कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष पद का चुनाव एक बार फिर टल गया है। कांग्रेस कार्यसमिति की आज 10 मई को हुई वर्चुअल बैठक में महामारी की स्थिति को देखते हुए चुनाव टालने का फैसला किया गया। सूत्रों के मुताबिक, बैठक में कहा गया कि कोरोना महामारी की मौजूदा स्थिति में चुनाव कराना ठीक नहीं होगा और इसलिए इसे स्थगित करने का फैसला लिया गया है। बैठक में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना की भयावह स्थिति का हवाला देकर कहा कि ऐसे हालात में फिलहाल चुनाव कराना ठीक नहीं होगा। गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा जैसे नेताओं ने भी गहलोत का समर्थन किया।
पार्टी के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण ने 23 जून को चुनाव कराने का फैसला किया था। संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने आज की बैठक में 23 जून को चुनाव कराने का प्रस्ताव रखा, जिसे कार्यसमिति ने स्वीकार नहीं किया। बैठक में तय हुआ कि चुनाव के लिए नई तारीख की घोषणा सेंट्रल इलेक्शन अथॉरिटी बाद में करेगी। सन 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी की हार के बाद मई 2019 में राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद सोनिया गांधी को पार्टी को अंतरिम अध्यक्ष बनाया गया था। उसके दो साल बाद भी पार्टी के अध्यक्ष का चुनाव नहीं हो सका है। पहले माना जा रहा था कि जून में राहुल गांधी को कांग्रेस की कमान सौंपी जा सकती है।
कांग्रेस पार्टी ने
अध्यक्ष का चुनाव ऐसे समय पर टाला है जब पार्टी के कई नेता जल्द संगठन चुनाव कराने
की मांग कर रहे हैं। पार्टी के 23 बड़े नेताओं ने अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र
लिखकर यह मांग की थी। इन नेताओं ने कई बार यह भी कहा है कि संगठन चुनाव और
पूर्णकालिक अध्यक्ष नहीं होने की वजह से पार्टी को नुकसान हो रहा है।
करारी
पराजय
कांग्रेस पार्टी को
हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में भी करारी हार का सामना करना पड़ा है।
तमिलनाडु के अलावा पार्टी को अन्य सभी जगह बेहद निराशाजनक परिणाम मिले हैं। पश्चिम
बंगाल में तो खाता भी नहीं खुला, जहां लंबे समय तक उसका शासन रहा है।
आज की बैठक में चार राज्यों
के चुनाव में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन पर भी चर्चा हुई। अंतरिम अध्यक्ष सोनिया
गांधी ने हार पर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा-इस हार पर ध्यान देना होगा। अगर
सच्चाई से मुंह फेरा तो सही सबक नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा कि मैं एक ग्रुप बनाना
चाहती हूं, जो इस हार के हर पहलू
पर विचार करेगा। हमें यह समझना होगा कि केरल और असम में क्यों हारे। बंगाल में
हमारे हाथ कुछ भी क्यों नहीं लगा। ये कड़वे अध्याय हैं, लेकिन हम सच का सामना नहीं करेंगे और
सही तथ्यों को नजरंदाज करेंगे तो सही सबक हासिल नहीं कर पाएंगे।
सोनिया गांधी ने असम
के महासचिव जितेन्द्र सिंह, केरल के महासचिव तारिक अनवर और पश्चिम बंगाल के प्रभारी
जितिन प्रसाद से कहा कि प्रेजेंटेशन तैयार करके बताएं कि इन राज्यों में पार्टी की
पराजय क्यों हुई।
मोदी
सरकार की लापरवाहियाँ
सोनिया ने कहा कि
महामारी बदतर होती जा रही है और सरकार लगातार विफल हो रही है। जनता मोदी सरकार की
लापरवाहियों का खामियाजा भुगत रही है। मोदी सरकार ने वैज्ञानिक सलाह को नजरंदाज
किया है। सरकार ने अपने फायदे के लिए लगातार सुपर स्प्रैडर ईवेंट्स को मंजूरी दी।
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