दिल्ली में आप का आंदोलन वापस हो गया, पर तमाम सवाल छोड़ गया। क्या साबित करने के लिए यह आंदोलन हुआ था? दिल्ली की जनता को प्रयोगशाला के जानवरों की तरह इस्तेमाल क्यों किया जाता है? केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार चाहतीं तो यह विवाद खड़ा ही नहीं होता। इस आंदोलन के कारण आम आदमी पार्टी ्वधारमा पर गम्भीर बहस भी शुरू हो गई है। क्या यह आंदोलन किसी नई राजनीति की शुरूआत है या पुरानी राजनीति में जगह न बना पाने वालों की अतृप्त मनोकामना पूरी करने का रास्ता है? आज दैनिक भास्कर में चेतन भगत का रोचक लेख है 'राजनीति की आइटम गर्ल है आप।' देखें आज की कुछ कतरनें
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