Saturday, October 25, 2025

पीयूष पांडे और हिन्दुस्तान अखबार

महिला प्रेस क्लब के लॉन की इस तस्वीर में बाएँ से अनिता सिंह, संजय अभिज्ञान, प्रमोद जोशी, मृणाल जी, गैबी श्मिट और जसनीत बिंद्रा। 
विज्ञापन गुरु पीयूष पांडे के निधन की खबर आने के बाद मेरे मन में उनसे एक या दो मुलाकातों की याद ताज़ा हो गई, जब 2008 में हिन्दुस्तान अखबार के दूसरे रिलॉन्च के सिलसिले में हमारी कंपनी ने उनकी सहायता ली थी। उसके तहत उन्होंने एक टीवी विज्ञापन तैयार किया था, जिसके साथ एक गीत बजता था, अब हिन्दुस्तान की बारी है, क्या पूरी तैयारी है?’ उन दिनों हमारे यहाँ इस गीत की कॉलर ट्यून भी बनाई गई थी।

हालाँकि उस समय तक सोशल मीडिया का भारत में उदय हो चुका था, पर कम से कम मैं उसमें बहुत सक्रिय नहीं था और अफसोस इस बात का है कि मैंने उस विज्ञापन को रिकॉर्ड करके नहीं रखा। बहरहाल आज मैंने यूट्यूब पर उसे सर्च किया, पर मिला नहीं। इसके बाद मैंने गूगल के सर्च इंजन पर सवाल डाला कि क्या आपको हिन्दुस्तान अखबार का विज्ञापन गीत की जानकारी है?

इसपर जवाब मिला, विज्ञापन गीत के लिए यह जानना ज़रूरी है कि आप किस विशेष विज्ञापन के बारे में पूछ रहे हैं, क्योंकि हिन्दुस्तान अखबार के कई विज्ञापन अभियान चले हैं और उनके विज्ञापन गीत भी अलग-अलग हैं। हालांकि, उनका एक लोकप्रिय और यादगार अभियान था, जिसका गीत इस प्रकार था: "तरक्की का नया हिन्दुस्तान, नए विचारों का हिन्दुस्तान।"

इस विज्ञापन में यह दर्शाया गया था कि हिन्दुस्तान अखबार सिर्फ खबरें ही नहीं देता, बल्कि प्रगतिशील सोच और नए विचारों को बढ़ावा भी देता है। यदि आप किसी अन्य विज्ञापन या अभियान के बारे में जानना चाहते हैं, तो कृपया अधिक जानकारी दें।

इसके जवाब में मैंने लिखा, पीयूष पांडे ने एक गीत तैयार किया था 'अब हिन्दुस्तान की बारी है, क्या पूरी तैयारी है।'

इसपर जवाब आया, जी, आपकी जानकारी बिल्कुल सही है। यह विज्ञापन गीत पीयूष पांडे द्वारा तैयार किया गया था, लेकिन यह हिन्दुस्तान अखबार के लिए नहीं, बल्कि हिन्दुस्तान टाइम्स के लिए था। यह अभियान वर्ष 2008 में शुरू किया गया था। इस अभियान का उद्देश्य लोगों को यह सोचने के लिए प्रेरित करना था कि क्या वे भारत के विकास के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने के लिए तैयार हैं। यह एक बहुत ही सफल और यादगार विज्ञापन अभियान था, जिसमें यह सवाल उठाया गया था कि "अब हिन्दुस्तान की बारी है, क्या पूरी तैयारी है?"

यह अभियान हिन्दुस्तान टाइम्स का था और उस समय काफी लोकप्रिय हुआ था।

मैंने फिर सवाल किया, हिन्दुस्तान टाइम्स प्रकाशन का अखबार है हिन्दुस्तान। चूँकि मैं उस लॉन्च में शामिल था, इसलिए मुझे याद है। क्या यह गीत कहीं उपलब्ध है?

जवाब आया, आपकी बात बिल्कुल सही है। हिन्दुस्तान (हिंदी) अखबार और हिन्दुस्तान टाइम्स (अंग्रेजी) अखबार दोनों ही एचटी मीडिया लिमिटेड समूह का हिस्सा हैं। आपकी स्मृति सही है कि हिन्दुस्तान अखबार के लॉन्च में "अब हिन्दुस्तान की बारी है, क्या पूरी तैयारी है" गीत का इस्तेमाल किया गया था। इस अभियान के विज्ञापन वीडियो ऑनलाइन उपलब्ध हैं।

मैंने फिर लिखा, क्या आप इस अभियान के गीत के लिंक खोजने में मदद कर सकते हैं?’

