सीताराम येचुरी ने इन तस्वीरों को अपने ट्वीट में शेयर किया है |
पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद से बड़े पैमाने पर हिंसा चल रही है। राज्य के कई इलाकों से देसी बम फोड़ने और आगजनी की खबरें भी हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट में 11 लोगों के मरने की खबर है। हैरत की बात है कि इन खबरों को लेकर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मीडिया खामोश है। हिंसा की खबरें आते हुए करीब 40 घंटे हो गए हैं, पर अंतरराष्ट्रीय मीडिया में ऐसी खबर देखने को नहीं मिली है। भारतीय मीडिया में छिटपुट खबरें हैं, जिन्हें जोड़कर देखने पर ही हिंसा की तस्वीर उभरती है। ऐसा लगता नहीं कि किसी ने इस हिंसा की पड़ताल करने की कोशिश की हो।
हालांकि चुनाव आयोग ने कोविड-19 की भयावह स्थिति को देखते हुए परिणाम आने के बाद किसी प्रकार के जश्न मनाने के लिए मना किया था, पर रविवार को दिन में ही परिणाम आते-आते जश्न मनाने का सिलसिला शुरू हो गया था। सोमवार को भारतीय जनता पार्टी ने तृणमूल कांग्रेस पर आरोप लगाया था कि उसके कार्यकर्ता हमले कर रहे हैं। पार्टी ने दावा किया कि उसके अनेक कार्यकर्ताओं की इस हिंसा में मौत हो गई।
भाजपा ने अपने एक
पार्टी कार्यालय में आगजनी का वीडियो भी साझा किया, जिसमें बाँस की बल्लियाँ और छत
जलती हुई नजर आ रही है। परेशान लोगों को चिल्लाते हुए भागते देखा जा सकता है। सोशल
मीडिया पर मृत व्यक्तियों की तस्वीरें और एक दुकान से कपड़े लूट कर भागते लोगों की
फुटेज भी वायरल हो रही है। भाजपा ने इसका आरोप तृणमूल पर लगाया है।
सीपीएम
पर भी हमले
लम्पटों के हमलों में
निशाने पर ज्यादातर भाजपा के कार्यकर्ता है, पर कई जगह सीपीएम के कार्यकर्ताओं पर
भी हमले हुए हैं। सीपीएम के नेता सीताराम येचुरी ने भी आरोप टीएमसी पर लगाया है। अपने
ट्वीट में, उन्होंने लाश और
लूटपाट की तस्वीरों को शेयर करते हुए लिखा: 'बंगाल में हिंसा की ये खबरें क्या विजय-उत्सव
का बयान कर रही हैं? यह
निंदनीय है। इसका विरोध होना चाहिए।' जेएनयू छात्रसंघ की पूर्व अध्यक्ष और सीपीएम की प्रत्याशी आइशी
घोष ने भी इस आशय का ट्वीट किया है। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी के कार्यकर्ता
विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं के घरों पर हमले कर रहे हैं, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
भाजपा के प्रदेश
अध्यक्ष दिलीप घोष ने आरोप लगाया है कि नतीजों के बाद उनकी पार्टी के करीब 100
दफ्तरों और कार्यकर्ताओं के घरों को
तबाह कर दिया गया और कुछ को आग के हवाले कर दिया गया है। पार्टी की दो महिला पोल
एजेंटों के साथ गैंगरेप हुआ है। पार्टी कार्यकर्ता अभिजीत सरकार ने फेसबुक पर लाइव
आकर गुंडागर्दी के बारे में बताया था। इसके कुछ ही घंटों बाद उनकी हत्या कर दी गई।
इस तरह की कई हत्याएँ हुई हैं।
ममता
ने नहीं माना
हिंसा की इन
रिपोर्टों के बावजूद ममता बनर्जी नहीं मानतीं कि हिंसा के पीछे उनकी पार्टी का हाथ
है। अलबत्ता उन्होंने अपने समर्थकों से शांति बनाए रखने और उकसावे में नहीं आने की
अपील की है। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्रीय बलों ने चुनाव के दौरान
तृणमूल समर्थकों के साथ कई ज्यादतियां कीं। राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने प्रदेश के गृह
सचिव, पुलिस महानिदेशक
(डीजीपी) और कोलकाता के पुलिस आयुक्त को तलब कर उन्हें शांति बहाल करने के निर्देश
दिए हैं।
विधानसभा चुनाव के
नतीजे आने के दिन से ही हिंसा शुरू हो गई थी, जो अंतिम समाचार मिलने तक जारी थी। केंद्रीय
गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से इन घटनाओं से जुड़ी तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है। हिंसा
में घायलों को देखने और मारे गए बीजेपी कार्यकर्ताओं के परिजनों को सांत्वना देने पार्टी
अध्यक्ष जेपी नड्डा आज बंगाल दौरे पर जा रहे हैं। वे कल भी वहाँ रहेंगे।
येचुरी अब दो रहा है पहले भा ज पास को हराने के लिए कोंग्रेस से समझोते का नाटक किया और जान बूझ कर प्रचार नहीं किया सब नाटक है लेफ़्ट हमेशा ही ग़द्दार रहा है और कांग्रेस भी
ReplyDelete