Wednesday, May 28, 2025

बांग्लादेश में अराजकता और संशयों की लहरें

बीएनपी राष्ट्रीय स्थायी समिति की प्रेस कॉन्फ्रेंस

हाल के घटनाक्रम से लग रहा है कि बांग्लादेश फिर से अराजकता की गिरफ्त में आ रहा है. उसकी पेशबंदी में ही शायद अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने धमकी दी है कि मैं इस्तीफा देने पर विचार कर रहा हूँ.

इतना साफ है कि यूनुस ने हटने का प्रचार किया, वे हटना नहीं चाहते, बल्कि उनके कुछ समर्थक चाहते हैं कि वे अगले पाँच साल तक इस पद पर बने रहें, जो संभव नहीं.

दूसरी तरफ देश की सेना का रुख कुछ मामलों में सरकारी रुख से अलग नज़र आ रहा है. सेना के एक प्रवक्ता ने सोमवार 26 मई को कहा कि बांग्लादेश की सशस्त्र सेनाएँ ऐसे निर्णयों में शामिल नहीं होंगी जो राष्ट्रीय सुरक्षा को नुकसान पहुँचा सकती हैं.

ढाका में एक प्रेस वार्ता में लेफ्टिनेंट कर्नल शफ़ीकुल इस्लाम ने म्यांमार के रखाइन प्रांत में मानवीय गलियारा शुरू करने की अंतरिम सरकार की पहल से मतभेद का संकेत दिया और कहा कि बांग्लादेश की सेना इस मामले पर समझौता नहीं करेगी’.

इसके पहले यूनुस के प्रेस सचिव शफ़ीकुल आलम ने रविवार को कहा कि यूनुस अगले साल 30 जून के बाद एक दिन भी सत्ता में नहीं रहेंगे और संसदीय चुनाव इसी अवधि के भीतर होंगे. ऐसा है, तो फिर चुनाव की तारीखें घोषित करने में दिक्कत क्या है?

Friday, May 23, 2025

आईएमएफ की सदाशयता या पाखंड?


पहलगाम हत्याकांड के बाद जिस समय भारत ऑपरेशन सिंदूर चला रहा था, उसी समय अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) पाकिस्तान को एक अरब डॉलर के कर्ज क स्वीकृति दे रहा था. भारत के विरोध के बावज़ूद आईएमएफ के एक्ज़िक्यूटिव बोर्ड ने इसे मंज़ूरी दे दी.

आईएमएफ़ के नियम किसी प्रस्ताव के ख़िलाफ़ वोट करने का अधिकार नहीं देते इसलिए बोर्ड के सदस्य या तो पक्ष में वोट दे सकते हैं या अनुपस्थित रह सकते हैं. जो भी फ़ैसले हैं वे बोर्ड में आम सहमति के आधार पर किए जाते हैं.

जब पाकिस्तान को, जिसके आंगन में कभी कुख्यात ओसामा बिन लादेन रहता था, अपने विशाल पड़ोसी भारत के साथ तनाव के चरम पर एक अरब डॉलर का पैकेज दिया जाता है, तो इसके पीछे के कारणों पर गंभीरता से विचार करने की ज़रूरत है.

भारत के विरोध को देखते हुए मुद्राकोष ने अगली किस्त जारी करने के लिए पाकिस्तान पर 11 नई शर्तें भी लगाई हैं. आईएमएफ ने पाकिस्तान को चेताया है कि भारत के साथ तनाव से योजना के राजकोषीय, वाह्य और सुधार लक्ष्यों के लिए जोखिम बढ़ सकते हैं.

पाकिस्तान पर लगाई गई नई शर्तों में 17,600 अरब रुपये के नए बजट को संसद की मंजूरी, बिजली बिलों पर ऋण भुगतान अधिभार में वृद्धि और तीन साल से अधिक पुरानी कारों के आयात पर प्रतिबंध को हटाना शामिल है.

सवाल है कि वैश्विक-व्यवस्था ने पाकिस्तान की आतंकी-गतिविधियों की अनदेखी क्यों की और आईएमएफ के फैसले के पीछे कोई संज़ीदा दृष्टि है या शुद्ध-पाखंड? इस सवाल का जवाब देने के पहले हमें वर्तमान स्थितियों पर नज़र डालनी होगी.  

Thursday, May 15, 2025

अमेरिकी कोशिशों का स्वागत है, मध्यस्थता का नहीं


दक्षिण एशिया का दुर्भाग्य है कि जिस समय दुनिया के देश, जिनमें भारत भी शामिल है, डॉनल्ड ट्रंप की आक्रामक आर्थिक-नीतियों के बरक्स अपनी नीतियों के निर्धारण में लगे हैं, हमें लड़ाई में जूझना पड़ रहा है. 

