Tuesday, June 22, 2021

आज की बैठक के पीछे हैं एनसीपी और तृणमूल की चुनावी महत्वाकांक्षाएं

 


नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार तृणमूल कांग्रेस के यशवंत सिन्हा की पहल पर आज दिल्ली में बुलाई गई बीजेपी-विरोधी बैठक में कांग्रेस और वामदलों के शामिल होने की सम्भावनाएं कम हैं। इस बैठक के पहले सुबह एनसीपी के राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक भी होने जा रही है। दूसरी तरफ कश्मीर को लेकर प्रधानमंत्री द्वारा 24 जून को बुलाई गई बैठक के सिलसिले में गुपकार समूह की बैठक भी आज हो रही है।

यशवंत सिन्हा ने इस बैठक की खबर को मीडिया में मिले महत्व पर हैरत जाहिर की है। उनके विचार से यह मामूली बैठक है। इसके पहले राष्ट्र मंच की बैठकों पर कोई ध्यान नहीं देता था। यह बैठक शरद पवार के घर पर नहीं हुई होती, तो शायद इसबार भी इसपर ध्यान नहीं जाता। और बैठक हो रही है, तो कुछ बातें भी होंगी। बहरहाल आज की बैठक उस फेडरल फ्रंट की तैयारी लगती है, जिसकी पेशकश 2019 के लोकसभा चुनाव के पहले टीआरएस के चंद्रशेखर राव ने की थी और जिसका समर्थन ममता बनर्जी और नवीन पटनायक ने किया था।

यह गतिविधि उत्तर प्रदेश के चुनाव के पहले हो रही है। तृणमूल कांग्रेस की कामना उत्तर प्रदेश में प्रवेश करने की है। आम आदमी पार्टी ने भी उत्तर प्रदेश के मंसूबे बाँध रखे हैं। देखना होगा कि इस वक्त इस मोर्चे में शामिल होने को उत्सुक कितने दल हैं। क्या समाजवादी पार्टी भी इसमें शामिल होगी? नवाब मलिक ने जो सूची जारी की है, उसमें अखिलेश यादव का नाम नहीं है।

मोटे तौर पर इस समय एनसीपी और तृणमूल कांग्रेस इसमें आगे दिखाई पड़ रहे हैं। सम्भव है कि शिवसेना भी कभी शामिल हो जाए। पर उसे जोड़ने के पहले इन दलों को काफी सोच-विचार करना होगा। इतना जरूर लगता है कि फिलहाल यह मोर्चा बना, तो एनडीए और यूपीए के अलावा एक तीसरे मोर्चे की शक्ल लेगा। यह बैठक यूपीए के तत्वावधान में नहीं हो रही है। इसका निमंत्रण शरद पवार और यशवंत सिन्हा की ओर से भेजा गया है। समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार 15 राजनीतिक दलों को निमंत्रण दिया गया है। एक सूत्र ने बताया कि सात दलों ने इसमें शामिल होने की स्वीकृति दी है।

टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार बैठक में फारूक अब्दुल्ला, यशवंत सिन्हा, संजय सिंह, पवन वर्मा, केटीएस तुलसी, डी राजा, जस्टिस एपी सिंह, करन थापर, आशुतोष, मजीद मेमन, वंदना चह्वाण, एसवाई कुरैशी, केसी सिंह, जावेद अख्तर, संजय झा, सुधीन्द्र कुलकर्णी, कॉलिन गोंज़ाल्वेस, अर्थशास्त्री अरुण कुमार, घनश्याम तिवारी और प्रीतीश नंदी शामिल हो सकते हैं। इनमें से कुछ नाम ऐसे हैं, जो प्रत्यक्ष रूप से राजनीति में सक्रिय नहीं हैं। एनडीटीवी के अनुसार एनसीपी के नेता और महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक ने ट्वीट करके इस विस्तृत सूची को जारी किया, जिसमें प्रतिष्ठित व्यक्तियों के नाम भी हैं। हालांकि नवाब मलिक की सूची में कांग्रेस के विवेक तन्खा और कपिल सिब्बल के नाम नहीं हैं, पर मीडिया में खबरें हैं कि उन्हें भी बुलाया गया है। 

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार शरद पवार के घर पर होने वाली बैठक में शामिल होने के लिए कांग्रेस के मनीष तिवारी और शत्रुघ्न सिन्हा, पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी को भी बुलाया गया है। खबर में यह भी कहा गया है कि सम्भवतः मनीष तिवारी और शत्रुघ्न सिन्हा बैठक में शामिल नहीं होंगे। इनके अलावा सिविल सोसायटी के जिन प्रतिनिधियों के नाम हैं, वे राष्ट्र मंच की बैठकों में पहले भी आते रहे हैं। अलबत्ता सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी और सीपीआई के डी राजा के नाम भी आमंत्रितों में शामिल हैं। आज के हिन्दू की खबर है कि शायद कांग्रेस और वाममोर्चे के प्रतिनिधि इसमें शामिल नहीं होंगे।

 

 

 

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