तमिलनाडु,
केरल और कर्नाटक के तिराहे पर वायनाड काली
मिर्च और मसालों की खेती के लिए मशहूर रहा है। यहाँ की हवाएं तीनों राज्यों को
प्रभावित करती हैं। भारी मुस्लिम आबादी और केरल में इंडियन मुस्लिम लीग के साथ
गठबंधन होने के कारण कांग्रेस के लिए यह सीट सुरक्षित मानी जाती है। राहुल यहाँ से
क्यों खड़े हो रहे हैं, इसे लेकर पर्यवेक्षकों की अलग-अलग राय हैं। कुछ लोगों को
लगता है कि अमेठी की जीत से पूरी तरह आश्वस्त नहीं होने के कारण उन्हें यहाँ से भी
लड़ाने का फैसला किया गया है। इसके पहले इंदिरा गांधी और सोनिया गांधी ने भी अपने
मुश्किल वक्त में दक्षिण की राह पकड़ी थी।
इंदिरा गाँधी 1977 में रायबरेली से चुनाव हार
गई थीं। उन्होंने वापस संसद पहुँचने के लिए कर्नाटक के चिकमंगलूर का रुख किया था।
चिकमंगलूर की जीत उनके जीवन का निर्णायक मोड़ साबित हुई थी। उन्होंने धीरे-धीरे
अपना खोया जनाधार वापस पा लिया। उन्होंने 1980 का चुनाव आंध्र की मेदक सीट से लड़ा। सोनिया गांधी ने 1999 में पहली बार चुनाव लड़ा, तो उन्होंने अमेठी के साथ-साथ कर्नाटक के बेल्लारी से पर्चा भरा। उनके
विदेशी मूल का विवाद हवा में था, इसी संशय में वे बेल्लारी गईं थीं।