मुंबई कांग्रेस के नवनियुक्त अध्यक्ष अशोक उर्फ भाई जगताप ने रविवार 20 दिसंबर को संकेत दिया था कि पार्टी 2022 के मुंबई नगर निकाय चुनाव में सभी 227 सीटों पर लड़ेगी। इस प्रतिक्रिया का असर है कि शिवसेना ने यूपीए अध्यक्ष को बदलने की मांग की है। शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादकीय में इशारों में कहा गया है कि यूपीए की कमान शरद पवार को सौंपी जानी चाहिए। वर्तमान में सोनिया गांधी यूपीए की अध्यक्ष हैं।
सामना में छपे संपादकीय
में लिखा है कि सोनिया ने अब तक यूपीए अध्यक्ष की भूमिका बखूबी निभाई, लेकिन अब बदलाव करना होगा। दिल्ली में आंदोलन कर रहे
किसानों का साथ देने के लिए आगे आना होगा। संपादकीय में लिखा गया है कि कई विपक्षी
दल हैं जो यूपीए में शामिल नहीं हैं। उन दलों को साथ लाना होगा। कांग्रेस का अलग
अध्यक्ष कौन होगा, यह साफ नहीं है।
राहुल गांधी किसानों के साथ खड़े हैं, लेकिन कहीं कुछ कमी लग रही है। ऐसे में शरद पवार जैसे सर्वमान्य नेता को आगे
लाना होगा।
सामना में लिखा गया कि
अभी जिस तरह की रणनीति विपक्ष ने अपनाई है, वह मोदी और शाह के आगे बेअसर है। सोनिया गांधी का साथ देने
वाले मोतीलाल वोरा और अहमद पटेल जैसे नेता अब नहीं रहे। इसलिए पवार को आगे लाना
होगा।
दिल्ली की सीमा पर किसानों का आंदोलन शुरू है। इस आंदोलन को लेकर दिल्ली के सत्ताधीश बेफिक्र हैं। सरकार की इस बेफिक्री का कारण देश का बिखरा हुआ और कमजोर विरोधी दल हैं। फिलहाल, लोकतंत्र में जो गिरावट आ रही है, उसके लिए भाजपा या मोदी-शाह की सरकार नहीं, बल्कि विरोधी दल सबसे ज्यादा जिम्मेदार हैं। वर्तमान स्थिति में सरकार को दोष देने की बजाय विरोधियों को आत्मचिंतन करने की आवश्यकता है।