहाद, पीडीएम का जलसा कराची के जिनाह बाग़ में मुनाक़िद हुआ और इस मौके़ पर मर्यम नवाज़ ने कहा कि हम हलफ़ की पासदारी करने वाले फ़ौजीयों को सलाम करते हैं लेकिन जो अवाम के वोटों को बूटों के नीचे रौंदता है उसे सलाम नहीं करते।

इस जलसे से पीटीएम के मुहसिन दावड़, डाक्टर अबदुलमालिक बलोच, महमूद ख़ान अचकज़ई और अख़तर मीनगल समेत दीगर सयासी रहनुमाओं ने भी ख़िताब किया।

Sunday, October 18, 2020

नवाज शरीफ का फौज पर हल्ला बोल

पाकिस्तान में इमरान खान की सरकार के खिलाफ लगी आग धीरे-धीरे तेजी पकड़ रही है। शुक्रवार 16 अक्तूबर को पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) का जबर्दस्त जलसा पंजाब के गुजराँवाला में हुआ। इस रैली के साथ यह आंदोलन अब देश के दूसरे इलाकों में फैलेगा। गुजराँवाला की रैली में जहाँ विरोधी नेताओं के हमलों का निशाना इमरान खान और उनकी सरकार थी, वहीं पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के लंदन जारी लाइव वीडियो भाषण में देश की सेना पर निशाना लगाया गया। इस रैली में नवाज शरीफ के अलावा, बिलावल भुट्टो, मौलाना फजलुर्रहमान और मरियम नवाज शरीफ के भाषण और हुए। उन भाषणों का महत्व अपनी जगह है, पर नवाज शरीफ ने जो बातें कही हैं, वे पाकिस्तान के इतिहास में अपनी खास जगह बनाएंगी।

पाकिस्तान के इतिहास में सम्भवतः सैनिक शासकों पर आजतक का यह सबसे भीषण हमला है। नवाज शरीफ लम्बे अर्से से खामोश थे। पर अब वे बगावत की मुद्रा में हैं। पिछले कुछ दिनों में उन्होंने यह तीसरा भाषण दिया है। उनका हमला इमरान खान पर उतना नहीं था, जितना सेना पर था। उन्होंने सेनाध्यक्ष कमर जावेद बाजवा और आईएसआई के डीजी ले.जन. फैज़ हमीद का नाम लेकर कहा कि आपने मेरी सरकार गिराई और मेरे खिलाफ साजिश की। उन्होंने अदालत पर भी हमला बोला। उनका कहना है कि मैं अब वीडियो भी दिखाऊँगा। शरीफ ने क्या कहा इसे समझने के लिए बीबीसी उर्दू की रिपोर्ट के इस अंश को उसी भाषा में पढ़ें:

ख़िताब में नवाज़ शरीफ़ का कहना था कि 'कुछ लोगों की ख़ाहिश है कि मेरी आवाज़ अवाम तक ना पहुंचे और उनकी आवाज़ मुझ तक ना पहुंचे, लेकिन वो अपने मज़मूम मक़ासिद में कामयाब नहीं होंगे।

नवाज़ शरीफ़ ने अपनी तक़रीर में कहा कि तमाम सियासतदानों को 'ग़द्दार कहलाया जाता है और शुरू से फ़ौजी आमिर सियासतदान जैसे फ़ातिमा जिनाह, बाचा ख़ान, शेख़ मुजीब अलरहमान और दीगर रहनुमाओं को ग़द्दार क़रार देते रहे हैं।

नवाज़ शरीफ़ ने सियासतदानों पर ग़द्दारी के इल्ज़ामात लगाए जाने पर कहा कि 'पाकिस्तान में मुहिब-ए-वतन कहिलाय जानेवाले वो हैं जिन्होंने आईन की ख़िलाफ़वरज़ी की और मुल्क तोड़ा।