2014 के चुनाव के पहले भारतीय जनता पार्टी ने कहा था कि विदेश में 400 से 500 अरब डॉलर का भारतीय कालाधन विदेशों में जमा है. विदेश में जमा काला धन अंतरराष्ट्रीय कानूनों के मकड़जाल में फंस कर रह गया. इस वजह से मोदी सरकार को जवाब देते नहीं बनता है. काले धन का मसला राजनीति और गवर्नेंस दोनों से जुड़ा है. हाल में भारत सरकार ने अघोषित आय को घोषित करने की जो योजना 1 जून 2016 से लेकर 30 सितंबर 2016 तक के लिए चलाई थी वह काफी सफल रही.
योजना की समाप्ति के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि अघोषित आय घोषणा योजना के माध्यम से 64,275 लोगों ने 65 हजार 250 करोड़ रुपए की संपत्ति घोषित की. सवाल है कि क्या 64 हजार लोगों के पास ही अघोषित आय है? फिर भी ये अब तक की सबसे बड़ी अघोषित आय थी. पर अनुमान है कि इससे कहीं बड़ी राशि अभी अघोषित है. नोटों को बदलने की योजना आजादी के बाद काले धन को बाहर निकालने की शायद सबसे बड़ी कोशिश है. इसके मोटे निहितार्थ इस प्रकार हैं-
योजना की समाप्ति के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि अघोषित आय घोषणा योजना के माध्यम से 64,275 लोगों ने 65 हजार 250 करोड़ रुपए की संपत्ति घोषित की. सवाल है कि क्या 64 हजार लोगों के पास ही अघोषित आय है? फिर भी ये अब तक की सबसे बड़ी अघोषित आय थी. पर अनुमान है कि इससे कहीं बड़ी राशि अभी अघोषित है. नोटों को बदलने की योजना आजादी के बाद काले धन को बाहर निकालने की शायद सबसे बड़ी कोशिश है. इसके मोटे निहितार्थ इस प्रकार हैं-