Tuesday, November 3, 2020

आर्थिक मोर्चे पर उम्मीदें बढ़ीं

 


लम्बे अरसे से मंदी की शिकार भारतीय अर्थव्यवस्था में कुछ तेजी आती दिखाई पड़ रही है। एक साल बाद ऑटोमोबाइल्स सेक्टर में जान आती नजर आ रही है। हालांकि त्योहारी मौसम में लोग कारों की खरीद करते हैं, पर इसबार यह खरीद अच्छी है। पहली तिमाही में अर्थव्यवस्था में करीब 24 फीसदी का संकुचन हुआ था। इस महीने अब दूसरी तिमाही के परिणाम आएंगे। इन परिणामों से पता लगेगा कि देश किस दिशा में जा रहा है।

संकेत मिल रहे हैं कि आर्थिक सुधार की जो कोशिशें चल रही थीं, उनके बेहतर परिणाम आने लगे हैं, जिनका संकेत पीएमआई (पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स) से मिलता है। आईएचएस मार्कट द्वारा के 3 नवंबर को जारी आंकड़ों के अनुसार अक्टूबर में देश में विनिर्माण पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) 58.9 तक पहुंच गया। 2010 के बाद पीएमआई का यह सर्वश्रेष्ठ स्तर है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार इससे पिछले महीने यानी सितंबर में भी विनिर्माण पीएमआई 8 साल के सर्वोच्च स्तर 56.8 पर था।

पाकिस्तान: आतंक जिसकी विदेश नीति है

दुनिया को धीरे-धीरे समझ में आ रहा है कि पाकिस्तान किसी देश का नाम नहीं, वह एक आंतकी अवधारणा है। उसका प्रधानमंत्री संरा महासभा में खून की नदियाँ बहाने और एटम बम चलाने की धमकी दे सकता है। हाल के वर्षों में उसने तुर्की और चीन जैसे दो ऐसे देशों को अपना संरक्षक बनाया है, जो खुद अपनी हिंसक और अराजक गतिविधियों के कारण वैश्विक आलोचना के पात्र बन रहे हैं।

गत 21 से 23 अक्तूबर तक पेरिस में हुई फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की वर्च्युअल बैठक में फैसला हुआ कि आतंकी गतिविधियों पर नियंत्रण के लिए पाकिस्तान को जो काम निर्धारित समय में पूरा करने के लिए कहा गया था, वे पूरे नहीं हो पाए हैं, इसलिए उसे ‘ग्रे लिस्ट’ में ही रखा जाएगा। पाकिस्तान को अब सुधरने के लिए फरवरी 2021 तक का समय और दिया गया है।

राष्ट्रीय रणनीति!

अराजकता और आतंक जिस देश की घोषित रणनीति है, उसके सुधरने की क्या उम्मीद की जाए? पाकिस्तान कैसे सुधरेगा? हम जिन्हें आतंकवादी कहते हैं, उन्हें वह राष्ट्रनायक कहता है। अलबत्ता अपनी गतिविधियों के कारण वह चारों तरफ से घिरने लगा है। एफएटीएफ की कार्रवाई के अलावा इसके कुछ और उदाहरण भी सामने हैं।

पश्चिम एशिया पर सबसे विश्वसनीय पत्रकार रॉबर्ट फिस्क का निधन

 


