ऐसे मौके पर जब लग रहा है कि रूस ने यूक्रेन में लड़ाई को डिप्लोमैटिक-मोर्चे पर जीत लिया है, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत आ रहे हैं. दूसरी तरफ इसी परिघटना के आगे-पीछे भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते की भी संभावना है.
इन दोनों खबरों
को मिलाकर पढ़ें, तो भारत की दृष्टि से साल का समापन अच्छे माहौल में होने जा रहा
है. यूक्रेन में लडाई खत्म हुई, तो एक और बड़ा काम होगा. वह है रूस पर
आर्थिक-पाबंदियों में कमी. इनसे भी भारत का रिश्ता है.
दूसरी तरफ अमेरिका-रूस, अमेरिका-चीन और भारत-चीन रिश्ते भी नई शक्ल ले रहे हैं. अक्सर सवाल किया जाता है कि चीन से घनिष्ठता को देखते हुए क्या रूस भारत के साथ न्याय कर पाएगा. क्यों नहीं? बल्कि रूस संतुलनकारी भूमिका निभा सकता है.




