पिछले हफ्ते ब्रिटिश अखबार 'द गार्डियन' ने अपनी एक पड़ताल में दावा किया कि 2019 के पुलवामा प्रकरण के बाद से अब तक भारत की ख़ुफ़िया एजेंसी रॉ ने पाकिस्तान में 20 व्यक्तियों की हत्या की है. इस खबर पर भारत सरकार ने दो प्रकार की प्रतिक्रियाएं दी हैं. विदेश मंत्रालय ने इस खबर को गलत बताया और विदेशमंत्री एस जयशंकर के एक पुराने वक्तव्य का हवाला दिया कि 'टारगेट किलिंग भारत की पॉलिसी नहीं है.
आधिकारिक रूप से भारत सरकार ने इस तरह की बातों
को सिरे से खारिज ही किया है. दूसरी तरफ चुनाव सभाओं में भारतीय जमता पार्टी कह
रही है ‘घर में घुसकर मारेंगे.’ इन दोनों बातों का मतलब समझने की जरूरत है.
इसके आधार पर गार्डियन ने मान लिया कि भारत सरकार
ने इन हत्याओं की पुष्टि कर दी है, जबकि बीजेपी के नेता इस बात को रेखांकित कर रहे
हैं कि भारत के दुश्मन अब घबरा रहे हैं.
इससे भारत और पश्चिमी देशों के रिश्तों में खटास आएगी भी, तो इसका पता आगामी जनवरी से पहले नहीं लगेगा, जब अमेरिका के नए राष्ट्रपति पदारूढ़ होंगे. अलबत्ता रोचक बात यह है कि जब अमेरिकी सरकार के प्रवक्ता से यह सवाल पूछा गया, तब उन्होंने इसे भारत-पाकिस्तान का मामला मानते हुए कहा कि हम बीच में पड़ना नहीं चाहते.