मंजुल का कार्टून
v दिल्ली में विधानसभा भंग न करके उसे निलंबित रखने
का केवल एक मतलब है कि भविष्य में भाजपा की सरकार बन सकती है। भाजपा अभी सरकार बनाना
नहीं चाहती, क्योंकि उससे लोकसभा चुनाव में उसकी छवि खराब होगी। पर कांग्रेस की केंद्र
सरकार भी लोकसभा चुनाव के साथ दिल्ली विधानसभा चुनाव नहीं चाहती। केजरीवाल की राजनीति का अगला चरण क्या होगा, अब यह मीडिया की ुत्सुकता का विषय है। ज्यादातर अखबारों में खबर है कि केजरीवाल
अब हरियाणा से अपना चुनाव अभियान शुरू करने वाले हैं। फिलहाल इस कयास को विराम लगा है कि दिल्ली विधानसभा के चुनाव भी लोकसभा चुनाव के साथ होंगे।
नवभारत टाइम्स
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Sunday, February 16, 2014
अब शुरू होगा झाड़ू चलाओ, बेईमान भगाओ अभियान
सड़क छाप राजनीति के खतरे
पिछले दिनों दिल्ली में आम
आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के धरने के बाद यह सवाल उठा था कि दफा
144 को तोड़कर धरना देना क्या उचित है? केजरीवाल ने संविधान की रक्षा करने की शपथ ली
थी। धारा 144 का उल्लंघन करना क्या उन्हें शोभा देता है? और उनके
कानून मंत्री सोमनाथ भारती ने जिस तरह दिल्ली के एक इलाके में छापा मारा वह क्या
उचित था? पर अब केजरीवाल सांविधानिक बंधनों से मुक्त हैं।
मुख्यमंत्री का पद छोड़ते ही उन्होंने घोषणा की है कि भ्रष्टाचार-विरोधी अपनी
मुहिम को वे सड़कों पर ले जाएंगे। यानी देश की सड़कों पर अब अफरा-तफरी बढ़ेगी।
व्यवस्था के शुद्धीकरण की दिशा में क्या यह बेहतर कदम होगा?
या अराजकता का नंगा नाच शुरू होने वाला है? इस हफ्ते कुछ ऐसी
घटनाएं देखने को मिली हैं, जो डर पैदा करती हैं। केजरीवाल की तरह आंध्र के
मुख्यमंत्री किरण कुमार भी तेलंगाना के सवाल पर धरने पर बैठे थे। हो सकता है कि वे
भी इस्तीफा देकर अपनी लड़ाई सड़कों पर ले जाने की घोषणा करें। क्या वजह है कि
हमारा संसद पर से विश्वास उठ रहा है और राजनीतिक दल अपनी लड़ाई सड़कों पर ले जाने
की घोषणा कर रहे हैं? और क्या वजह है कि वे संसद और सड़क का
अंतर नहीं कर पा रहे हैं?
Saturday, February 15, 2014
केजरीवाल हिट विकेट @49
मंजुल का कार्टून |
हिंदू में सुरेंद्र |
इंडियन एक्सप्रेस में उन्नी |
केजरीवाल के इस्तीफे को मीडिया ने अलग-अलग अर्थ में लिया है। जागरण में आज का शीर्षक है 'सत्ता छोड़ भागे केजरी', नवभारत टाइम्स के पहले पेज की सुर्खी है 'केजरी का ब्रेकअप डे' भीतर के पेज पर खबर है 'AK का परफेक्ट एक्ज़िट प्लान', भास्कर की लीड है 'आप जैसे आए वैसे ही गए', राष्ट्रीय सहारा की लीड है 'जनलोकपाल पर सरकार 'कुर्बान', हिन्दुस्तान की लीड है 'केजरीवाल ने मैदान छोड़ा', टाइम्स ऑफ इंडिया का शीर्षक है 'DAYS FOR KEJRIFALL', कोलकाता के टेलीग्राफ की लीड है 'KEJRI QUITS' केजरी और क्विट्स के बीच एक मफलर है, इंडियन एक्सप्रेस की लीड है 'Arvind Kejriwal’s second act begins'। इन सभी शीर्षकों से ज़ाहिर है कि किसी को विस्मय नहीं हुआ। केजरीवाल के चक्कर में आज के अखबार सीमांध्र के सांसदों को भूल गए।
नवभारत टाइम्स
Thursday, February 13, 2014
क्रिकेट की नीलामी और मोदी की चाय
हिंदू में सुरेंद्र का कार्टून |
मंजुल का कार्टून |
इंडियन एक्सप्रेस में उन्नी |
रेल बजट से ज्यादा महत्वपूर्ण वह हंगामा हो गया, जो तेलंगाना के नाम पर हुआ। प्रधानमंत्री की वेदना को उनके ही मंत्री पल्लम राजू ने हवा में उड़ा दिया। आईपीएल की नीलामी अब कुछ साल तक सुर्खियों में रहेगी। इतना समझ में आ रहा है कि जितना महंगा खिलाड़ी है, उतने ही खराब प्रदर्शन की आशा है। कम नामी खिलाड़ी अपनी क्षमता को साबित करने के बेहतर खेलते हैं। मोदी की चाय पार्टी के साथ राजनीति की रंगत बदल रही है। केजरीवाल उस हिना की तरह हैं जो घिसते-घिसते रंग ला रही है। इस चक्कर में रेल बजट अंडरप्ले हो गया। वेलेंटाइन डे भी मुँह बिसूर रहा है। बहरहाल नजर डालें आज की सुर्खियों पर
नवभारत टाइम्स
Wednesday, February 12, 2014
केजरी का गैस बम और तेलंगाना पर धमा-धम
हिंदू में केशव का कार्टून |
इंडियन एक्सप्रेस में उन्नी |
जयपाल रेड्डी जिस मामले को लेकर पेट्रोलियम मंत्रालय से हटे थे, उसे लेकर अरविंद केजरीवाल ने सख्त रुख अख्तियार कर लिया है। उधर आंध्र प्रदेश का मामला शंत नहीं हो रहा। ऐसे में क्रिकेट की स्पॉट फिक्सिंग बेचारी छोडी खबर बनकर रह गई है। नरेंद्र मोदी के बाद एक और फिल्म अभिनेत्री ने राहुल गांधी के नाम पर न्यूड तस्वीरें खिंचाने का फैसला किया है। मार्केटिंग का फंडा रोचक होता जा रहा है। पढ़ें आज की कतरनें
नवभारत टाइम्स
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