मुम्बई में कांग्रेस का पहला सम्मेलन 28-31 दिसम्बर 1885 |
यह पार्टी का फैसला है कि सोनिया गांधी अध्यक्ष बनें। सोनिया गांधी समझदार, शांत और सुशील महिला हैं। सब कुछ ठीक है। पर यह सवाल ज़रूर उठता है कि देश का सबसे बड़ा राजनैतिक दल अपने आप को व्यवस्थित रखने के लिए नेहरू-गांधी परिवार का सहारा क्यों लेता है। ऐसा नहीं कि सोनिया गांधी ने कोई साज़िश की है। वास्तव में पार्टी ने उन्हें अध्यक्ष बनाया है। उनके मुकाबले वास्तव में कोई खड़ा होना नहीं चाहेगा। और इस प्रकार वे जब तक चाहेंगी तब तक अध्यक्ष बनी रह सकतीं हैं।
मेरे विचार से राहुल गांधी इस वक्त देश के सर्वश्रेष्ठ युवा नेता हैं। अपने आचार-व्यवहार में वे किसी भी पार्टी के नेता से बेहतर हैं। वे जब चाहेंगे प्रधानमंत्री बन सकते हैं। नहीं बनते तो यह उनकी उदारता और समझदारी दोनों है। वे जिस तरह से देश की राजनीति के डायनेमिक्स को समझ रहे हैं, वह अद्वितीय है। फिर भी मुझे एक आधुनिक लोकतांत्रिक राजनीति के लिए पारिवारिक व्यवस्था अटपटी लगती है। मैं अटपटी इसलिए कह रहा हूँ कि ऐतिहासिक कारणों से यह व्यवस्था न सिर्फ मौज़ूद, बल्कि सफल है, इसीलिए यह आधुनिक भारत में कायम है। पर यह सिद्धांत और व्यवहार के बीच गहरी खाई को भी दर्शाती है।
कांग्रेस के अतीत में ज्यादा गहराई से जाने की ज़रूरत नहीं, पर दिखाई पड़ता है कि यह पार्टी सत्ता में आने के बाद से अपने व्यवहार में बदल गई है। अब यह स्वतंत्रता से पहले वाली कांग्रेस नहीं है। कांग्रेस ही नहीं सारी पार्टियाँ पाखंडी लगती हैं। इनमें कम्युनिस्ट पार्टियाँ भी शामिल हैं। हाँ इतना है कि कम्युनिस्ट पार्टियों और भाजपा में आंतरिक लोकतंत्र एक हद तक कायम है। सभी पार्टियों में निश्छल, सरल और निस्वार्थी नेता और कार्यकर्ता भी हैं, पर वे धीरे-धीरे खत्म हो जाएंगे। कांग्रेस का आंतरिक लोकतंत्र बड़ा रोचक है। फैसला करने की घड़ी में पूरी पार्टी अंतिम निर्णय हाई कमान पर छोड़ देती है। ऐसा ही शेष गैर-कम्युनिस्ट पार्टियाँ करतीं हैं।
कांग्रेस ने देश को सर्वश्रेष्ठ नेता दिए हैं। आज़ादी के पहले की सूची के बारे में कुछ कहने की ज़रूरत नहीं, पर आज़ादी के बाद 1959 में श्रीमती इंदिरा गांधी के आने के बाद गुणात्मक बदलाव हुआ। यों कांग्रेस के पास फिर भी कद्दावर नेता थे। इधर परिवार के बाहर कांग्रेस के सबसे बड़े नेता पीवी नरसिंह राव हुए, जिन्हें इस वक्त कांग्रेस याद करना नहीं चाहती। उनका दोष क्या श्रीमती सोनिया गांधी की उपेक्षा करना था? नरसिंह राव की कांग्रेस भी नेता से दबी पार्टी थी। उस वक्त भी सारे फैसले हाई कमान पर छोड़े जाते थे। उस दौरान पहली बार लम्बे अर्से बाद पार्टी के चुनाव हुए। वे चुनाव मंज़ूर नहीं हुए। दलितों और महिलाओं को उचित प्रतिनिधित्व न मिल पाने के कारण वे चुनाव रद्द हो गए। यानी पार्टी में सिद्धांत और व्यवहार का फासला बना रहा।
