गुजरे कुछ दिनों में कोविड-19 के अमेरिका और यूरोप में प्रसार की खबरें मिलीं, वहीं भारत की राजधानी दिल्ली में फिर से संक्रमणों की बाढ़ है। फिर भी दुनिया में आशा की किरणें दिखाई पड़ी हैं। ऐसा पहली बार हो रहा है, जब दुनिया में किसी महामारी के फैलने के एक साल के भीतर उसकी वैक्सीन तैयार हो गई है। मॉडर्ना, फायज़र और एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड विवि ने दावा किया है कि उनकी वैक्सीनें लगभग तैयार होने की स्थिति में हैं और वे सुरक्षित और असरदार है।
भारत सरकार ने सीरम इंस्टीट्यूट से एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड की ‘कोवीशील्ड’ वैक्सीन की 50 से 60 करोड़ खुराकें खरीदने की योजना बनाई है। एक व्यक्ति को दो खुराकें लगेंगी। इसका मतलब है कि भारत ने पहले दौर में 25-30 करोड़ लोगों के टीकाकरण की योजना बनाई है। जैसे ही ब्रिटिश नियामक संस्था इस वैक्सीन को अनुमति देगी, भारतीय नियामक भी इसे स्वीकृति दे देंगे। उम्मीद है कि जनवरी के अंत या फरवरी में यह वैक्सीन भारत को मिल जाएगी।