मंगलवार के वॉलस्ट्रीट जरनल के पहले पेज पर प्रकाशित तस्वीर। बकिंघम पैलेस पर तैनात संतरी को ठंडा पानी पिलाता उसका अफसर। |
पश्चिमी यूरोप इन दिनों झुलसाने वाली गर्मी का सामना कर रहा है। ज़बरदस्त गर्म हवाओं के उत्तर की ओर बढ़ने के साथ ही मंगलवार को पश्चिमी यूरोप में पारा चढ़ता जा रहा है। कई देशों ने इसे राष्ट्रीय संकट घोषित कर दिया है। फ्रांस और यूके में सोमवार 18 जुलाई को बेहद गर्मी की चेतावनी जारी की गई। वहीं स्पेन में सोमवार को 43 डिग्री तापमान रहा।
फ्रांस, पुर्तगाल,
स्पेन और ग्रीस में जंगल की आग के कारण हज़ारों लोगों को अपना घर
छोड़कर सुरक्षित जगहों की तरफ जाना पड़ा है। विशेषज्ञ कहते हैं कि ब्रिटेन जल्द ही
अपने सबसे गर्म
दिन का सामना करेगा और फ्रांस के कुछ हिस्सों में "कयामत की गर्मी
बरस" रही है।
पूरा यूरोप गर्मी में उबल रहा है। जंगलों में
लगी आग ने मुश्किलों का और बढ़ा दिया है। यूनाइटेड किंगडम (यूके) से लेकर हर हिस्से
में तापमान नए रिकॉर्ड बना रहा है। स्पेन में लगी आग में दो लोगों की मौत ने इसे
और गंभीर बना दिया है। स्पेन के प्रधानमंत्री पेद्रो सांचेज ने इसे ग्लोबल
वॉर्मिंग से जोड़ा है और कहा है कि जलवायु परिवर्तन लोगों की जान ले रहा है।
दक्षिणी इंग्लैंड में सोमवार को तापमान 38 डिग्री था जो मंगलवार को 41 डिग्री के आसपास है। नेशनल रेल सर्विस ने यात्रियों को सलाह दी है कि जब तक जरूरी न हो सफर न करें। पूर्वोत्तर इंग्लैंड में कई जगह रेल सेवा बंद कर दी गई है।
गर्मी की वजह से लोगों को घर के अंदर रहने को
कहा गया है। ऐसा पहली बार हो रहा है। 2019 में ब्रिटेन के मौसम दफ्तर ने 38.7
डिग्री सेल्सियस तापमान की भविष्यवाणी की थी। अब तीन साल बाद हालात उससे भी ज्यादा
खराब हैं।
फ्रांस के ब्रिटनी क्षेत्र में तापमान 39.3
डिग्री सेल्सियस पर रिकॉर्ड किया गया था। सितंबर 2003 के बाद हालात इतने बिगड़े
हैं। लंदन में गर्मी इतनी बढ़ गई है कि वहाँ के 135 साल पुराने हैमरस्मिथ ब्रिज को
सिल्वर फॉयल से कवर करना पड़ा है, ताकि वह ज्यादा गर्म न हो।
दुनियाभर से पर्यटक यूरोप में गर्मी की
छुट्टियां मनाने आते हैं, लेकिन यूरोपवासी खुद कहीं भागना चाहते हैं।
ठंडे प्रदेश होने के कारण यहाँ बने लकड़ी के
घरों में एसी और पंखों की व्यवस्था नहीं होती है। घरों को इस तरह तैयार किया जाता
है कि ठंड के मौसम में बाहरी तापमान का असर घर के अंदर नहीं हो। घरों का निर्माण भीषण
गर्मी को ध्यान में रखकर नहीं किया गया।
मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक़ इटली में पिछले
तीस वर्षों की औसत बारिश का आधा भी इस वर्ष नहीं हुआ है। सूखे के कारण देश की 30
प्रतिशत खेती प्रभावित हुई है। इसका असर आने वाले दिनों में बाजार की महंगाई पर भी
पड़ने वाला है।
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