उत्तर प्रदेश की 80 में से 55 लोकसभा सीटों के लिए प्रत्याशी घोषित करके क्या मुलायम सिंह ने चुनाव का बिगुल बजा दिया है? हालांकि यह बात उनकी राजनीति से असंगत नहीं है और इस साल विधानसभा चुनाव में विजय पाने के बाद उन्होंने कहा था कि जल्द ही लोकसभा चुनाव के लिए तैयार रहें। ऐसा माना जाता है कि आने वाले लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, अन्ना द्रमुक, अकाली दल जैसे क्षेत्रीय दलों को फायदा मिलेगा। पर जल्द चुनाव के माने क्या हैं? क्या लोकसभा के इसी सत्र में यह फैसला होगा? या सरकार बजट पेश करने के बाद चुनाव की घोषणा करेगी? करेगी भी तो क्यों करेगी? क्या जल्दी चुनाव कराने से कांग्रेस का कुछ भला होने वाला है?
जल्द चुनाव होना क्या समाजवादी पार्टी या बसपा को फायदा पहुँचा सकता है? उत्तर प्रदेश में मुलायम सिंह क्या 40-50 सीटें हासिल कर पाएंगे? नीचे की सूची देखें तो पता लगेगा कि उनकी पार्टी 2004 में 35 सीटें जीती थी, जबकि उसे सिर्फ 23.74 फीसदी वोट मिले थे। पिछले विधानसभा चुनाव में सपा को 30 फीसदी से ज्यदा वोट मिले हैं। इस तरह 40-50 की आशा रखना गलत नहीं लगता। पर वोट का गणित इतना सरल नहीं होता। 1998 में सपा को 28.70 फीसदी वोट मिले और सीटें मिलीं 20। प्रदेश में अब साफ-साफ चार प्रमुख दल चुनाव लड़ते हैं। इनमे बसपा और सपा का कोर वोटर 22-23 फीसदी होता। कम से कम पाँच फीसदी वोट ऐसा है जो हाथ बदलता है और वही निर्णायक है। यह वोटर आमतौर पर शहरी सवर्ण हिन्दू है। इस आधार पर कांग्रेस या बीजेपी को उसका वोट पड़ना चाहिए। पर वह दोनों पार्टियों से निराश है। पिछले विधान सभा चुनाव में उसने सपा का साथ दिया था, पर लोकसभा चुनाव में भी साथ देगा, इसकी गारंटी नहीं है। उत्तर प्रदेश के राज-काज से शहरी वोटर खुश नहीं है। यह वोट कांग्रेस को भी मिल सकता है। देर से चुनाव होने पर इस नाराज़ वोटर की संख्या बढ़ती जाएगी।
इस वक्त केन्द्र सरकार के साथ सपा के रिश्ते अच्छे हैं। वह चाहे तो उत्तर प्रदेश के लिए कुछ अच्छी परियोजना लाकर अपनी लोकप्रियता को बढ़ा भी सकते हैं। जैसे कि आसार हैं अमेरिकी चुनाव में बराक ओबामा की जीत के बाद अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में पेट्रोलियम की कीमतें गिरेंगी। भारत की अर्थव्यवस्था फिर से तेजी पकड़ रही है। इसका लाभ भी उठाया जा सकता है। दूसरी ओर मुलायम सिंह एक नए मोर्चे की बात सोच रहे हैं, पर फिलहाल वह भी सामने नहीं है। अगले हफ्ते लोकसभा का शीत सत्र शुरू हो रहा है। उसमें कई बातें साफ होंगी।
समाजवादी पार्टी द्वारा घोषित 55 प्रत्याशियों की सूची
