प्रशांत किशोर का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी अभी दशकों तक ताकतवर बनी रहेगी। राहुल गांधी को यदि लगता है कि मोदी की लोकप्रियता कम हो रही है, तो वे गलत सोच रहे हैं। प्रशांत किशोर की कंसल्टेंसी संस्था इंडियन पोलिटिकल एक्शन कमेटी (आईपीएसी) इन दिनों तृणमूल कांग्रेस के साथ है और उन्होंने यह बात गोवा में कही है।
इसके पहले प्रशांत किशोर ने इस महीने के शुरू
में कहा था कि कांग्रेस पार्टी यदि समझती है कि लखीमपुर खीरी के घटनाक्रम के बाद राहुल
और प्रियंका गांधी की आक्रामक मुद्रा से पार्टी का पुनरुद्धार हो जाएगा, तो यह गलत
सोच है। प्रशांत किशोर के ताजा बयान बता रहे हैं कि उनकी कांग्रेस पार्टी से दूसरी
बन चुकी है, जबकि पिछले महीने तक ऐसा लग रहा था कि शायद वे कांग्रेस पार्टी में
बाकायदा शामिल हो जाएं।
जुलाई के महीने में खबरें थीं कि प्रशांत
किशोर के साथ राहुल, सोनिया और प्रियंका गांधी की एक साथ हुई मुलाक़ात काफ़ी सुर्खियाँ बटोर रही है। समाचार पत्रों से लेकर तमाम न्यूज़ चैनल में
सूत्र बता रहे थे कि 'कुछ बड़ा' होने वाला है। यह 'बड़ा' क्या है? इसके बारे खुल कर कोई कुछ नहीं बता रहा था। चारों की मुलाक़ात की आधिकारिक
पुष्टि भी अंततः हो गई। और लगने लगा कि यह बड़ा प्रशांत किशोर हैं,
जो कांग्रेस में बाकायदा शामिल हो सकते हैं। कांग्रेस में उनके शामिल होने की खबर इतने जोरदार तरीके से
सुनाई पड़ी है कि राहुल गांधी की करीबी मानी जाने वाली एक नेता ने ट्वीट करके इस खबर का स्वागत भी कर दिया। इसके फौरन बाद यह ट्वीट डिलीट कर दिया गया।
पार्टी सूत्रों ने बताया कि इस मुलाकात का अनुरोध प्रशांत किशोर ने किया था। यह मुलाकात
चार घंटे तक चली थी।
इस साल के शुरू में पश्चिम बंगाल में हुए विधान
सभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस की सफलता के बाद से प्रशांत किशोर का महत्व बढ़ा
है। इस बीच तृणमूल कांग्रेस ने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी गतिविधियाँ बढ़ा दी हैं।
गोवा में गतिविधियाँ भी पार्टी के बढ़ते कदमों की ओर इशारा कर रही है।
प्रशांत किशोर का कहना है कि बीजेपी अब भारतीय राजनीति में महत्वपूर्ण बनी रहेगी। वह जीते या हारे उसका वैसा ही महत्व बना रहेगा, जैसा स्वतंत्रता के बाद के पहले 40 वर्षों तक था। जैसे ही कोई पार्टी 30 फीसदी या ज्यादा वोट जीतने लग जाती है, तब उसका मतलब होता है कि जल्द ही उसका महत्व खत्म होने वाला नहीं है।