पश्चिम एशिया को विश्वसनीय तरीके से कवर करने के लिए प्रसिद्ध पत्रकार रॉबर्ट फिस्क (Robert Fisk)  के निधन की खबर भारत के बहुत कम पत्रकारों की दिलचस्पी का विषय रही। उनका ज्यादा से ज्यादा इस बात के लिए उल्लेख हुआ कि उन्होंने ओसामा बिन लादेन का तीन बार इंटरव्यू किया था। अरबी भाषा बोलने वाले रॉबर्ट फिस्क पश्चिमी दुनिया के उन इने-गिने पत्रकारों में से एक रहे हैं, जिन्होंने करीब 40 साल तक इस इलाके को काफी गहराई से कवर किया। फिस्क 12 वर्ष से ज्यादा समय तक अंग्रेज़ी अख़बार द इंडिपेंडेंट के लिए पश्चिम एशिया के रिपोर्टर रहे। उन्हें मिडिल ईस्ट की कवरेज के कारण कई ब्रिटिश और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार मिले। उन्हें सात बार ब्रिटेन का वार्षिक अंतरराष्ट्रीय पत्रकार पुरस्कार भी मिला। विभिन्न युद्धों पर उनकी कई किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं।

राज्यसभा में बीजेपी अपने उच्चतम स्तर पर

 उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की राज्यसभा की 11 सीटों के लिए निर्विरोध चुनाव के बाद सदन में 92 सांसदों के साथ भाजपा और मजबूत हो गई है। दूसरी तरफ, कांग्रेस और घटकर 38 सीटों पर आ गई है। भाजपा की यह सदस्य संख्या उसकी अभी तक की सर्वोच्च संख्या है। हालांकि, उच्च राज्यसभा में एनडीए का बहुमत अभी दूर है। 245 के सदन में बहुमत के लिए 123 सदस्यों की जरूरत होगी। जेडीयू के 5 और रिपब्लिकन पार्टी के रामदास आठवले को मिलाकर कुल 98 सदस्य होते हैं। पर बीजद के नौ और अद्रमुक के नौ सदस्य जरूरत पड़ने पर मददगार होते हैं।

उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की 11 राज्य सभा सीटों के लिए हुए चुनाव में उत्तर प्रदेश की 10 और उत्तराखंड की एक सीट शामिल थी। भाजपा ने उत्तर प्रदेश में विधानसभा में अपनी सदस्य संख्या के हिसाब से आठ उम्मीदवार उतारे थे। वे सभी चुनकर आए हैं। इनमें तीन केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी, सांसद अरुण सिंह और नीरज शेखर फिर से चुने गए हैं। यूपी के पूर्व डीजीपी ब्रजलाल, हरिद्वार दुबे, गीता शाक्‍य, सीमा द्विवेदी और बीएल वर्मा भी चुने गए हैं। हरिद्वार दुबे भाजपा के पूर्व मंत्री रहे हैं।

Monday, November 2, 2020

गिलगित-बल्तिस्तान पर पाकिस्तानी फैसले का भारत की ओर से कड़ा विरोध


पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान के गिलगित-बल्तिस्तान को प्रांत का अस्थायी दर्जा देने के फ़ैसले का भारत ने कड़ा विरोध किया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा है कि भारतीय क्षेत्र के हिस्से में ग़ैरक़ानूनी और जबरन भौतिक परिवर्तन लाने की पाकिस्तान सरकार की कोशिश को भारत सरकार अस्वीकार करती है। पाकिस्तान का इस क्षेत्र पर किसी भी प्रकार का दावा नहीं बनता है।

उन्होंने कहा, "मैं इस बात को दोहराता हूं कि तथाकथित गिलगित-बल्तिस्तान इलाक़ा क़ानूनी तौर पर और 1947 के विलय के समझौते के मुताबिक़ भारत के केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर का अभिन्न हिस्सा है…हम अपने अवैध कब्ज़े के तहत सभी क्षेत्रों को तुरंत खाली करने की पाकिस्तान से अपील करते हैं।"

इससे पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने कहा था कि उनकी सरकार ने गिलगित-बल्तिस्तान को प्रांत का अस्थायी दर्जा देने का निर्णय लिया है। उनका कहना था कि "संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है।" इमरान ख़ान ने रविवार 1 नवंबर को को गिलगित-बल्तिस्तान के कथित 73वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर आयोजित आज़ादी परेड समारोह को संबोधित करते हुए यह ऐलान किया।