इसकी वजह क्या हमारा समाज है जो आधुनिक नहीं हो पाया है? कम्युनिस्ट पार्टियों को देखिए, जिनके शिखर पर बैठे नेता जनता से अपेक्षाकृत कटे लोग हैं। उनकी असल योग्यता अंग्रेजी बोलना और बड़े उद्योगपतियों की पार्टियों में शामिल होना है, जो उनके सिद्धांत और व्यवहार से अटपटा है। सामाजिक न्यायवादी-लोहियावादी पार्टियों को देखिए। इनके नेताओं का भी वंशानुगत प्रभाव है। वे सामाजिक अन्याय के नाम पर आगे आए हैं, पर अपनी जाति से ज्यादा पिछड़ी जाति की उपेक्षा करते हैं। अपने जाति बंधुओं को अनन्त काल तक पिछड़ा बनाए रखने में भी वे अपना हित देखते हैं। वे सोचने-विचारने लगेंगे और फैसले करने लगेंगे तो नेता को बदलने की कोशिश भी करेंगे।
जनसंघ या भाजपा का जन्म स्वच्छता और अनुशासनवादी पार्टी के रूप में हुआ। इस पार्टी पर हावी परिवार खानदानी नहीं वैचारिक है। यह संघ परिवार है। पूरे देश में राजनीति परिवारों के सहारे चल रही है। गांधी परिवार के बाद मुलायम परिवार, लालू परिवार, ठाकरे परिवार, बादल परिवार, पवार परिवार, वाईएसआर परिवार, करुणानिधि परिवार, शेख अब्दुल्ला परिवार, मुफ्ती मोहम्मद परिवार, मीर वाइज़ परिवार, पटनायक परिवार वगैरह। लोकल लेवल पर ऐसे परिवार पूरी व्यवस्था को चलाते हैं।
कांग्रेस यदि अपने नेतृत्व संचालन की कोई व्यवस्था खोज सके तो दूसरी पार्टियों को भी अपनी व्यवस्थाएं खोजनी होंगी। दरअसल देश की पूरी राजनीति कांग्रेस ने परिभाषित की है। असके समांतर कोई राजनीति निकली भी तो कांग्रेस की मोनोपली राजनीति या तो उसे खा गई या उसे कांग्रेसमय कर दिया। और कांग्रेस नेहरू-गांधीमय है। आज़ादी के 63 साल में कांग्रेस के 15 अध्यक्ष हुए। इनमें से चार नेहरू-गांधी परिवार से थे। ये चार इन 63 में से 30 साल अध्यक्ष रहे। बाकी 11 के लिए शेष 33 साल थे।
देश की राजनीति अपने आप को जब परिवारों की जकड़बंदी से मुक्त करेगी उस दिन हम एक कदम आगे बढ़ेंगे। दूसरा कदम तब बढ़ेंगे जब हमारे नेता अंग्रेजी की जगह भारतीय भाषाओं को बोलते हुए आएंगे।
फिलहाल कांग्रेस अध्यक्षों की सूची देखें जो मैने विकीपीडिया से ली है।
Name of President | Life Span | Year of Presidency | Place of Conference |
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Womesh Chandra Bonnerjee | 29 December 1844- 1906 | 1885 | Mumbai |
Dadabhai Naoroji | 4 September 1825- 1917 | 1886 | Calcutta |
Badruddin Tyabji | 10 October 1844- 1906 | 1887 | Madras |
George Yule | 1829–1892 | 1888 | Allahabad |
Sir William Wedderburn | 1838–1918 | 1889 | Mumbai |
Sir Pherozeshah Mehta | 4 August 1845- 1915 | 1890 | Calcutta |
P. Anandacharlu | August 1843- 1908 | 1891 | Nagpur |
Womesh Chandra Bonnerjee | 29 December 1844- 1906 | 1892 | Allahabad |
Dadabhai Naoroji | 4 September 1825- 1917 | 1893 | Lahore |
Alfred Webb | 1834–1908 | 1894 | Madras |
Surendranath Banerjea | 10 November 1848- 1925 | 1895 | Pune |
Rahimtulla M. Sayani | 5 April 1847- 1902 | 1896 | Calcutta |
Sir C. Sankaran Nair | 11 July 1857- 1934 | 1897 | Amraoti |
