इस बजट को देश के चमत्कारिक
बदलाव का बजट माना जा सकता है. एक दिन पहले पेश की गई आर्थिक समीक्षा ने बताया था कि
इस साल खेती में 4.1 प्रतिशत की दर
से संवृद्धि की उम्मीद है. इसके पीछे बेहतर मॉनसून का हाथ भी है. फसल का रकबा भी बढ़ने
की सूचनाएं हैं. यानी ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियाँ बढ़ रहीं है. हालात
ठीक रहे तो अगले साल खेती की विकास दर 6 फीसदी होगी. कुछ साल पहले हमारी कृषि विकास
दर गिरते-गिरते शून्य तक पहुँचने जा रही थी.
मोदी सरकार की घोषणा है
कि सन 2022 तक हम देश के किसानों की आय दुगनी करेंगे. इसके लिए ग्रामीण जीवन में
बदलाव लाने की जरूरत होगी. सरकार ने कांट्रैक्ट खेती के कानून में बदलाव करने की
घोषणा की है. फसल बीमा योजना में कवरेज को 40 फीसदी बढ़ाया गया है. सॉयल हैल्थ
कार्ड के लिए कृषि विज्ञान केंद्रों में मिनी लैब्स बनाने का प्रावधान किया है
ताकि किसान वहां जाकर अपनी खेती की जमीन की मिट्टी का टेस्ट कर सकें.