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Monday, July 17, 2023

बहुत दूर तक जाएगा डॉ अल-इस्सा का सद्भावना संदेश


दुनिया के सबसे बड़े मुस्लिम संगठनों में एक विश्व मुस्लिम लीग के महासचिव मोहम्मद बिन अब्दुल करीम अल-ईसा (या इस्सा) की भारत-यात्रा से इस्लाम को लेकर कई प्रकार की भ्रांतियाँ दूर हुई हैं, साथ ही भारत और सउदी अरब के मजबूत रिश्तों की बुनियाद पड़ी है. भारत के अरब देशों के साथ हजारों साल पुराने रिश्ते हैं. 

यह दौरा इस लिहाज से भी महत्वपूर्ण है कि हाल के वर्षों में भारत को लेकर पश्चिमी देशों में काफी नकारात्मक बातों का प्रचार हुआ है. डॉ अल-इस्सा ने उस प्रचार से प्रभावित हुए बगैर कहा कि भारत शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व की शानदार मिसाल है. दुनिया को भारत से शांति के बारे में सीखना चाहिए.

उनकी बातें बेहद महत्वपूर्ण है. खासतौर से यह देखते हुए कि उनकी आवाज़ बहुत दूर तक जाती है. उनके इस दौरे को ऐतिहासिक की संज्ञा दी जा सकती है. सउदी अरब से इतने व्यापक संदेश के साथ आए सर्वाधिक प्रतिष्ठित धर्मगुरुओं में वे एक हैं. उनके संदेशों को दोहराने और समाज के भीतर तक ले जाने की जरूरत है. इसके लिए संस्थागत तरीके से काम करने की जरूरत होगी.

मुसलमानों के नाम संदेश

दुनियाभर के मुसलमान इस समय संशय में हैं. ऐसे में डॉ अल-ईसा का संदेश नया रास्ता दिखाने वाला साबित होगा. वे इस्लाम के मूल उद्देश्यों को उनके सामने रख रहे हैं. उनका संदेश केवल मुसलमानों के नाम ही नहीं है. वे सभी समुदायों, धर्मावलंबियों और सभ्यताओं-संस्कृतियों के प्रतिनिधियों के साथ संवाद कर रहे हैं, जो बहुत बड़ी और सकारात्मक गतिविधि है.

पिछले मंगलवार को इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर में भारत के सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल की मौजूदगी में हुए एक कार्यक्रम में उन्होंने भाग लिया था. इसके अलावा वे विवेकानंद फाउंडेशन के एक कार्यक्रम में भी शामिल हुए थे. इस दौरान अजित डोभाल ने डॉ अल-इस्सा की गहरी समझ की तारीफ की थी और कहा कि मुस्लिम वर्ल्ड लीग के महासचिव का संदेश स्पष्ट है कि हमारे यहाँ सद्भाव है और शांति भी.  

अजित डोभाल इन दिनों मुस्लिम-जगत के साथ संपर्क स्थापित कर रहे हैं. उनके माध्यम से डॉ अल-ईसा को भारत बुलाना केंद्र सरकार की ओर से सद्भाव का कदम माना जा रहा है. साथ ही सउदी अरब की ओर से बदलते समय का संदेश. 

भारत की तारीफ

समाचार एजेंसी एएनआई को द‍िए इंटरव्यू में डॉ इस्सा ने कहा, भारत अपनी पूर्ण विविधता के साथ ‘केवल जुबानी तौर पर ही नहीं, बल्कि जमीनी स्तर पर भी सह-अस्तित्व का एक शानदार मॉडल है.’ यह हिंदू बहुल राष्ट्र है, फिर भी इसका संविधान धर्मनिरपेक्ष है. दुनिया में नकारात्मक विचार फैलाए जा रहे हैं. हमें एक समान मूल्यों को मजबूत करने के लिए काम करना चाहिए.

Wednesday, July 12, 2023

डॉ अल ईसा लाए हैं शांति और इंसान-परस्ती का संदेश


भारतीय संस्कृति, सभ्यता और विरासत की तारीफ करते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने मंगलवार 11 जुलाई को दिल्ली में कहा कि भारत एक समावेशी लोकतंत्र है और सभी नागरिकों को जगह देता है. यहाँ उन संस्कृतियों और धर्मों का मिश्रण रहा है, जो सदियों से सद्भाव से रह रही हैं. उन्होंने यह भी  कहा कि भारत में कोई भी धर्म संकट में नहीं है.

डोभाल ने कहा कि देश में धार्मिक समूहों के बीच इस्लाम एक अद्वितीय और महत्वपूर्ण गौरव का स्थान रखता है. उन्होंने यह टिप्पणी इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर में हुए एक कार्यक्रम के दौरान की, जिसे मुस्लिम वर्ल्ड लीग के महासचिव शेख डॉ. मोहम्मद बिन अब्दुलकरीम अल-ईसा ने भी संबोधित किया.

शेख डॉ. अल-इसा पूर्व में सउदी अरब के न्याय मंत्री रहे हैं और उनकी गिनती प्रगतिशील इस्लामिक विद्वानों में होती है. मंगलवार को उन्होंने पीएम नरेन्द्र मोदी से भी मुलाकात की. हाल में उदारवादी विचारधारा के कई इस्लामिक विद्वानों ने भारत की यात्रा की है. मई, 2023 में मिस्र की सबसे बड़ी मस्जिद के मुफ्ती इब्राहिम अब्दल करीम आलम भारत आए थे।

वैश्विक-इस्लाम की मानवीय और उदारवादी छवि बनाने की दिशा में काम कर रही मुस्लिम वर्ल्ड लीग के महासचिव डॉ मुहम्मद बिन अब्दुल करीम अल ईसा का भारत दौरा बहुत महत्वपूर्ण समय पर हो रहा है. दुनिया में मुसलमानों की दूसरी या तीसरी सबसे बड़ी आबादी भारत में निवास करती है, उसके लिए और साथ ही दूसरे धर्मावलंबियों के लिए वे महत्वपूर्ण संदेश लेकर भारत आए हैं.

इस्लाम को लेकर दुनिया में बहुत सी भ्रांतियां हैं, जिन्हें दूर करना भी मुस्लिम वर्ल्ड लीग और डॉ ईसा का एक उद्देश्य है. इस संस्था के महासचिव बनने के पहले डॉ ईसा सउदी अरब के न्याय मंत्री के रूप में कार्य कर चुके हैं. उन्होंने कई प्रकार के सुधार-कार्यों को पूरा किया है. इनमें न्यायिक-सुधार, पारिवारिक मामले, युवा और स्त्रियों तथा मानवाधिकार से जुड़े मसले शामिल हैं.