आज सुबह के इंडियन एक्सप्रेस का शीर्षक है 'Headline awaited' यानी शीर्षक का इंतज़ार है। अब से कुछ घंटे बाद परिणाम आने लगेंगे। कहना मुश्किल है कि देश को कोई शीर्षक मिलेगा या नहीं। लगता है कि कांग्रेस का शीर्षक लिखा जा चुका है। अब उसकी दिलचस्पी मोदी को रोकने में है। दूसरी ओर भाजपा यानी मोदी हारें या जीतें उनकी समस्याएं बढ़ने वाली हैं। हारने का मतलब समस्याओं का पहाड़ है तो जीतने का मतलब है परेशानियों का महासागर। जीते तो उनके खिलाफ कांग्रेस वही काम शुरू करेगी जो अबतक वे कांग्रेस के साथ कर रहे थे। उनकी अपनी पार्टी के खुर्राट भी उनका काम लगाएंगे। बीच में लटके तो दीदियों और दादाओं की मनुहार में सारा वक्त खर्च होगा। बहुत कठिन है डगर पनघट की।
पहली बारी गवर्नरोंं की
भाजपा का नया कोर ग्रुप
कल के भास्कर की खबर
स्मृति हारीं तब भी जीतेंगी
पहली बारी गवर्नरोंं की
भाजपा का नया कोर ग्रुप
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
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आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल शनिवार (17-05-2014) को ""आ गई अच्छे दिन लाने वाली एक अच्छी सरकार" (चर्चा मंच-1614) पर भी होगी!
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जनतऩ्त्र ने अपनी ताकत का आभास करा दिया।
दशकों से अपनी गहरी जड़ें जमाए हुए
कांग्रेस पार्टी को धूल चटा दी और
भा.ज.पा. के नरेन्द्र मोदी को ताज पहना दिया।
नयी सरकार का स्वागत और अभिनन्दन।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'