हाल में बांग्लादेश में मंदिरों पर हमलों के बाद देश के पूर्वोत्तर के राज्यों में सांप्रदायिक हिंसा हुई है। इसमें भी सबसे ज्यादा गंभीर खबरें त्रिपुरा से आ रही हैं। राज्य सरकार का कहना है कि बाहर से आए कुछ तत्व राज्य में हिंसा भड़काने का प्रयास कर रहे हैं। गत 15 अक्तूबर को बांग्लादेश में कुछ दुर्गापूजा पंडालों और मंदिरों पर हमले हुए थे। उसकी प्रतिक्रिया पूर्वोत्तर में हुई है। त्रिपुरा में भी बांग्लादेश की हिंसा के विरोध में रैलियाँ हुई हैं। अब सोशल मीडिया और दूसरे माध्यमों से अफवाहें फैलाई जा रही हैं।
हालांकि बांग्लादेश सरकार ने तेजी से कार्रवाई करके
अपने यहाँ हिंसा को दबा दिया और इसकी साजिश रचने वालों की गिरफ्तारियाँ की हैं, पर
पूर्वोत्तर भारत में इसकी प्रतिक्रिया हुई है। सत्तारूढ़ पार्टी अवामी लीग ने हिंसा
के विरोध में रैलियां निकालीं। मीडिया रिपोर्टों में सामने आया है कि बांग्लादेश
पुलिस ने 693 लोगों को हिरासत में लिया है। भारत में विश्व हिंदू परिषद ने इन
घटनाओं को बांग्लादेश में ‘हिंदुओं का नरसंहार’ बताते हुए, इसे
रोकने के लिए संयुक्त राष्ट्र को भी चिट्ठी लिखी है। त्रिपुरा की रैली भी इसी
अभियान का एक हिस्सा थी।
शेष भारत में भी इस हिंसा के राजनीतिक
निहितार्थ हैं। भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और सीपीएम पर
हिंसा भड़काने के आरोप लगाए हैं। वहीं कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने ट्विटर पर
लिखा है, ‘हमारे मुसलमान भाइयों के साथ त्रिपुरा में हिंसा की जा रही है। हिंदू
होने के नाम पर हिंसा और नफ़रत फैलाने वाले लोग हिंदू नहीं हैं। सरकार कब तक नहीं
देखने और सुनने का नाटक करती रहेगी।’
राजधानी अगरतला से अरीब 155 किलोमीटर दूर स्थित
पानीसागर
इलाके में विश्व हिंदू परिषद ने 26 अक्टूबर को एक रैली निकाली। रैली के दौरान
कुछ मुस्लिम व्यापारियों के घरों और दुकानों में तोड़फोड़ की गई और फिर उन्हें जला
दिया गया। आरोप है कि एक मस्जिद में भी तोड़फोड़ की गई। स्थानीय पुलिस का कहना है कि
विश्व हिंदू परिषद की रैली में करीब 3,500 कार्यकर्ता शामिल थे। हिंसा के संबंध
में दो मामले दर्ज किए हैं लेकिन अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है।
पत्रकार समृद्धि सकुनिया ने एक ट्वीट में बताया
कि पिछले एक हफ्ते में पूरे राज्य में नफरती अपराधों के कम से कम 21 मामलों की
पुष्टि हुई है। इनमें से 15 मामले अलग-अलग मस्जिदों के तोड़ फोड़ के थे। त्रिपुरा
पुलिस का कहना है कि सोशल मीडिया पर झूठी खबरें, तस्वीरें
और वीडियो फैला कर मामले को और भड़काने की कोशिश की जा रही है। पुलिस ने कहा है कि
झूठी खबरों को फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
उत्तर त्रिपुरा ज़िले में गुरुवार 28 अक्तूबर को फिर सांप्रदायिक हिंसा की खबर है। यह हमला उस जगह से थोड़ी ही दूर पर हुआ जहां 48 घंटे पहले एक मस्जिद तोड़ दी गई थी, दुकानें जला दी गईं थीं और अल्पसंख्यकों के घरों में तोड़फोड़ की गई थी। इस हमले के लिए विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं को ज़िम्मेदार ठहराया जा रहा है। उत्तर त्रिपुरा ज़िले के एसपी भानुपाड़ा चक्रवर्ती ने कहा कि पानीसागर इलाके में मस्जिद के जलाए जाने की ग़लत ख़बर सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही है।