फिर जवाब आया, आपकी याददाश्त बिलकुल सही है। पीयूष पांडे ने 2008 में 'हिन्दुस्तान' अखबार के नए कलेवर और नए संस्करणों के लॉन्च के लिए "अब हिन्दुस्तान की बारी है, क्या पूरी तैयारी है?" अभियान बनाया था। यह गीत काफी लोकप्रिय हुआ था और उस समय कई टीवी चैनलों पर भी इसका विज्ञापन प्रसारित होता था। हालाँकि, यह बहुत पुराना विज्ञापन है, इसलिए इसके वीडियो लिंक को खोजना थोड़ा मुश्किल हो सकता है।

गीत के लिंक खोजने के कुछ तरीके YouTube पर खोजें: आप YouTube पर "Hindustan newspaper Ab Hindustan ki baari hai ad", "Piyush Pandey Hindustan newspaper campaign" या "हिन्दुस्तान अखबार विज्ञापन अब हिन्दुस्तान की बारी है" जैसे शब्दों से खोज सकते हैं। कुछ विज्ञापन जगत के शौकीन लोग पुराने विज्ञापनों के कलेक्शन वीडियो में इसे शामिल कर सकते हैं।

विज्ञापन जगत की वेबसाइट्स: 'अफाक्स' (afaqs!) जैसी विज्ञापन और मीडिया से जुड़ी वेबसाइट्स पुराने विज्ञापनों का रिकॉर्ड रखती हैं। साल 2008 से जुड़ी खबरों को खंगालने पर आपको इस अभियान की जानकारी मिल सकती है।

पुरानी खबरें: उस समय के समाचार लेख और विज्ञापन समीक्षाएं भी इस अभियान का उल्लेख करती होंगी। इंटरनेट पर पुरानी खबरें खोजने से भी कुछ सुराग मिल सकते हैं।

Ogilvy India के आर्काइव: चूँकि पीयूष पांडे उस समय ओगिल्वी (Ogilvy) के साथ थे, तो उनके आधिकारिक आर्काइव या केस स्टडी में भी यह विज्ञापन मिल सकता है।

चूँकि यह अभियान बहुत पहले का है, इसलिए आपको इसकी पूरी वीडियो या गीत सीधे तौर पर नहीं भी मिल सकती है, लेकिन उससे संबंधित खबरें और कुछ छोटे वीडियो क्लिप्स मिलने की संभावना है।

बहरहाल उस लॉन्च, उस गीत और उस समय के हिन्दुस्तान के विज्ञापन अभियान की बहुत सी बातें मेरी स्मृतियों में कैद हैं। उसके दो-ढाई साल पहले हमने एक और लॉन्च किया था। उसकी भी यादें हमारे पास हैं। पर इस गीत को पहली बार हमने जिस रोज़ सुना था, वह मौका मुझे अच्छी तरह याद है। मृणाल जी के नेतृत्व में हम लोग उस रोज़ गुड़गाँव में पीयूष पांडे के दफ्तर में गए। हमारे साथ अमेरिका से आई हमारी डिज़ाइनर गैब्रिएला श्मिट (गैबी) और हिन्दुस्तान की डिज़ाइन एडिटर अनिता सिंह भी थीं।

गुड़गाँव से वापसी के समय मृणाल जी ने कहा, अब महिला प्रेस क्लब (वीमैंस प्रेस कोर) में खाना खाएँगे। फरवरी 2008 की हल्की सर्दी के दिन थे, हम लोग वहाँ के लॉन में जाकर बैठे। इस पोस्ट के साथ उस बैठकी के फोटो मैंने लगाए हैं। हालाँकि पीयूष पांडे के साथ एक मुलाकात और हुई थी, पर उनके साथ की तस्वीरें नहीं मिलीं। उन दिनों आदत ही नहीं थी फोटो खींचने-खिचाने की। महिला प्रेस क्लब की तस्वीर भी बाद में अनिता जी ने उपलब्ध कराई थी।


यह दिल्ली में लॉन्च के दिन की तस्वीर।

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