अर्थव्यवस्था में
सुस्ती आने और गाँवों से लेकर शहरों तक फैली निराशा के बीच वित्तमंत्री निर्मला
सीतारमण ने बड़ी घोषणाएं करके बताने की कोशिश की है कि सरकार देश की आर्थिक
समस्याओं का समाधान करने की पुरजोर कोशिश कर रही है. इस बजट में उन्होंने कोई
सेक्टर नहीं छोड़ा. उन्होंने इंफ्रास्ट्रक्चर और कृषि में निवेश घोषणाएं की हैं,
साथ ही आय के नए तरीके भी खोजने का प्रयास किया है. मध्य वर्ग और ग्रामीण
उपभोक्ताओं की क्रय शक्ति बढ़ाने के नए तरीके खोजे गए हैं, ताकि वे खर्च करें और
उपभोक्ता वस्तुओं का माँग बढ़े. करदाताओं और कम्पनियों को परेशान न किया जाए, इसके
लिए कम्पनी कानून में बदलाव होगा, वहीं टैक्स-पेयर चार्टर बनाने की घोषणा भी की गई
है.
सरकार ने धनार्जन
को उचित मानते हुए कारोबारियों को संतुष्ट करने की कोशिश की है. खर्च बढ़ाने के
बावजूद सरकार ने अगले वित्तवर्ष में राजस्व घाटे को जीडीपी के 3.8 फीसदी तक रखने
का वायदा किया है. यह वायदा पूरा होगा या नहीं, यह अगले साल ही पता लगेगा. अलबत्ता
सरकार पूरे हौसले के साथ मैदान में उतरी है. वित्तमंत्री ने जो बड़ी घोषणाएं की
हैं, उनमें जीवन बीमा निगम और रेलवे के आंशिक निजीकरण से जुड़े फैसले हैं. आयकर और
कम्पनी कर ढाँचे में व्यापक सुधार और स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने की घोषणा की गई
है. जीएसटी के और सरलीकरण का वायदा है. सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्योगों को बढ़ावा
देने के लिए पाँच करोड़ तक के कारोबारियों को लेखा परीक्षा से छूट देने की घोषणा
की है.
वित्तमंत्री ने
कृषि क्षेत्र के लिए भी कई तरह की घोषणाएं की हैं. इसके तहत जिन 16 एक्शन पॉइंट का
एलान किया है, उनमें 15 लाख करोड़ के कृषि ऋण उपलब्ध कराने का लक्ष्य है. कृषि, सिंचाई और ग्रामीण विकास पर सरकार ने 2.83
लाख करोड़ खर्च करने का फैसला किया है. सरकार 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के
अपने भरोसे पर कायम है. कृषि उत्पाद की बेहतर मार्केटिंग और निर्यात के लिए राज्य
‘एक उत्पाद, एक जिला’ पर फोकस करेंगे, ताकि उद्यान-कृषि (हॉर्टिकल्चर) को जिला स्तर
पर बढ़ावा दिया जा सके. नागरिक उड्डयन में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय रूटों पर
‘कृषि उड़ान’ सेवा की शुरुआत करने का भी प्रस्ताव है, जिसका उद्देश्य खेती में
नवाचार को प्रोत्साहन देना है.
ऐसा ही प्रयास ‘किसान रेल’ का है, जिसमें रेफ्रिजरेटेड कोच होंगे, ताकि जल्द खराब होने वाले उत्पाद समय
से बाजार में पहुँच जाएं. चुनिंदा मेल एक्सप्रेस और मालगाड़ियों के जरिये जल्द खराब
होने वाले सामान की ढुलाई के लिए रेफ्रिजरेटेड पार्सल वैन का भी प्रस्ताव है. प्रधानमंत्री
किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान के तहत सोलर पंप लगाने में सहायता दी जाएगी.
योजना के तहत किसान अपनी बंजर जमीन पर सौर ऊर्जा की इकाई स्थापित कर पाएंगे. पानी
की किल्लत से जूझ रहे 100 जिलों के लिए व्यापक उपाय प्रस्तावित किए गए हैं. सरकार
ने अगले साल दुग्ध उत्पादन को 10.8 करोड़ टन तक लाने का विश्वास व्यक्त किया है.
पिछले छह महीनों
से देश में आर्थिक संवृद्धि को लेकर बहस है. पिछली दो तिमाहियों में जीडीपी के
आंकड़ों में तेज लगातार देखी गई है. इस बजट में अगले साल जीडीपी की निवल (नॉमिनल)
संवृद्धि 10 फीसदी होने का अनुमान है. आर्थिक समीक्षा में सकल संवृद्धि 6 से 6.5
फीसदी होने का अनुमान बताया गया है. ऐसा हुआ, तो मानना होगा नैया को मँझधार से
बाहर निकालने में सरकार कामयाब हुई है.
सरकार ने मध्य
वर्ग को खुश करने का पूरा प्रयास किया है. बैंक जमा पर बीमा संरक्षण 5 लाख रुपये कर
दिया गया है. वर्तमान में बैंक डूबने की स्थिति में ग्राहक को अधिकतम एक लाख रुपये
का बीमा दिया जाता है. आयकर ढांचे में भी बदलाव है और नए स्लैब बना दिए हैं. नए
स्लैब के तहत टैक्स का भुगतान वही करदाता कर सकेंगे, जो पहले के नियमों के तहत मिलने वाली छूट और कटौतियों को
छोड़ देंगे. इसमें वैकल्पिक व्यवस्था भी दी गई है.
स्वास्थ्य सेवाओं
पर 69,000 करोड़ रुपये और शिक्षा तथा प्रशिक्षण पर 99,300 करोड़ के व्यय की
घोषणाएं भी मध्य वर्ग को आकर्षित करती हैं. भारतीय शिक्षा संस्थानों में विदेशी
छात्रों को आकर्षित करने के लिए इंडसैट योजना शुरू करने की पेशकश भी की गई है. डिजिटल
इंडिया और कौशल विकास कार्यक्रमों का इस साल और बढ़ावा देने का इरादा है. परिवहन
इंफ्रास्ट्रक्चर पर 1.7 लाख करोड़ रुपये खर्च करने का महत्वाकांक्षी कार्यक्रम घोषित
किया गया है. पीपीपी मॉडल पर पाँच स्मार्ट शहर विकसित होंगे. उड़ान योजना के तहत
100 नए हवाई अड्डे बनाने की घोषणा भी महत्वपूर्ण है. पिछले दो वर्षों में इस योजना
के तहत छोटे शहरों में 50 हवाई अड्डों का विकास किया गया है.
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