बिरसा मुंडा हॉकी स्टेडियम |
हालांकि भारतीय मीडिया की निगाहें अपने कथित राष्ट्रीय खेल हॉकी पर नहीं हैं, पर खबर यह है कि ओडिशा के राउरकेला और भुवनेश्वर में 13 से 29 जनवरी तक 15वें पुरुष हॉकी विश्वकप का आयोजन हो रहा है। प्रतियोगिता का औपचारिक उद्घाटन 11 जनवरी को हो भी गया है। इस विश्व कप के लिए स्टील सिटी के नाम से मशहूर राउरकेला में आदिवासी क्रांतिकारी बिरसा मुंडा के नाम पर स्टेडियम का खासतौर से निर्माण किया गया है, जो भारत का सबसे बड़ा हॉकी स्टेडियम है। इसके निर्माण के लिए सरकार ने 120 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया था. इंटरनेशनल हॉकी फेडरेशन ने हॉकी विश्व कप के आयोजन के लिए दो स्टेडियम की अनिवार्यता रखी थी. जिसे देखते हुए बिरसा मुंडा इंटरनेशनल हॉकी स्टेडियम का निर्माण किया गया। बीबीसी हिंदी पर पढ़ें विशेष रिपोर्ट
कितना बदल गया हॉकी का खेल
2018 में भुवनेश्वर के कलिंगा स्टेडियम में
कट्टर प्रतिद्वंद्वियों और तीन बार के चैंपियन नीदरलैंड के खिलाफ खेलते हुए
बेल्जियम ने अपना पहला हॉकी खिताब ‘पुरुष हॉकी विश्व कप’ जीता था। 2014 में
फेडरेशन इंटरनेशनेल डी हॉकी (FIH) द्वारा अनिवार्य किए गए नए नियमों के
लागू होने के बाद यह चौथा विश्व कप है। तब से यह भारत में होने वाला तीसरा
टूर्नामेंट भी है। हॉकी के FIH नियम ओलिंपिक या विश्व कप के बाद हर दो
साल में अपडेट किए जाते हैं। नीदरलैंड के हेग में 2014 विश्व कप से पहले संबंधित
कमेटी ने उस साल के बाद लागू किए जाने वाले बदलावों की एक सूची की घोषणा की थी,
जो यकीनन 1992 में ऑफसाइड नियम की समाप्ति के साथ-साथ 1970 के दशक
में एस्ट्रोटर्फ पिचों के आगमन के प्रभाव को दर्शाता है। दिप्रिंट
में नए नियमों के बारे में दी गई जानकारी को पढ़ें
चीनी-युक्त खाद्य-सामग्री रोकने का
सुझाव
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने दुनिया
के देशों को मसौदा दिशानिर्देश जारी किए हैं। इनमें में सुझाया गया है कि स्वस्थ
आहार को बढ़ावा देने के लिए दुनिया के देश किस तरह राजकोषीय नीतियां तैयार कर सकते
हैं। दिशानिर्देशों के एक महत्त्वपूर्ण हिस्से पर फिलहाल मंत्रणा चल रही है।
विकासशील देशों सहित पूरी दुनिया में आवश्यकता से अधिक चीनी का इस्तेमाल मधुमेह
(टाइप 2 डायबिटीज) का एक प्रमुख कारण माना जाता है।
कार्बन युक्त पेय पदार्थ (कार्बोनेटेड ड्रिंक्स), एनर्जी
ड्रिंक्स़, फलों के रस ये सभी एसएसबी की श्रेणी में रखे गए
हैं। मधुमेह जीवन-शैली से जुड़ा रोग है जिसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए। विशेषकर,
उन देशों में विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है जहां मधुमेह की बीमारी
तेजी से फैल रही है। डब्ल्यूएचओ के अनुमान के अनुसार खराब गुणवत्ता वाले, अति प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ पूरी दुनिया में धूम्रपान से भी अधिक
संख्या में लोगों को लील रहे हैं। बिजनेस
स्टैंडर्ड में पढ़ें संपादकीय