Sunday, April 3, 2011

विश्व-विजय के अखबार

भारत की टीम क्रिकेट के मैदान में कुछ कर डाले तो समूचा मीडिया झूम पड़ता है। मार्केट की मजबूरी है कि इनमें एक से बढ़कर एक कुछ करने की ललक रहती है। अगली सुबह हर दफ्तर में लहक-लहक कर अपनी तारीफ और दूसरों की कमियों पर इशारा करने का माहौल रहता है। बहरहाल अखबारों के पहले सफे से माहौल का पता लगता हो तो कुछ तस्वीरे लगा रहा हूँ। एक कोलाज मीडिया ब्लॉग चुरुमुरी से लिया है।
















5 comments:

  1. ब्लागिंग यह है, ब्लागिंग वह है। कुल मिलाकर ब्लागिंग मज़ेदार है, असरदार है और जनता के दिल की आवाज़ है। हरेक विषय पर यहां सोच-विचार और वार्तालाप मौजूद है।
    ब्लागिंग की तरह ही क्रिकेट पर भी हरेक के अपने अपने विचार हैं। आज ब्लागिंग पर विश्व कप प्राप्ति का चर्चा आम है। लोग आज खुश हैं। खुशी अच्छी चीज़ है और सच्ची खुशी आज भी दुर्लभ है। ज़्यादा लोग वह जानते हैं जो कि सामने से दिखाई देता है जबकि अंदर की हक़ीक़त वे जानते हैं जिनके पास गहरी नज़र है। गहरी नज़र वाले कम हैं और उनकी मानने वाले तो और भी कम हैं। हर जगह ऐसा ही है। ब्लागिंग में भी ऐसा ही है।

    क्रिकेट के नाम पर हमारा ध्यान असल समस्याओं से हटाया जा रहा है World Cup 2011

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  2. क्रिकेट में विश्व विजय का अपना अलग ही महत्त्व है.लिहाज़ा अखबारों के मुख्य पृष्ठों पर यह तो होना ही था.
    फेसबुक और ब्लोग्स पर भी इसी विश्व विजय की चर्चा है.चलिए कुछ तो मौका मिला घोटालों और महंगाई से रो रहे आम आदमी को खुशी मनाने का फिर चाहे यह खुशी अस्थायी ही क्यों न हो.

    आप को भी इस विश्व विजय की बहुत बहुत बधाई!

    सादर

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  3. प्रभात खबर की प्रस्तुति सबसे बेहतर लगी।

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