Ananda Mohan Bose | 23 September 1847- 1906 | 1898 | Madras |
Romesh Chunder Dutt | 13 August 1848- 1909 | 1899 | Lucknow |
Sir Narayan Ganesh Chandavarkar | 2 December 1855- 1923 | 1900 | Lahore |
Sir Dinshaw Edulji Wacha | 2 August 1844- 1936 | 1901 | Calcutta |
Surendranath Banerjea | 10 November 1825- 1917 | 1902 | Ahmedabad |
Lalmohan Ghosh | 1848–1909 | 1903 | Madras |
Sir Henry Cotton | 1845–1915 | 1904 | Mumbai |
Gopal Krishna Gokhale | 9 May 1866- 1915 | 1905 | Benares |
Dadabhai Naoroji | 4 September 1825- 1917 | 1906 | Calcutta |
Rashbihari Ghosh | 23 December 1845- 1921 | 1907 | Surat |
Rashbihari Ghosh | 23 December 1845- 1921 | 1908 | Madras |
Pandit Madan Mohan Malaviya | 25 December 1861- 1946 | 1909 | Lahore |
Sir William Wedderburn | 1838–1918 | 1910 | Allahabad |
Pandit Bishan Narayan Dar | 1864–1916 | 1911 | Calcutta |
Rao Bahadur Raghunath Narasinha Mudholkar | 1857–1921 | 1912 | Bankipur |
Nawab Syed Muhammad Bahadur | ?- 1919 | 1913 | Karachi |
Bhupendra Nath Bose | 1859–1924 | 1914 | Madras |
Lord Satyendra Prasanna Sinha | March 1863- 1928 | 1915 | Mumbai |
Ambica Charan Mazumdar | 1850–1922 | 1916 | Lucknow |
Annie Besant | 1 October 1847- 1933 | 1917 | Calcutta |
Pandit Madan Mohan Malaviya | 25 December 1861- 1946 | 1918 | Delhi |
Syed Hasan Imam | 31 August 1871- 1933 | 1918 | Mumbai (Special Session) |
Pandit Motilal Nehru | 6 May 1861- 6 February 1931 | 1919 | Amritsar |
Lala Lajpat Rai | 28 January 1865- 17 November 1928 | 1920 | Calcutta (Special Session) |
C. Vijayaraghavachariar | 1852- 19 April 1944 | 1920 | Nagpur |
Hakim Ajmal Khan | 1863- 29 December 1927 | 1921 | Ahmedabad |
Deshbandhu Chittaranjan Das | 5 November 1870- 16 June 1925 | 1922 | Gaya |
Maulana Mohammad Ali | 10 December 1878- 4 January 1931 | 1923 | Kakinada |
Maulana Abul Kalam Azad | 1888- 22 February 1958 | 1923 | Delhi (Special Session) |
Mahatma Gandhi | 2 October 1869- 30 January 1948 | 1924 | Belgaum |
Sarojini Naidu | 13 February 1879- 2 March 1949 | 1925 | Kanpur |
S. Srinivasa Iyengar | September 11, 1874- 19 May 1941 | 1926 | Gauhati |
Dr. M A Ansari | 25 December 1880- 10 May 1936 | 1927 | Madras |
Pandit Motilal Nehru | 6 May 1861- 6 February 1931 | 1928 | Calcutta |
Pandit Jawaharlal Nehru | 14 November 1889- 27 May 1964 | 1929 & 30 | Lahore |
Sardar Vallabhbhai Patel | 31 October 1875- 15 December 1950 | 1931 | Karachi |
Pandit Madan Mohan Malaviya | 25 December 1861- 1946 | 1932 | Delhi |
Pandit Madan Mohan Malaviya | 25 December 1861- 1946 | 1933 | Calcutta |