जल्द चुनाव होना क्या समाजवादी पार्टी या बसपा को फायदा पहुँचा सकता है? उत्तर प्रदेश में मुलायम सिंह क्या 40-50 सीटें हासिल कर पाएंगे? नीचे की सूची देखें तो पता लगेगा कि उनकी पार्टी 2004 में 35 सीटें जीती थी, जबकि उसे सिर्फ 23.74 फीसदी वोट मिले थे। पिछले विधानसभा चुनाव में सपा को 30 फीसदी से ज्यदा वोट मिले हैं। इस तरह 40-50 की आशा रखना गलत नहीं लगता। पर वोट का गणित इतना सरल नहीं होता। 1998 में सपा को 28.70 फीसदी वोट मिले और सीटें मिलीं 20। प्रदेश में अब साफ-साफ चार प्रमुख दल चुनाव लड़ते हैं। इनमे बसपा और सपा का कोर वोटर 22-23 फीसदी होता। कम से कम पाँच फीसदी वोट ऐसा है जो हाथ बदलता है और वही निर्णायक है। यह वोटर आमतौर पर शहरी सवर्ण हिन्दू है। इस आधार पर कांग्रेस या बीजेपी को उसका वोट पड़ना चाहिए। पर वह दोनों पार्टियों से निराश है। पिछले विधान सभा चुनाव में उसने सपा का साथ दिया था, पर लोकसभा चुनाव में भी साथ देगा, इसकी गारंटी नहीं है। उत्तर प्रदेश के राज-काज से शहरी वोटर खुश नहीं है। यह वोट कांग्रेस को भी मिल सकता है। देर से चुनाव होने पर इस नाराज़ वोटर की संख्या बढ़ती जाएगी।
इस वक्त केन्द्र सरकार के साथ सपा के रिश्ते अच्छे हैं। वह चाहे तो उत्तर प्रदेश के लिए कुछ अच्छी परियोजना लाकर अपनी लोकप्रियता को बढ़ा भी सकते हैं। जैसे कि आसार हैं अमेरिकी चुनाव में बराक ओबामा की जीत के बाद अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में पेट्रोलियम की कीमतें गिरेंगी। भारत की अर्थव्यवस्था फिर से तेजी पकड़ रही है। इसका लाभ भी उठाया जा सकता है। दूसरी ओर मुलायम सिंह एक नए मोर्चे की बात सोच रहे हैं, पर फिलहाल वह भी सामने नहीं है। अगले हफ्ते लोकसभा का शीत सत्र शुरू हो रहा है। उसमें कई बातें साफ होंगी।
उत्तर प्रदेश से लोकसभा चुनाव के प्रमुख नतीजे (काले रंग से सीटें लाल रंग से वोट प्रतिशत)
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1977
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1980
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1984
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1989
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1991
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1996
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1998
|
1999
|
2004
|
2009
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कुल
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85
|
85
|
85
|
85
|
85
|
85
|
85
|
85
|
80
|
80
|
कांग्रेस
|
00
24.99
|
51
35.90
|
83
51.03
|
15
31.77
|
05
18.02
|
05
8.14
|
00
6.02
|
10
14.72
|
09
12.04
|
21
18.25
|
भाजपा
|
|
|
|
|
51
32.84
|
52
33.44
|
57
36.49
|
29
27.64
|
10
22.17
|
10
17.50
|
सपा
|
|
|
|
|
|
16
20.84
|
20
28.70
|
26
24.06
|
35
23.74
|
23
23.26
|
बसपा
|
|
|
|
02
9.93
|
|
06
20.61
|
04
20.90
|
14
22.08
|
19
24.67
|
20
27.42
|
जदल
|
|
|
|
54
39.50
|
22
21.27
|
|
|
|
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जपा
|
85
68.07
|
|
02
31.64
|
|
04
10.46
|
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समाजवादी पार्टी द्वारा घोषित 55 प्रत्याशियों की सूची
S. No | Constituency | Candidate Name |
1 | Mainpuri | Mulayam Singh Yadav (sitting) |
