लेखक मंच’ प्रकाशन की चौथी पुस्तक ‘अपने बच्चे को दें विज्ञान दृष्टि’ अंग्रेजी पुस्तक का अनुवाद है। इस किताब में लेखिका ने लिखा है कि बच्चों को सवाल पूछने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। एकबार नोबेल पुरस्कार विजेता भौतिकविद इसीडोर आई राबी से उनके एक दोस्त ने पूछा, आप अपने आस-पड़ोस के बच्चों की तरह डॉक्टर, वकील, या व्यापारी बनने के बजाय वैज्ञानिक क्यों बने?
राबी ने जवाब दिया, मेरी माँ ने अनजाने में ही मुझे वैज्ञानिक बना दिया। ब्रुकलिन में रहने वाली हर यहूदी माँ स्कूल से लौटने वाले अपने बच्चे से पूछती थी, तो तुमने आज स्कूल में कुछ सीखा कि नहीं? लेकिन मेरी माँ ऐसा नहीं करती थी। वह हमेशा एक अलग तरह का सवाल मुझसे पूछती थी, इज्जी क्या तुमेन आज क्लास में कोई अच्छा सवाल पूछा? दूसरी माताओं से उनके इस फर्क यानी अच्छे सवाल को महत्व देने की उनकी खूबी ने मुझे वैज्ञानिक बना दिया।
अगर हम बच्चों के सभी सवालों के जवाब नहीं दे पाते हैं तो इसमें कोई हर्ज नहीं। किसी के पास सभी सवालों के जवाब नहीं होते, यहाँ तक कि बड़े-बड़े वैज्ञानिकों के पास भी नहीं।
इस किताब के लेखक नैन्सी पाउलू और मार्गेरी मार्टिन हैं। अनुवाद आशुतोष उपाध्याय ने किया है। बच्चों को विज्ञान को लेकर जिज्ञासू बनाने की दिशा में यह महत्वपूर्ण पुस्तक है। इस पुस्तक की भूमिका यहां दी जा रही है-
‘क्यों?’
एक ऐसा सवाल, जिसका जवाब देने का प्रयास हम माता-पिता हमेशा से करते आए हैं। यह अच्छी बात है कि बच्चे सवाल पूछते हैं– सीखने का इससे बढिय़ा कोई और तरीका नहीं हो सकता। सभी बच्चों के पास सीखने के दो आश्चर्यजनक स्रोत होते हैं– कल्पनाशीलता और उत्सुकता। माता-पिता के रूप में आप अपने बच्चे की कल्पनाशीलता व उत्सुकता को बढ़ावा देकर उसे सीखने के आनन्द से सराबोर कर सकते हैं।
‘अपने बच्चे को दें वैज्ञानिक दृष्टि’ विभिन्न शैक्षिक विषयों पर अभिभावकों के लिए लिखी गई पुस्तक शृंखला की एक कड़ी है, ताकि वे बच्चों की सहज उत्सुकता का जवाब दे सकें। शिक्षण और सीखना महज स्कूल की चारदीवारी के भीतर सम्पन्न होने वाली रहस्यमय गतिविधियाँ नहीं हैं। वे तब भी होती हैं, जब माता-पिता और बच्चे बेहद आसान चीजों को साथ-साथ करते हैं।
उदाहरण के लिए–आप और आपका बच्चा सीखने के लिए किस तरह की गतिविधियाँ कर सकते हैं– धुलने वाले कपड़ों के ढेर से मोजों को उनके जोड़ों के हिसाब से छाँटकर गणित और विज्ञान की गुत्थियाँ सुलझा सकते हैं। साथ मिलकर खाना बना सकते हैं, क्योंकि खाना बनाने से गणित और विज्ञान के अलावा अच्छी सेहत की भी सीख मिलती है। एक-दूसरे को कहानियाँ सुना सकते हैं। कहानी सुनाना पढऩे और लिखने का आधार है (इसके अलावा बीते दिनों की कहानियों को ही तो इतिहास कहते हैं)। आप अपने बच्चे के साथ स्टापू खेल सकते हैं। उछल-कूद वाले इन खेलों से बच्चे गिनती सीखते हैं और जीवनपर्यंत अच्छी सेहत का पाठ भी पढ़ते हैं।
बच्चों के साथ मिलकर कुछ करने से आप समझ जाएँगे कि सीखना मनोरंजक और बेहद महत्वपूर्ण क्रियाकलाप है। ऐसा करके आप अपने बच्चे को पढऩे, सीखने और स्कूल में रहने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।
पुस्तक : अपने बच्चे को दें विज्ञान दृष्टि
लेखक : नैन्सी पाउलू और मार्गेरी मार्टिन
अनुवाद : आशुतोष उपाध्याय
प्रकाशक : लेखक मंच प्रकाशन
433 नीतिखंड-3, इंदिरापुरम
गाजियाबाद-201014
ईमेल : anuraglekhak@gmail.com
मूल्य(अजिल्द) : 40 रुपये
(सजिल्द) : 75 रुपये
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