मीडिया स्टडीज ग्रुप का सरकारी हिंदी वेबसाइट का सर्वेक्षण
14 सितम्बर हिन्दी को राजभाषा बनाने का दिन है। हिन्दी इस देश की राजभाषा है। कुछ साइनबोर्डों को देखने से ऐसा अहसास होता है कि इस देश की एक भाषा यह भी है। राजभाषा के रूप में हिन्दी कैसी है इसे समझने के लिए सरकारी वैबसाइटों को देखना रोचक होगा। मीडिया स्टडीज़ ग्रुप ने इसका सर्वक्षण किया है, जिसके निष्कर्ष हिन्दी की कहानी बयाँ करते हैं।
सरकार की वेबसाइटों
पर हिंदी की घोर उपेक्षा दिखाई देती है। हिंदी को लेकर भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालय, विभाग व
संस्थान के साथ संसद की वेबसाइटों के एक सर्वेक्षण से यह आभास मिलता है कि सरकार
को हिंदी की कतई परवाह नहीं हैं। सर्वेक्षण में शामिल वेबसाइटों के आधार पर यह
दावा किया जा सकता है कि हिंदी भाषियों के एक भी मुकम्मल सरकारी वेबसाइट नहीं हैं। अंग्रेजी के मुकाबले तो हिंदी की वेबसाइट
कहीं नहीं टिकती है। हिंदी के
नाम पर जो वेबसाइट है भी, वे भाषागत अशुद्धियों
से आमतौर पर भरी हैं। हिंदी के नाम पर अंग्रेजी का देवनागरीकरण मिलता हैं। हिंदी की वेबसाइट या तो खुलती नहीं है। बहुत
मुश्किल से कोई वेबसाइट खुलती है तो ज्यादातर में अंग्रेजी में ही सामग्री मिलती
है। रक्षा मंत्रालय
की वेबसाइट का हिंदी रूपांतरण करने के लिए उसे गूगल ट्रासलेंशन से जोड़ दिया गया
है।