पिछले पांच साल में मोदी की छवि ऐसे नेता की बनी है, जो बदलाव लाना चाहता है, फैसले करता है, उन्हें लागू करता है और बहुत सक्रिय है.
निश्चित रूप से यह अविश्वसनीय परिणाम है. इस परिणाम का असर हमारे सामाजिक जीवन पर भी पड़ेगा. पर
इसके पीछे भारतीय राजनीति में लगातार आ रहे बदलाव की दशा-दिशा भी नज़र आ रही है. अब परीक्षा
बीजेपी की समझदारी की है, साथ ही देश की प्रशासनिक-न्यायिक संस्थाओं की भी. साल 2014 के चुनाव
और इस बार के चुनाव की वरीयताएं और मुद्दे एकदम अलग रहे हैं, भले ही परिणाम एक जैसे हैं. बीजेपी की
सीटें बढ़ी हैं और उसका प्रभाव क्षेत्र बढ़ा है. बंगाल और ओडिशा में उसका प्रवेश जोरदार तरीके से हो गया है. पर
दक्षिण भारत में दो तरह की तस्वीरें देखने में आयी हैं. तमिलनाडु, केरल और आंध्र ने उसे स्वीकार नहीं किया, और
कर्नाटक में उसने अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन किया है. केरल में सबरीमाला प्रकरण के बावजूद उसे खास
सफलता नहीं मिली.
इसके पीछे भारतीय राजनीति में लगातार आ रहे बदलाव की दशा-दिशा भी नज़र आ रही है. अब परीक्षा
बीजेपी की समझदारी की है, साथ ही देश की प्रशासनिक-न्यायिक संस्थाओं की भी. साल 2014 के चुनाव
और इस बार के चुनाव की वरीयताएं और मुद्दे एकदम अलग रहे हैं, भले ही परिणाम एक जैसे हैं. बीजेपी की
सीटें बढ़ी हैं और उसका प्रभाव क्षेत्र बढ़ा है. बंगाल और ओडिशा में उसका प्रवेश जोरदार तरीके से हो गया है. पर
दक्षिण भारत में दो तरह की तस्वीरें देखने में आयी हैं. तमिलनाडु, केरल और आंध्र ने उसे स्वीकार नहीं किया, और
कर्नाटक में उसने अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन किया है. केरल में सबरीमाला प्रकरण के बावजूद उसे खास
सफलता नहीं मिली.
दस से ज़्यादा राज्यों में बीजेपी को 50 फीसदी या उससे ज़्यादा वोट मिले हैं. इसमें महाराष्ट्र को जोड़ा जा सकता है,
जहां बीजेपी और शिवसेना के गठबंधन को 50 फीसदी से ज़्यादा वोट मिले हैं. गुजरात, हिमाचल प्रदेश और
उत्तराखंड में 60 फीसदी से भी ज़्यादा. हरियाणा, मध्य प्रदेश और राजस्थान में 60 से कुछ कम. ये परिणाम
साल 2015 में दिल्ली में आम आदमी पार्टी की जीत की याद दिला रहे हैं.
जहां बीजेपी और शिवसेना के गठबंधन को 50 फीसदी से ज़्यादा वोट मिले हैं. गुजरात, हिमाचल प्रदेश और
उत्तराखंड में 60 फीसदी से भी ज़्यादा. हरियाणा, मध्य प्रदेश और राजस्थान में 60 से कुछ कम. ये परिणाम
साल 2015 में दिल्ली में आम आदमी पार्टी की जीत की याद दिला रहे हैं.
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