अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के बयानों और टैरिफ को लेकर भारत और अमेरिका के बीच चलती तनातनी के दौरान दो-तीन घटनाएँ ऐसी हुई हैं, जो इस चलन के विपरीत हैं.
एक है, दोनों देशों के बीच दस साल के
रक्षा-समझौते का नवीकरण और दूसरी चाबहार पर अमेरिकी पाबंदियों में छह महीने की
छूट. इसके अलावा दोनों देश एक व्यापार-समझौते पर बात कर रहे हैं, जो इसी महीने
होना है.
इन बातों को देखते हुए पहेली जैसा सवाल जन्म लेता
है कि एक तरफ दोनों देशों के बीच आर्थिक-प्रश्नों को लेकर तीखे मतभेद हैं, तो सामरिक और भू-राजनीतिक रिश्ते मजबूत क्यों हो रहे हैं? उधर अमेरिका
और चीन का एक-दूसरे के करीब आना भी पहेली की तरह है.
डॉनल्ड ट्रंप और शी चिनफिंग के बीच मुलाकात के बाद कुछ दिनों के भीतर अमेरिकी युद्धमंत्री (या रक्षामंत्री) पीट हैगसैथ ने रविवार को बताया कि उन्होंने चीन के रक्षामंत्री एडमिरल दोंग जून से मुलाकात की और दोनों ने आपसी संपर्क को मजबूत करने और सैनिक-चैनल स्थापित करने पर सहमति व्यक्त की है.
