आम आदमी पार्टी की निगाहें पंजाब और उत्तराखंड पर हैं। अभी वह दिल्ली में सत्तारूढ़ है। यदि उसे पंजाब और उत्तराखंड में सफलता मिले तो उसे राष्ट्रीय स्तर पर उभरने में बड़ी सफलता भी मिल सकती है। और वहाँ विफल रही तो आने वाले वक्त में दिल्ली से भी वह गायब हो सकती है। उसकी सफलता या विफलता के आधार दो छोटे राज्य बन सकते हैं। वाम मोर्चे की समूची राष्ट्रीय राजनीति अब केरल और त्रिपुरा जैसे दो छोटे राज्यों के सहारे है। कांग्रेस की राजनीति भी अब ज्यादातर छोटे राज्यों के भरोसे है। उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र और तमिलनाडु जैसे राज्यों का अपना महत्व है। वे लोकसभा में सीटें दिलाने का काम करते हैं, पर माहौल बनाने में छोटे राज्यों की भूमिका भी है। हाल में केरल और अरुणाचल इसीलिए महत्वपूर्ण बन गए हैं।
