इस साल की शुरुआत में जब 19 जनवरी को इसराइल और हमास ने तीन चरणों में युद्ध-विराम पर सहमति जताई थी, तभी कुछ पर्यवेक्षकों ने कहा था कि स्थायी-शांति तो छोड़िए, युद्ध-विराम का पहला चरण ही पूरा हो जाए, इसकी दुआ कीजिए.
किसी तरह से रोते-बिलखते पहला चरण 1 मार्च को पूरा हो गया, पर उसके पहले दूसरे चरण के लिए जो बातचीत होनी थी, वह नहीं हुई. उस बातचीत का उद्देश्य इसराइली सेना की पूरी तरह वापसी और सभी बंधकों की रिहाई के साथ युद्ध को समाप्त करना था. ऐसा नहीं हुआ और गज़ा-पट्टी पर इसराइली बमबारी फिर शुरू हो गई.
मामला केवल हवाई हमलों तक सीमित नहीं रहा. नेत्ज़ारिम कॉरिडोर तक पहुँचने के लिए इसराइली सेना ने ज़मीनी हमला बोलकर कब्ज़ा कर लिया. यह कॉरिडोर गज़ा के उत्तर और दक्षिण को विभाजित करता है. उधर हमास द्वारा संचालित स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया है कि युद्ध शुरू होने के बाद से गज़ा में मरने वालों की कुल संख्या रविवार को 50,000 को पार कर गई.