हाल के वर्षों
में यह नजर आया है कि स्थानीय निकायों के चुनाव भी राज्य और राष्ट्रीय स्तर की
राजनीति और जनमत को व्यक्त करते हैं। बंगाल और केरल की राजनीति में यह प्रवृत्ति
पहले से देखने को मिलती थी, क्योंकि वामपंथी दल हरेक स्तर पर विचारधारा के साथ
सक्रिय रहते हैं। इन राज्यों में ग्राम सभा स्तर तक राजनीतिक दल पहुँच चुके हैं,
जबकि एक अरसे तक देश में इस बात पर जोर दिया जाता था कि स्थानीय निकायों में
प्रतिनिधित्व राजनीति पहचान के आधार पर नहीं होना चाहिए क्योंकि वहाँ विचारधारा की
जगह स्थानीय मुद्दे होते हैं। ये परिणाम स्थानीय निकाय स्तर तक पार्टी के संगठन और
नेतृत्व की क्षमता के संकेतक भी होते हैं।
Sunday, February 26, 2017
Thursday, February 23, 2017
जहर घोलती राजनीति
राजनीति
यदि समाज के धवल पक्ष को उजागर करती है तो सबसे गंदे पहलू पर भी रोशनी डालती है।
चुनाव में इन दोनों बातों के दर्शन होते हैं। जैसे-जैसे उत्तर प्रदेश के विधानसभा
चुनाव का रथ आगे बढ़ रहा है वैसे-वैसे माहौल में जहर घुल रहा है और नेताओं की
शब्दावली घटिया होती जा रही है। चुनाव प्रचार में प्रतिस्पर्धी पर आरोप लगना
अस्वाभाविक नहीं, पर इसकी आड़ में जैसा जहर जीवन और समाज में घुलने लगा है, वह
खतरनाक सीमा पर पहुँचा जा रहा है।
Tuesday, February 21, 2017
रक्षा उद्योगों में आत्मनिर्भरता
बेंगलुरु में हाल में लगे एयरो इंडिया-2017 शो में भारतीय वायुसेना ने पहले स्वदेशी एयरबोर्न अर्ली
वॉर्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम को कमीशन करके रक्षा में स्वदेशीकरण की लम्बी
प्रक्रिया में एक बड़ा कदम रखा है। आकाश में किसी भी प्रकार की गतिविधि पर नजर
रखने वाले अवॉक्स आज किसी भी वायुसेना की पहली जरूरत है। हालांकि यह उपलब्धि है,
पर ह कार्यक्रम अपने समय से तकरीबन छह साल पीछे चल रहा है।
Monday, February 20, 2017
अपनी लगाई आग में जलता पाकिस्तान
गुरुवार की शाम पाकिस्तान में सिंध के सहवान कस्बे की लाल
शाहबाज कलंदर दरगाह पर आतंकी हमला हुआ, जिसमें 88 लोगों के मरने और करीब 200 को
घायल होने की खबर है। इस आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट
ने ली है। इस्लामिक स्टेट ने इससे पहले नवम्बर में बलूचिस्तान में एक सूफी दरगाह पर
हुए हमले की जिम्मेदारी भी ली थी। पाकिस्तान में इस्लामिक स्टेट की गतिविधियाँ
बढ़ती जा रहीं है। हालांकि उसका अपना संगठन वहाँ नहीं है, पर लश्करे-झंगवी जैसे
स्थानीय गिरोहों की मदद से वह अपनी जड़ें जमाने में कामयाब हो रहा है।
आप अपराधी हैं तो राजनीति में आपका स्वागत है
पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट के दो फैसले देश में राजनीति और अपराध के रिश्तों पर रोशनी डालते हैं. इनमें एक है पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन को सीवान जेल से हटाकर दिल्ली की तिहाड़ जेल में रखने का फैसला. शहाबुद्दीन पर 45 मामलों में विचार चल रहा है और 10 मामलों में उन्हें दोषी पाया गया है. इन सारे मामलों को तार्किक परिणति तक पहुँचते-पहुँचते कितना समय लगेगा, कहना मुश्किल है. फिर भी संतोष की बात है कि देश की उच्चतम अदालत ऐसे मामलों में पहल ले रही है.
हाल में जिस दूसरे मामले ने ध्यान खींचा, वह है तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता और उनके कुछ सहयोगियों की आय का मामला. इस फैसले के बाद तमिलनाडु की राजनीति में उथल-पुथल है. भारत में राजनीति और अपराध के बीच गहरे रिश्ते हैं. अक्सर अपराधों से जुड़े नेता अपने इलाकों में खासे लोकप्रिय होते हैं और चुनावों की जीत या हार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. इसीलिए उनका महत्व बना रहता है. आरजेडी के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन अपने समर्थकों व विरोधियों के बीच रॉबिनहुड के रूप में जाने जाते थे. कहते हैं कि एक दौर में सीवान में कानून का राज नहीं, शहाबुद्दीन का शासन चलता था.
हाल में जिस दूसरे मामले ने ध्यान खींचा, वह है तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता और उनके कुछ सहयोगियों की आय का मामला. इस फैसले के बाद तमिलनाडु की राजनीति में उथल-पुथल है. भारत में राजनीति और अपराध के बीच गहरे रिश्ते हैं. अक्सर अपराधों से जुड़े नेता अपने इलाकों में खासे लोकप्रिय होते हैं और चुनावों की जीत या हार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. इसीलिए उनका महत्व बना रहता है. आरजेडी के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन अपने समर्थकों व विरोधियों के बीच रॉबिनहुड के रूप में जाने जाते थे. कहते हैं कि एक दौर में सीवान में कानून का राज नहीं, शहाबुद्दीन का शासन चलता था.
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