Wednesday, May 18, 2016

बीजेपी को मिलेगा 'पैन इंडिया' इमेज बनाने का मौका

बीजेपी के पास पूरे भारत में पकड़ बनाने का मौक़ा

  • 6 घंटे पहले
पाँच राज्यों की विधानसभाओं के चुनाव परिणाम दोनों मुख्य राजनीतिक दलों के लिए बड़े संदेश लेकर आएंगे. इनसे पता लगेगा कि प्रभाव क्षेत्र बढ़ाने की 'बीजेपी की महत्वाकांक्षा' और घटते प्रभाव के 'कांग्रेसी ख़तरे' कितने वास्तविक हैं.
ये क्षेत्रीय चुनाव हैं. इनका आपस में कोई रिश्ता नहीं है, पर इनके भीतर छिपा राष्ट्रीय संदेश भी होगा. दोनों पार्टियों को इन परिणामों के मद्देनजर कुछ बड़े फैसले करने होंगे. शायद कांग्रेस अब राहुल गांधी को पार्टी का पूर्ण अध्यक्ष घोषित कर दे.
नरेंद्र मोदी के समर्थकImage copyrightEPA
पिछले साल बिहार में बीजेपी की पराजय का कोई संदेश था तो असम में जीत का संदेश भी होगा. इससे बीजेपी को 'पैन इंडिया' छवि बनाने का मौका मिलेगा.
अलबत्ता यह देखना होगा कि दोनों पार्टियाँ इन परिणामों को लेकर किस तरह दिल्ली वापस आएंगी और अपने समर्थकों को क्या संदेश देंगी. ये परिणाम अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों को भी प्रभावित करेंगे. खासतौर से उत्तर प्रदेश को.
Image copyrightP M TEWARI
इन परिणामों से क्षेत्रीय राजनीति के बदलते समीकरणों पर भी रोशनी पड़ेगी. दो महत्वपूर्ण महिला क्षत्रपों का भविष्य भी इन चुनावों से जुड़ा है. फिलहाल 'दीदी' की राजनीति उठान पर और 'अम्मा' की ढलान पर जाती नज़र आती है.
इस बात का संकेत भी मिलेगा कि 34 साल तक वाममोर्चे का गढ़ रहा पश्चिम बंगाल क्या 'वाम मुक्त भारत' का नया मुहावरा भी देगा? यह सवाल उठेगा कि वामपंथी पार्टियों की राष्ट्रीय अपील घटते-घटते हिन्द महासागर के तट से क्यों जा लगी है?
इन परिणामों में जो नई बातें जाहिर होंगी, उनमें सबसे महत्वपूर्ण है भारतीय जनता पार्टी का चार राज्यों में प्रदर्शन. असम में यदि उसे पूर्ण बहुमत मिला या वह सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी तो यह एक नई शुरूआत होगी.
यह सफलता उसे असम की जटिल जातीय और क्षेत्रीय संरचना और 'अपने-पराए' पर केंद्रित राजनीति के कारण मिलेगी. यह शेर की सवारी है, आसान नहीं. पिछले तीन दशक से असम किसी न किसी प्रकार के आंदोलनों से घिरा है. बीजेपी के लिए यह एक अवसर साबित हो सकता है और काँटों का ताज भी.


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