Nellie Sengupta | 1886–1973 | 1933 | Calcutta |
Dr. Rajendra Prasad | 3 December 1884- 28 February 1963 | 1934 & 35 | Mumbai |
Pandit Jawaharlal Nehru | 14 November 1889- 27 May 1964 | 1936 | Lucknow |
Pandit Jawaharlal Nehru | 14 November 1889- 27 May 1964 | 1936& 37 | Faizpur |
Netaji Subhash Chandra Bose | 23 January 1897- 18 August 1945? | 1938 | Haripura |
Netaji Subhash Chandra Bose | 23 January 1897- 18 August 1945? | 1939 | Tripuri(Jabalpur) |
Maulana Abul Kalam Azad | 1888- 22 February 1958 | 1940-46 | Ramgarh |
Acharya J.B. Kripalani | 1888- 19 March 1982 | 1947 | Delhi |
Dr Pattabhi Sitaraimayya | 24 December 1880- 17 December 1959 | 1948 & 49 | Jaipur |
Purushottam Das Tandon | 1 August 1882- 1 July 1961 | 1950 | Nasik |
Pandit Jawaharlal Nehru | 14 November 1889- 27 May 1964 | 1951 & 52 | Delhi |
Pandit Jawaharlal Nehru | 14 November 1889- 27 May 1964 | 1953 | Hyderabad |
Pandit Jawaharlal Nehru | 14 November 1889- 27 May 1964 | 1954 | Kalyani |
U N Dhebar | 21 September 1905- 1977 | 1955 | Avadi |
U N Dhebar | 21 September 1905- 1977 | 1956 | Amritsar |
U N Dhebar | 21 September 1905- 1977 | 1957 | Indore |
U N Dhebar | 21 September 1905- 1977 | 1958 | Gauhati |
U N Dhebar | 21 September 1905- 1977 | 1959 | Nagpur |
Indira Gandhi | 19 November 1917- 31 October 1984 | 1959 | Delhi |
Neelam Sanjiva Reddy | 19 May 1913- 1 June 1996 | 1960 | Bangalore |
Neelam Sanjiva Reddy | 19 May 1913- 1 June 1996 | 1961 | Bhavnagar |
Neelam Sanjiva Reddy | 19 May 1913- 1 June 1996 | 1962 & 63 | Patna |
K. Kamaraj | 15 July 1903- 2 October 1975 | 1964 | Bhubaneswar |
K. Kamaraj | 15 July 1903- 2 October 1975 | 1965 | Durgapur |
K. Kamaraj | 15 July 1903- 2 October 1975 | 1966 & 67 | Jaipur |
S. Nijalingappa | 10 December 1902- 9 August 2000 | 1968 | Hyderabad |
S. Nijalingappa | 10 December 1902- 9 August 2000 | 1969 | Faridabad |
Jagjivan Ram | 5 April 1908- 6 July 1986 | 1970 & 71 | Mumbai |
Dr Shankar Dayal Sharma | 19 August 1918- 26 December 1999 | 1972- 74 | Calcutta |
Dev Kant Baruah | 22 February 1914- 1996 | 1975- 77 | Chandigarh |
Indira Gandhi | 19 November 1917- 31 October 1984 | 1978- 83 | Delhi |
Indira Gandhi | 19 November 1917- 31 October 1984 | 1983 -84 | Calcutta |
Rajiv Gandhi | 20 August 1944- 21 May 1991 | 1985 -91 | Mumbai |
P. V. Narasimha Rao | 28 June 1921- 23 December 2004 | 1992 -96 | Tirupati |
Sitaram Kesri | November 1919- 24 October 2000 | 1997 -98 | Kolkata |
Sonia Gandhi | 9 December 1946- | 1998–present | Kolkata |