यानी इन दिनों एक विज्ञापन लोकप्रिय हो रहा है जिसकी एक
लाइन है, ‘चुनावों में चूना
लगाविंग, नो उल्लू बनाविंग-नो उल्लू बनाविंग।’ यह बदलते वक्त
का गीत है। अन्ना द्रमुक की महासचिव और तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे. जयललिता ने पिछले
मंगलवार को आम चुनाव के लिए पार्टी का घोषणापत्र जारी किया। इसमें जनता को मुफ्त
लैपटॉप, मिक्सर
ग्राइंडर,
पंखे, बकरियाँ, भेड़ें और गाय देने का वादा किया। छात्रों को मुफ्त
साइकिलें और किताबें देने के अलावा बैंक में फिक्स्ड डिपॉजिट खुलवाने का वादा भी
किया गया है। गरीब लड़कियों को विवाह के उपहार के रूप में सौर बिजली से युक्त घर
और चार ग्राम सोना देने का आश्वासन भी है। घोषणापत्र में आर्थिक, राजनीतिक और
विदेश नीति से जुड़ी बातें भी हैं, पर सबसे रोचक हैं मुफ्त की चीजें।
कांग्रेस पार्टी में राहुल गांधी ने कुछ सीटों पर निचले
लेवल के कार्यकर्ताओं से परामर्श के आधार पर टिकट देने का फैसला किया है। टिकट
वितरण की इस व्यवस्था को अमेरिकी राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी तय करने की व्यवस्था
के आधार पर प्राइमरीज कहा गया है। इसी व्यवस्था के तहत हाल में दिल्ली प्रदेश के
दफ्तर में सिर-फुटौवल की नौबत आ गई। दिल्ली में सरकार बनाने को लेकर जनमत संग्रह
करने वाली आम आदमी पार्टी के भीतर कई जगह बगावत की स्थिति है। कारण यह है कि
पार्टी ने तमाम लोगों से प्रार्थना पत्र माँगे और उनपर विचार करने के पहले ही उन
जगहों से प्रत्याशी भी घोषित कर दिए। टिकट पाने की सिर-फुटौवल तकरीबन हर पार्टी
में है।