पिछले दो दिन के अखबार राहुल के प्रधानमंत्रित्व को समर्पित थे। सभी चैनलों पर बहस का मुद्दा भी यही था। बहरहाल कांग्रेस महासमिति की बैठक का निष्कर्ष यह निकला कि अब राहुल नए अवतार में हैं। उनकी बोली और अंदाज बदला है। पार्टी की इस बैठक में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह हिंदी में बोले। अपने संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने हिंदी में पूछे गए सवालों के जवाब भी अंग्रेजी में दिए थे। इससे बड़ी बात यह है कि कांग्रेस अब अपनी आर्थिक नीति को लेकर जवाब देने की स्थिति में है। उसके प्रवक्ताओं को होमवर्क के साथ भेजा जा रहा है। राहुल ने मणिशंकर की तारीफ की तो उन्हें भी ताव आ गया और उन्होंने नरेंद्र मोदी को चायवाला बना दिया। रोचक बात यह कि जिस नरेंद्र मोदी के इंदिरा गांधी हवाई अड्डे पर आगमन से लेकर सभा स्थल तक जाने का आँखों देखा हाल प्रसारित होता था, वे दो दिन से दिल्ली में पड़े थे उनकी कोई खबर नहीं। खबरें हैं 'आप' की दुर्दशा की। अब इस आशय की खबरें भी आने लगी हैं कि किस तरह से आप की टोपी पहने लोग सरकारी अफसरों को फटकार रहे हैं। दिल्ली में स्टिंग ऑपरेशन वाले उपकरणों की बिक्री हो रही है। पर उससे ज्यादा है मंत्री-पुलिस संवाद। लोकतंत्र अपने अगले पायदान पर आ गया है।
दैनिक भास्कर