नज़रिया: कार्यकाल 2019 में खत्म तो 2022 की बात क्यों कर रही है मोदी सरकार?

नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी जब जीतकर आई थी, तब उसने 'अच्छे दिन' लाने के लिए पाँच साल माँगे थे. तीन साल गुजर गए हैं और सरकार के पास ऐसी कोई 'चमत्कारिक उपलब्धि' नहीं है, जिसे वह पेश कर सके. पर बड़ी 'एंटी इनकंबैंसी' भी नहीं है. इसी वजह से सरकार भविष्य की ग़ुलाबी तस्वीर खींचने की कोशिश कर रही है.
यह साल बारहवीं पंचवर्षीय योजना का आख़िरी साल था. पिछली सरकार ने इस साल 10 फ़ीसदी आर्थिक विकास दर हासिल करने का लक्ष्य रखा था. वह लक्ष्य तो दूर, पंचवर्षीय योजनाओं की कहानी का समापन भी इस साल हो गया. अब भारतीय जनता पार्टी ने 'संकल्प से सिद्धि' कार्यक्रम बनाया है, जिससे एक नए किस्म की सांस्कृतिक पंचवर्षीय योजना का आग़ाज़ हुआ है.
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'संकल्प से सिद्धि' का रूपक है- 1942 की अगस्त क्रांति से लेकर 15 अगस्त 1947 तक स्वतंत्रता प्राप्ति के पाँच साल की अवधि का. रोचक बात यह है कि बीजेपी ने कांग्रेस से यह रूपक छीनकर उसे अपने सपने के रूप में जनता के सामने पेश कर दिया है. सन 2022 में भारतीय स्वतंत्रता के 75 साल पूरे हो रहे हैं और बीजेपी उसे भुनाना चाहती है.
पाँच साल लंबा सपना
मोदी सरकार ने ख़ूबसूरती के साथ देश की जनता को पाँच साल लंबा एक नया स्वप्न दिया है. पिछले साल के बजट में वित्तमंत्री ने 2022 तक भारत के किसानों की आय दोगुनी करने का संकल्प किया था. उस संकल्प से जुड़े कार्यक्रमों की घोषणा भी की गई है.
मोदी सरकार देश के मध्य वर्ग और ख़ासतौर से नौजवानों के सपनों के सहारे जीतकर आई थी. उनमें आईटी क्रांति के नए 'टेकी' थे, अमेरिका में काम करने वाले एनआरआई और दिल्ली, बेंगलुरु, हैदराबाद और मुम्बई के नए प्रोफ़ेशनल, काम-काजी लड़कियाँ और गृहणियाँ भी.
पिछले तीन साल में बीजेपी का हिंदू राष्ट्रवाद भी उभर कर सामने आया है. देखना होगा कि गाँवों और कस्बों के अपवार्ड मूविंग नौजवान को अब भी उनपर भरोसा है या नहीं.
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आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन उस्ताद बिस्मिला खां और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।
ReplyDeleteदेश में एक बदलाव साफ नजर आ रहा है, इससे इंकार नहीं किया जा सकता..२०१९ भी आने वाला है, जनता स्वयं ही फैसला कर देगी..विकास की बात करने पर किसी एक पार्टी का अधिकार नहीं होता, विकास देश का होता है पार्टियाँ तो आती-जाती हैं..
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