इस लड़ाई की पृष्ठभूमि को हमें दो परिघटनाओं से साथ जोड़कर देखना और समझना चाहिए. एक, शनिवार के युद्धविराम की घोषणा भारत या पाकिस्तान के किसी नेता ने नहीं की, बल्कि डॉनल्ड ट्रंप ने की. दूसरे हाल में भारत और ब्रिटेन के बीच मुक्त-व्यापार समझौता हुआ है, जिसकी तरफ किसी ने ध्यान नहीं दिया.  

इसके अलावा हाल के दिनों की भू-राजनीति में महत्वपूर्ण नए मोड़ आए हैं, जिनका भारत पर भी असर पड़ेगा. खबरों के मुताबिक तुर्की और चीन ने पाकिस्तान का एकतरफा समर्थन किया है. 

पाकिस्तान ने आतंकवाद को एक अघोषित नीति के रूप में इस्तेमाल किया है. दूसरी तरफ यह साबित करते हुए कि आतंकवादी हमले की स्थिति में हम पाकिस्तान में घुसकर कार्रवाई कर सकते हैं, मोदी सरकार ने प्रभावी रूप से एक नए सुरक्षा सिद्धांत की घोषणा की है. पाकिस्तान को निर्दोष लोगों की हत्या करने और आतंकवाद को बढ़ावा देने की अनुमति नहीं दी जाएगी. 

ट्रंप की घोषणा

ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर घोषणा की कि भारत और पाकिस्तान ‘पूर्ण और तत्काल संघर्ष विराम’ पर सहमत हो गए हैं. ट्रंप ने अपनी आदत के अनुरूप या शायद जल्दबाज़ी में ऐसा किया. वे साबित करना चाहते हैं कि लड़ाइयों को रोकना उन्हें आता है. 

Wednesday, May 14, 2025

ऑफेंसिव डिफेंस यानी ‘गोली की जवाब गोला’


'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत तीन दिन चली लड़ाई के पहले दिन ही भारतीय सेना का लक्ष्य पूरा हो गया था, जब 21 में से नौ ठिकानों पर ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ करके सौ से ज्यादा आतंकियों को मार गिराया गया. 

भारतीय सफलताओं की कहानियाँ सामने आती जाएँगी, पर रविवार की शाम हमारे डीजीएमओ (डायरेक्टर जनरल मिलिट्री ऑपरेशंस) और तीनों सेनाओं के अधिकारियों ने सप्रमाण जो विवरण पेश किए हैं, उन्हें देखते हुए हम आश्वस्त हो सकते हैं कि भविष्य में कोई भी गलत हरकत करने के पहले दस बार सोचेगा. 

ऑपरेशन जारी है

भारत की दिलचस्पी लंबी लड़ाई में थी ही नहीं और पाकिस्तान में लड़ने की कुव्वत नहीं थी. ऐसे में लड़ाई का रुकना सकारात्मक गतिविधि है, पर इसका मतलब यह नहीं है कि अब हम कोई कार्रवाई करेंगे ही नहीं. रविवार को भारतीय वायुसेना ने स्पष्ट कर दिया कि हमारा ऑपरेशन खत्म नहीं हुआ है. 

डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने बताया कि युद्धविराम के बाद पाकिस्तानी सेना ने कुछ ही घंटों में उसका उल्लंघन शुरू कर दिया था. इसके बाद शनिवार रात और रविवार सुबह तक पश्चिमी सीमा के विस्तार में ड्रोन घुसपैठ हुई. 

Monday, May 12, 2025

आतंकवाद की ‘नाभि’ पर प्रहार का प्रारंभ


'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत तीन दिन चली लड़ाई के दीर्घकालीन निहितार्थ बाद में समझे जाएँगे, पहली बात यह है कि लंबे अरसे बाद दोनों देशों में आज 12 मई को बात होगी। भले ही यह बात डायरेक्टर जनरल मिलिट्री ऑपरेशंस के लेवल पर है, इसलिए वह फौजी-गतिविधियों पर केंद्रित होगी। हो सकता है कि इसके भीतर से कोई महत्वपूर्ण सूत्र निकल आए। 

भारत ने अपनी सैनिक-कार्रवाई के जिन उद्देश्यों को शुरू में घोषित किया था, वे काफी हद तक हासिल हो चुके हैं। पाकिस्तान के रक्षा-इंफ्रास्ट्रक्चर का जो नुकसान हुआ है, उसकी जानकारी रविवार को सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने अपनी ब्रीफिंग में दी है। फिलहाल हमें पहलगाम के उन छह या आठ हत्यारों को पाताल से भी खोजकर लाना चाहिए, जो ‘आतंकवाद की नाभि’ में बैठे हैं। उस नाभि पर यह पहला वार है।

10 मई की शाम युद्धविराम की घोषणा होने के बाद देर रात तक संशय बना रहा कि लड़ाई रुकी भी है या नहीं। आखिरकार रुकी। इससे पाकिस्तानी सत्ता-प्रतिष्ठान के भीतर की दरारें दिखाई पड़ रही हैं। यकीनन पाकिस्तान के साथ रिश्तों में बहुत सावधानी बरतने की ज़रूरत है और हम सावधान हैं।