जुलाई में मैने विकीलीक्स यानी साहस की पत्रकारिता शीर्षक पोस्ट लिखी थी। वह पोस्ट आज तक पढ़ी जा रही है। हिन्दी में गूगल सर्च करने पर सबसे पहले वही पोस्ट सामने आती है। विकीलीक्स ने दुनिया को हिला दिया है। साथ ही विकीपीडिया को विकीलीक्स शीर्षक लेख में सबसे पहले यह लिखने को मजबूर कर दिया है कि विकीपीडिया का विकीलीक्स से वास्ता नहीं है।
विकीलीक्स से लेकर राडिया टेप्स तक आपने एक बात पर गौर किया होगा कि दुनिया पीछे-पीछे कैसी बातें करती है। सामने-सामने सब महान हैं, उदार हैं। बहरहाल इस वक्त सबसे बड़ी बात सामने यह है कि विकीलीक्स को अमेरिकी व्यवस्था टार्गेट कर रही है वहीं दुनियाभर के पारदर्शिता समर्थक उसे सहारा दे रहे हैं। मैने अपनी शुरुआती पोस्ट में विकीलीक्स का जो लिंक दिया था वह अब लापता है। इस वक्त का लिंक है यह http://www.wikileaks.ch/ । हो सकता है कल यह भी बदल जाए। इसलिए अब ज़रूरी हो गया है कि ठिकाना बदलते ही पाठकों को सूचित किया जाय।
विकीलीक्स से लेकर राडिया टेप्स तक आपने एक बात पर गौर किया होगा कि दुनिया पीछे-पीछे कैसी बातें करती है। सामने-सामने सब महान हैं, उदार हैं। बहरहाल इस वक्त सबसे बड़ी बात सामने यह है कि विकीलीक्स को अमेरिकी व्यवस्था टार्गेट कर रही है वहीं दुनियाभर के पारदर्शिता समर्थक उसे सहारा दे रहे हैं। मैने अपनी शुरुआती पोस्ट में विकीलीक्स का जो लिंक दिया था वह अब लापता है। इस वक्त का लिंक है यह http://www.wikileaks.ch/ । हो सकता है कल यह भी बदल जाए। इसलिए अब ज़रूरी हो गया है कि ठिकाना बदलते ही पाठकों को सूचित किया जाय।