Thursday, April 29, 2021

पहली लहर से धोखा खा गए


मोदी सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार के विजय राघवन मानते हैं कि कोविड-19 की पहली लहर के बाद देश में स्वास्थ्य से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने की कोशिशों में ढील आ गई। इंडियन एक्सप्रेस के साथ विशेष बातचीत में उन्होंने यह भी कहा कि बड़े से बड़े कदमों के बावजूद इंफ्रास्ट्रक्चर उस स्तर पर नहीं आ सकता था, जो दूसरी लहर से पैदा हुई असाधारण परिस्थितियों का सामना कर पाता। पहली लहर के समय केंद्र और राज्य सरकारों ने अस्पतालों को सुदृढ़ करने और सुविधाएं बेहतर करने का प्रयास किया था। पर जैसे ही वह लहर हल्की पड़ी, तो तात्कालिकता की वह लहर भी हल्की पड़ गई। 

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इंडियन एक्सप्रेस में पढ़ें समाचार

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दूसरी लहर के वेग से सभी को हैरत हुई है। चूंकि पहली लहर हल्की पड़ गई थी और वैक्सीन बनकर तैयार हो गई थी, इसलिए वर्तमान लहर का अनुमान लगा पाने में गलती हुई। हालांकि हमें दूसरे देशों में चल रही दूसरी लहर की जानकारी थी, पर हमारे पास वैक्सीन थीं और मॉडलिंग एक्सरसाइज़ नहीं बता रही थीं कि दूसरी लहर इतनी घातक होगी। इसलिए वैक्सीनेशन के काम को तेजी से चलाने की जरूरत महसूस की गई। साथ में कोविड से जुड़े आचरण का पालन करने की जरूरत भी थी। पहला काम तो हुआ, पर दूसरे (उपयुक्त आचरण) में हम ढीले पड़ गए।  

जल्द काबू पा लेंगे

उनका कहना है कि दिल्ली में आ रहे दैनिक संक्रमणों की संख्या में हम जल्द ही गिरावट देखेंगे और दूसरी लहर अगले महीने अपने उच्चतम स्तर पर होगी। पर बहुत कुछ इस बात पर भी निर्भर करेगा कि हमारा आचरण कैसा रहता है। उत्तर प्रदेश की स्थिति चिंताजनक है। तमिलनाडु और कर्नाटक की दशा भी खराब है। पश्चिम बंगाल, बिहार और झारखंड पर भी नजर रखनी होगी। इन्हीं राज्यों से स्थिति में सुधार होगा। कठोर कदमों हालात को सुधारने में मदद मिलेगी। स्थिति इससे ज्यादा खराब होने वाली नहीं है।

विजय राघवन प्रतिष्ठित बायोलॉजिस्ट हैं और वे बायोटेक्नोलॉजी विभाग के सचिव भी रह चुके हैं। वे नहीं मानते कि हमने वैक्सीन की माँग का अनुमान गलत लगाया। हमने और वैक्सीन मँगाने का इंतजाम किया है और अगले कुछ महीनों में हमारे पास वे आ जाएंगी। सीरम इंस्टीट्यूट का नोवावैक्स के साथ गठबंधन है। यह वैक्सीन जुलाई तक आ जाएगी। जॉनसन एंड जॉनसन का बायलॉजिकल ई के साथ समझौता है। यह भी जल्द आएगी। ज़ायडस की वैक्सीन भी बहुत जल्द आ जाएगी। स्पूतनिक आ चुकी है। चूंकि इन सबकी व्यवस्था पिछले साल महामारी के दौरान कर ली गई थी, इसलिए वे इतनी जल्दी उपलब्ध होने वाली हैं। चूंकि दूसरी लहर जबर्दस्त है, इसलिए लग रहा है कि स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है।


 

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