Wednesday, December 30, 2020

औद्योगिक विकास में मददगार होगा डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर

 


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार 29 दिसंबर को ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (ईडीएफसी) राष्ट्र को समर्पित किया। देश के तेज औद्योगिक विकास के लिए यह महत्वपूर्ण परिघटना है। इस मौके पर पीएम ने 351 किलोमीटर लंबे रेल खंड न्यू खुर्जा से न्यू भाऊपुर डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का वर्चुअल उद्घाटन किया। उन्होंने प्रयागराज के सूबेदारगंज में बनाए गए ईडीएफसी के ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर का भी उद्घाटन किया। यह कंट्रोल रूम अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है। यहाँ से पूरे कॉरिडोर की मॉनिटरिंग की जा सकेगी देश में ऐसा पहली बार होगा जब कंट्रोल रूम में लगे स्क्रीन पर ट्रेन लाइव दिखाई देगी

जब आप दिल्ली से कानपुर की तरफ ट्रेन से जाएं, तो आपको अपनी लाइन के साथ चलती कुछ और रेलवे लाइनें दिखाई पड़ेंगी। यह ईडीएफसी है। देश के तेज आर्थिक विकास के लिए कनेक्टिविटी की भूमिका है। हाईवे, रेलवे, एयर वे, वॉटर वे, आईवे की जरूरत है। प्रधानमंत्री के इस मौके पर दिए गए भाषण के राजनीतिक निहितार्थ पर ध्यान न दे, तो इतना साफ है कि जैसा हमारी ज्यादातर योजनाओं के साथ हुआ है, यह कार्यक्रम भी समय से पीछे चला गया है। मोदी का कहना है कि साल 2006 में इस प्रोजेक्ट को मंजूरी मिली, उसके बाद यह सिर्फ कागजों और फाइलों में बनता रहा। केंद्र को राज्यों के साथ जिस गंभीरता से बात करनी चाहिए थी वह किया ही नहीं। साल 2014 तक एक किमी ट्रैक भी नहीं बिछाया गया। 2014 में हमारी सरकार बनने के बाद इस प्रोजेक्ट की फाइलों को फिर खंगाला गया, अधिकारियों को नए सिरे से आगे बढ़ने के लिए कहा गया। इसका बजट 11 गुना यानी 45 हजार करोड़ रुपये से अधिक बढ़ गया।

डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर मालगाड़ी के लिए विशेष ट्रैक है। खेती, बाजार, उद्योग सब मालगाड़ी से ढुलाई पर निर्भर होते हैं। हमारे देश में यात्री ट्रेनें और मालगाड़ी दोनों एक ही ट्रैक पर चलती हैं। इससे मालगाड़ी की स्पीड कम होती है। मालगाड़ी को रास्ता देने लिए यात्री ट्रेनों को स्टेशन पर रोका जाता है। इससे ट्रेन और मालगाड़ी दोनों लेट हो जाती है। कॉरिडोर के कारण मालगाड़ियों की औसत स्पीड मौजूदा 25-30 किमी प्रति घंटा से बढ़कर 60-70 किमी प्रति घंटा हो जाएगी

देश में डेडिकेटेड फ्रेट का जल बिछाने के लिए एक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम तैयार किया गया है, जिसकी शुरुआत ईस्टर्न और वेस्टर्न दो फ्रेट कॉरिडोर से हो रही है। इसके लिए सन 2006 में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया की स्थापना की गई थी।

इस परियोजना में फिलहाल 2843 किलोमीटर रेलवे लाइन बिछाई जा रही हैं। यह लाइन सामान्य यात्री परिवहन की लाइनों से ज्यादा भारी हैं। इनके लिए देश मे 12000 हॉर्स पावर के विशेष रेल इंजन बनाए गए हैं। बिजली और डीजल के रेल इंजनों की दो परियोजनाएं एल्सटॉम और जनरल इलेक्ट्रिक के सहयोग से स्थापित की जा चुकी हैं। जिस ईस्टर्न कॉरिडोर के एक हिस्से का प्रधानमंत्री ने उद्घाटन किया है, वह 1839 किलोमीटर लंबा गलियारा है, जो पंजाब के साहनेवाल से शुरू होकर पश्चिम बंगाल के दानकुनी तक जाएगा। 1500 किलोमीटर लंबा पश्चिमी गलियारा उत्तर प्रदेश के दादरी से मुंबई के जवाहर लाल नेहरू पोर्ट तक जाएगा। यह रास्ते में पड़ने वाले सभी पोर्टों को जोड़ेगा।

 

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