2 | Kairana | Nahid Hasan |
3 | Muzaffarnagar | Gaurav Swarup |
4 | Nagina | Yashvir Singh (sitting) |
5 | Moradabad | Dr S T Hasan |
6 | Amroha | Mrs Humera |
7 | Baghpat | Dr Vijay Kumar |
8 | Ghaziabad | Sudhan Rawat |
9 | Gautambudh Nagar | Narendra Bhati |
10 | Hathras(r) | Ramji Lal Suman |
11 | Mathura | Chandan Singh |
12 | Agra(r) | Mahraj Singh Dhangar |
13 | Fatehpur Sikri | Dr Rajendra Singh |
14 | Firozabad | Akshay Yadav |
15 | Etah | Devenra Singh |
16 | Badaun | Dharmendra Yadav (sitting) |
17 | Aonla | Kunwar Sarvraj Singh |
18 | Pilibhit | Budhsen Verma |
19 | Shahjahanpur(r) | Mithlesh Kumar (sitting) |
20 | Kheri | Ravi Prakash Verma |
21 | Dhaurhara | Anand Bhadauria |
22 | Hardoi(r) | Usha Verma (sitting) |
23 | Mishrikh(r) | Jai Prakash Rawat |
24 | Unnao | Aruna Shankar Shukla |
25 | Mohanlalganj(r) | Sushila Saroj (sitting) |
26 | Lucknow | Ashok Bajpai |
27 | Sultanpur | Shakil Ahmed |
28 | Pratapgarh | C N Singh |
29 | Etawah(r) | Premdas Kateria (sitting) |
30 | Kannauj | Dimple Yadav (sitting) |
31 | Akbarpur | Lal Singh Tomar |
32 | Jalaun(r) | Ghanshyam Anuragi (sitting) |
33 | Jhansi | Chandrapal Singh Yadav |
34 | Hamirpur | Vishambhar Prasad Nishad |
35 | Banda | R K Patel (sitting) |
36 | Fatehpur | Rakesh Sachan (sitting) |
37 | Kaushambi(r) | Shailendra Kumar (sitting) |
38 | Allahabad | Reoti Raman Singh (sitting) |
39 | Barabanki(r) | Rajrani Rawat |
40 | Faizabad | Tilakram Verma |
41 | Bahraich(r) | Shabbir Ahmed Balmiki |
42 | Kaiserganj(r) | Brij Bhushan Saran Singh (sitting) |
43 | Gonda | Kirti Vardhan Singh |
44 | Domaryaganj | Mata Prasad Pandey |
45 | Basti | Brij Kishore Singh |
46 | Gorakhpur | Rajmati Nishad |
47 | Lalganj(r) | Doodhnath Saroj |
48 | Ghosi | Balkishan Chauhan |
49 | Ballia | Neeraj Shekhar (sitting) |
50 | Jaunpur | K P Yadav |
51 | Machchlishahr | Toofani Saroj (sitting) |
52 | Chanduali | Ram Kishun (sitting) |
53 | Varanasi | Surendra Singh Patel |
54 | Bhadohi | Seema Misra |
55 | Robertsganj(r) | Pakauri Lal Kol (sitting) |
मुलायम के लिए लोस मेँ सीटेँ जीतने की संख्या समय के व्यत्क्रुमानुपाती है अर्थात मुलायम जानते हैँ कि वो लोकसभा के लिए जितनी देर इंतजार करेगेँ उतनी ही कम सीटेँ जीतने की संभावना अधिक हो जाएगी। आखिलेश के निर्णय तो एक मुख्यमंत्री के रुप मेँ सही है लेकिन पार्टी के कार्यकर्ताओँ (जो अधिकतर गुण्डे/ठेकेदार/माफिया हैँ) पर नियंत्रण निरंतर चुनौती बनी हुई है। अखिलेश को देखकर अगर लोगोँ ने लोस मेँ वोट दिया तो सपा का तो भला होगा लेकिन आम का पचताना निश्चित है।
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