Tuesday, October 19, 2021

कश्मीर में आतंकियों की नई रणनीति का उद्देश्य है हालात को सामान्य बनने से रोकना

 


जम्मू-कश्मीर में अक्तूबर के महीने में आतंकी घटनाओं ने रफ्तार पकड़ ली है। इस माह के पहले 18 दिनों में आतंकियों की तरफ से काफी नुकसान किया गया है। अभी तक इस माह में आतंकियों की तरफ से 12 नागरिकों की हत्या की गई है, जिसमें बाहर के नागरिक भी शामिल हैं। इसके अलावा नौ जवान मुठभेड़ों में शहीद हुए हैं। इनके अलावा कुल 13 मुठभेड़ों में 14 आतंकियों को मार गिराया गया है। इन आतंकी घटनाओं को देखते हुए पूरे प्रदेश में सुरक्षा को कड़ा किया गया है। जाँच एजेंसियाँ इस बात की पड़ताल भी कर रही हैं कि पाकिस्तानी आईएसआई क्या इस्लामिक स्टेट खुरासान की आड़ में अपनी गतिविधियों को बढ़ाने का प्रयास तो नहीं कर रही है। आईएसकेपी की पत्रिका में एक गोलगप्पे वाले को गोली मारने की तस्वीर प्रकाशित की गई है। हाल में राज्य में बाहर से आए लोगों को निशाना बनाया जा रहा है। प्रशासन ने एहतियातन कश्मीर के कुछ इलाकों में इंटरनेट पर फिर से रोक लगा दी है।

जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों की नई रणनीति का उद्देश्य राज्य में सामान्य होते हालात की प्रतिक्रिया और फिर से अशांति और अराजकता की स्थिति पैदा करने की कोशिश है। राज्य में औद्योगिक गतिविधियों को तेज करने और कई श्रेणियों के नागरिकों को राज्य का स्थायी निवासी घोषित करने की प्रक्रिया चल रही है। इससे न केवल उन्हें, बल्कि राज्य के लोगों को रोजगार हासिल करने में आसानी होगी। राष्ट्रीय जाँच एजेंसी एनआईए का कहना है कि आतंकवादी इसे विफल करना चाहते हैं।  

आतंकवादियों के इस इरादे की जानकारी एक ब्लॉग पोस्ट से मिली है, जिसे अब ब्लॉक कर दिया गया है। इस पोस्ट में बताया गया था कि जम्मू-कश्मीर में अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी बनाए जाने और राज्य के विभाजन के बाद आतंकवादियों क्या करेंगे। इस ब्लॉग पोस्ट को इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के आदेशों के बाद ब्लॉक कर दिया गया है।

इस ब्लॉग की जानकारियों को राज्य के आतंकी गिरोहों के बीच वितरित किया गया था और इसका ही परिणाम है कि हाल में 12 व्यक्तियों की हत्याएं हुई हैं। मृतकों में प्रवासी मजदूर शामिल हैं। पिछले शनिवार को आतंकवादियों ने कुलगाम में किराए के एक मकान में घुसकर बिहार से आए दो लोगों की हत्या कर दी। इस घटना में एक व्यक्ति घायल हुआ था।

पिछले दस दिन में सुरक्षा बलों की काउंटर-टेरर कार्रवाई में 14 आतंकवादी मारे गए हैं। इनके अलावा एनआईए ने नौ व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है, जिनके प्रतिबंधित गिरोहों के साथ सम्बन्ध होने की सम्भावना है।

पता लगा है कि उपरोक्त ब्लॉग पोस्ट में आतंकी गिरोहों से कहा गया था कि वे गैर-स्थानीय कर्मचारियों और व्यक्तियों को निशाना बनाएं, जिन्हें स्थायी निवास के प्रमाणपत्र दिए गए हैं। वे यह भी सुनिश्चित करें कि जम्मू-कश्मीर के नए विकास अधिनियम के तहत किसी बाहरी व्यक्ति को जमीन न मिलने पाए। खासतौर से केन्द्र-शासित राज्य के बाहर के उन उद्यमियों को जमीन न मिलने पाए, जो कारोबार शुरू करना चाहते हैं।

इस पोस्ट में एनआईए और पुलिस के उन अधिकारियों को भी निशाना बनाने की सलाह दी गई थी, जो उद्यमियों की सहायता कर रहे हैं। ब्लॉग पोस्ट में यह भी कहा गया है कि आतंकी हमले देश के दूसरे इलाकों में भी किए जा सकते हैं, जहाँ से भारतीय पुलिस सेवा और भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी आते हैं। इसमें यह भी कहा गया है कि शिक्षा-संस्थाओं में बाहरी छात्रों और कर्मचारियों को भरती होने से रोका जाए। जाँच एजेंसियाँ इस ब्लॉग को शुरू करने वाले व्यक्ति और उससे जुड़ी जानकारियों की छानबीन कर रही हैं।

 

 

 

2 comments:

  1. हम भ्रमित हो सकते हैं, पर पाकिस्तान भ्रमित नहीं है और अब तो चीन का उन्हें पूरा समर्थन. इसलिए वह पंजाब में भी आतंकवाद की revive कर रहे हैं

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